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दिल्ली में 41 लाख लोगों को सफर में हो सकती है परेशानी, DTC कर्मचारी 9 दिसंबर से करेंगे चक्का जाम - DTC EMPLOYEE STRIKE UPDATE

-डीटीसी कर्मचारी 9 दिसंबर से सभी डिपो में करेंगे चक्का जाम -दिल्ली में 41 लाख लोगों को सफर में हो सकती है परेशानी

दिल्ली में 41 लाख लोगों को सफर में हो सकती है परेशानी
दिल्ली में 41 लाख लोगों को सफर में हो सकती है परेशानी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 5, 2024, 3:55 PM IST

Updated : Dec 6, 2024, 2:51 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम के करीब 27 हजार संविदा कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मार्शलों की राह पर चल पड़े हैं. दरअसल, डीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों का समाधान न होने पर डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने 9 दिसंबर से सभी डिपो में बसों का चक्का जाम किए जाने की घोषणा की है. बीते महीने दिल्ली में डीटीसी कर्मचारियों ने हड़ताल की थी, उस दौरान बसों का संचालन काफी प्रभावित हुआ था. तब DTC बसों से सफर करने वाले लाखों यात्री परेशान हुए थे.

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के प्रेसिडेंट ललित चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री आतिशी, डीटीसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ बैठक कर उनकी कई मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक उसे पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में अब विभाग के अधिकारियों को मांगें पूरी करने के लिए पांच दिसंबर तक का ही समय दिया था. ऐसे में अब 9 दिसंबर से राजधानी के सभी डिपो में बसों का चक्का जाम किया जाएगा.

DTC कर्मचारियों को नोटिस जारी: दूसरी तरफ, डीटीसी बसों का संचालन रुकने के डर से विभाग की ओर से ये नोटिस जारी किया है. जिसमें कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि अगर कोई भी कर्मचारी 5 से 9 दिसंबर तक छुट्टी पर रहता है तो माना जाएगा कि वह डीटीसी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल है और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है. दिल्ली में एक बार फिर डीटीसी बसों का संचालन रुकने के डर से विभाग की ओर से ये नोटिस जारी किया गया है.

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इन मांगों को लेकर DTC कर्मचारी है अडिग: यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी के मुताबिक, 10-15 सालों से संविदा पर कर्मचारी काम कर रहे हैं. इन कर्मचारी द्वारा नीचे दिए विभिन्न मांगों को लेकर बीते दो महीनों में दो बार धरना दिया जा चुका है. बीते नवंबर में दिए गए धरने के दौरान सीएम आतिशी और डीटीसी के अधिकारियों ने मांगों पर विचार के लिए 15 दिन का समय मांगा था. अब यह अवधि पांच दिसंबर को पूरी हो रही है.

  1. तनख्वाह का भुगतान:कर्मचारियों की तनख्वाहों में देरी हो रही है, जिसके कारण वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. जल्द से जल्द तनख्वाह का भुगतान किया जाए.
  2. कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का स्थायीकरण:सभी अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए और जब तक स्थायीकरण प्रक्रिया पूरी न हो, समान काम का समान वेतन लागू किया जाए.
  3. अनुकंपा आश्रित और संवाहकों का नियमितीकरण:लंबे समय से अनुबंध पर काम कर रहे संवाहकों को नियमित किया जाए और उनकी सेवाओं को स्थायी किया जाए.
  4. टीए, सीएल, और सरकारी अवकाश की सुविधा:डीटीसी अनुबंध कर्मचारियों को यात्रा भत्ता (टीए) और 15 दिन की चतुर्थ श्रेणी अवकाश (सीएल) दिया जाए, जैसा कि डिम्ट्स कंपनी में दिया जाता है. साथ ही, कर्मचारियों को सरकारी अवकाश का भुगतान भी किया जाए.
  5. ड्यूटी और वेतन में सुधार:कर्मचारियों की ड्यूटी 8-30 घंटे निर्धारित की जाए, और ओवरटाइम की स्थिति में उन्हें दोगुना वेतन दिया जाए. इसके अलावा, डिपो मैनेजरों को कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए हर महीने एक दिन निर्धारित किया जाए.
  6. कंपनी के एग्रीमेंट का पुनः मूल्यांकन:प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों से जो एग्रीमेंट साइन कराया जाता है, उसे गैर संवैधानिक और शोषणपूर्ण बताया गया है, और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की गई है.
  7. इलेक्ट्रिक बसों की दुर्घटनाओं पर प्रतिक्रिया:इलेक्ट्रिक बसों से बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर, यूनियन ने प्रस्तावित किया है कि डीटीसी के अनुभवी ड्राइवरों को ही इन बसों का संचालन सौंपा जाए, ताकि कर्मचारी बेरोजगार न हों.
  8. यूनियन ने डीटीसी विभाग में 60% स्थाई और 40% अनुबंध कर्मचारी रखने का भी आग्रह किया है, जैसा कि कंपनी एक्ट के तहत नियम है, लेकिन वर्तमान में 100% संवाहक कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं.

