रांची: लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड में जमकर तबादले किए जा रहे हैं. तबादलों में नियमों को ताक पर भी रखा जा रहा है जिसके खिलाफ अब आवाज भी उठने लगी हैं. गिरिडीह के खोरी महुआ डीएसपी साजिद जफर ने तो नियमों को ताक पर रख किए गए तबादले को लेकर इस्तीफा देने की बात तक कह दी है.
सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
तबादले का अन्याय पूर्ण फैसला देखकर मैंने नौकरी से इस्तीफा देने के फैसला लिया है. जीवन नौकरी से बड़ा है न्याय की जीत होनी चाहिए, जय हिंद. तबादले के खिलाफ ये पोस्ट एक झारखंड पुलिस के डीएसपी साजिद जफर ने किया है. दरअसल, बुधवार को झारखंड सरकार ने 100 से ज्यादा डीएसपी स्तर के पुलिस अफसरों का तबादला किया है, उनमें एक साजिद जफर भी है. एक माह पूर्व ही साजिद जफर को झारखंड के गिरिडीह जिले के खोरी महुआ एसडीपीओ के रूप में पदस्थापन हुआ था. लेकिन एक महीने बाद ही साजिद जफर का तबादला बोकारो कर दिया गया है. अपने ट्रांसफर की अधिसूचना जारी होने के बाद साजिद जफर ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए यह ऐलान भी किया है कि वह नौकरी से इस्तीफा दे देंगे.
दरअसल, हाल के दिनों में जितने भी ट्रांसफर पोस्टिंग सरकार के द्वारा किए गए हैं उनमें घोर अनियमितता हुई है. सबसे ज्यादा विवाद पुलिस अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर चल रहा है. डीएसपी रैंक में तो ट्रांसफर लिस्ट पूरी तरह से विवादित रहा है. तब आदमी की अधिसूचना जारी होने के बावजूद कई डीएसपी की पोस्टिंग को रातों-रात विलोपित कर दिया गया.
रांची के सदर डीएसपी, खलारी डीएसपी के साथ-साथ कई जिलों में तबादले की अदिसूचना जारी कर दी गई, लेकिन बाद में उन अफसर को दूसरे जिलों में भेज दिया गया. रांची के खलारी डीएसपी के पद पर तो भोला सिंह ने योगदान भी दे दिया था लेकिन दो दिन बाद ही उनका तबादला जमशेदपुर कर दिया गया.
ऐसे में सोशल मीडिया के जरिए एक डीएसपी का सवाल पूरे पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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