प्रदर्शन से लाखों लोग होंगे परेशान: डीटीसी के संविदा कर्मचारियों 9 दिसंबर से राजधानी के सभी डिपो में एक साथ बसों का चक्का जाम करेंगे. इससे दिल्ली में लाखों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. दिल्ली में रोजाना बसों में 41 लाख लोग सफर करते हैं. कर्मचारियों के प्रदर्शन से बसों का संचालन प्रभावित होगा, जिसका असर सीधा यात्रियों पर पड़ेगा. हालांकि डीटीसी के अधिकारी भी चाहते हैं कि यह आंदोलन न हो और जल्द से जल्द संविदा कर्मचारियों की दो-तीन मांगों को पूरा कर लिया जाए.

17 नवंबर को कर्मचारियों ने की थी हड़ताल: बता दें, इससे पहले डीटीसी के कर्मचारियों ने 17 नवंबर को हड़ताल की थी. तब डीटीसी के बसों में सफर करने वाले लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते कई लोग मेट्रो से सफर किए, तो कई अन्य साधनों के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंच थे. इसके बावजूद लोग जद्दोजहद करते हुए दिखाई दिए थे. उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचने में लंबा इंतजार करना पड़ा था.

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नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम के करीब 27 हजार संविदा कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मार्शलों की राह पर चल पड़े हैं. दरअसल, डीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों का समाधान न होने पर डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने 9 दिसंबर से सभी डिपो में बसों का चक्का जाम किए जाने की घोषणा की है. बीते महीने दिल्ली में डीटीसी कर्मचारियों ने हड़ताल की थी, उस दौरान बसों का संचालन काफी प्रभावित हुआ था. तब DTC बसों से सफर करने वाले लाखों यात्री परेशान हुए थे.

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के प्रेसिडेंट ललित चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री आतिशी, डीटीसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ बैठक कर उनकी कई मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक उसे पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में अब विभाग के अधिकारियों को मांगें पूरी करने के लिए पांच दिसंबर तक का ही समय दिया था. ऐसे में अब 9 दिसंबर से राजधानी के सभी डिपो में बसों का चक्का जाम किया जाएगा.

DTC कर्मचारियों को नोटिस जारी: दूसरी तरफ, डीटीसी बसों का संचालन रुकने के डर से विभाग की ओर से ये नोटिस जारी किया है. जिसमें कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि अगर कोई भी कर्मचारी 5 से 9 दिसंबर तक छुट्टी पर रहता है तो माना जाएगा कि वह डीटीसी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल है और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है. दिल्ली में एक बार फिर डीटीसी बसों का संचालन रुकने के डर से विभाग की ओर से ये नोटिस जारी किया गया है.

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इन मांगों को लेकर DTC कर्मचारी है अडिग: यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी के मुताबिक, 10-15 सालों से संविदा पर कर्मचारी काम कर रहे हैं. इन कर्मचारी द्वारा नीचे दिए विभिन्न मांगों को लेकर बीते दो महीनों में दो बार धरना दिया जा चुका है. बीते नवंबर में दिए गए धरने के दौरान सीएम आतिशी और डीटीसी के अधिकारियों ने मांगों पर विचार के लिए 15 दिन का समय मांगा था. अब यह अवधि पांच दिसंबर को पूरी हो रही है.

  1. तनख्वाह का भुगतान:कर्मचारियों की तनख्वाहों में देरी हो रही है, जिसके कारण वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. जल्द से जल्द तनख्वाह का भुगतान किया जाए.
  2. कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का स्थायीकरण:सभी अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए और जब तक स्थायीकरण प्रक्रिया पूरी न हो, समान काम का समान वेतन लागू किया जाए.
  3. अनुकंपा आश्रित और संवाहकों का नियमितीकरण:लंबे समय से अनुबंध पर काम कर रहे संवाहकों को नियमित किया जाए और उनकी सेवाओं को स्थायी किया जाए.
  4. टीए, सीएल, और सरकारी अवकाश की सुविधा:डीटीसी अनुबंध कर्मचारियों को यात्रा भत्ता (टीए) और 15 दिन की चतुर्थ श्रेणी अवकाश (सीएल) दिया जाए, जैसा कि डिम्ट्स कंपनी में दिया जाता है. साथ ही, कर्मचारियों को सरकारी अवकाश का भुगतान भी किया जाए.
  5. ड्यूटी और वेतन में सुधार:कर्मचारियों की ड्यूटी 8-30 घंटे निर्धारित की जाए, और ओवरटाइम की स्थिति में उन्हें दोगुना वेतन दिया जाए. इसके अलावा, डिपो मैनेजरों को कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए हर महीने एक दिन निर्धारित किया जाए.
  6. कंपनी के एग्रीमेंट का पुनः मूल्यांकन:प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों से जो एग्रीमेंट साइन कराया जाता है, उसे गैर संवैधानिक और शोषणपूर्ण बताया गया है, और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की गई है.
  7. इलेक्ट्रिक बसों की दुर्घटनाओं पर प्रतिक्रिया:इलेक्ट्रिक बसों से बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर, यूनियन ने प्रस्तावित किया है कि डीटीसी के अनुभवी ड्राइवरों को ही इन बसों का संचालन सौंपा जाए, ताकि कर्मचारी बेरोजगार न हों.
  8. यूनियन ने डीटीसी विभाग में 60% स्थाई और 40% अनुबंध कर्मचारी रखने का भी आग्रह किया है, जैसा कि कंपनी एक्ट के तहत नियम है, लेकिन वर्तमान में 100% संवाहक कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं.

प्रदर्शन से लाखों लोग होंगे परेशान: डीटीसी के संविदा कर्मचारियों 9 दिसंबर से राजधानी के सभी डिपो में एक साथ बसों का चक्का जाम करेंगे. इससे दिल्ली में लाखों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. दिल्ली में रोजाना बसों में 41 लाख लोग सफर करते हैं. कर्मचारियों के प्रदर्शन से बसों का संचालन प्रभावित होगा, जिसका असर सीधा यात्रियों पर पड़ेगा. हालांकि डीटीसी के अधिकारी भी चाहते हैं कि यह आंदोलन न हो और जल्द से जल्द संविदा कर्मचारियों की दो-तीन मांगों को पूरा कर लिया जाए.

17 नवंबर को कर्मचारियों ने की थी हड़ताल: बता दें, इससे पहले डीटीसी के कर्मचारियों ने 17 नवंबर को हड़ताल की थी. तब डीटीसी के बसों में सफर करने वाले लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते कई लोग मेट्रो से सफर किए, तो कई अन्य साधनों के माध्यम से अपने गंतव्य तक पहुंच थे. इसके बावजूद लोग जद्दोजहद करते हुए दिखाई दिए थे. उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचने में लंबा इंतजार करना पड़ा था.

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Last Updated : Dec 6, 2024, 2:51 PM IST
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