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बेवड़ा डॉक्टर की सेवा हुई समाप्त, इलाज से मना करने पर हुई थी बच्चे की मौत - drunk doctor of koyalibeda

drunk doctor service terminated कांकेर का बेवड़ा डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी गई है.डॉक्टर पर नशे में धुत होने के कारण बच्चे का इलाज नहीं करने का आरोप था.इलाज नहीं मिलने से बच्चे की मौत हुई थी.

drunk doctor service terminated
इलाज से मना करने पर हुई थी बच्चे की मौत (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 1, 2024, 12:30 PM IST

कांकेर : कोयलीबेड़ा का बेवड़ा डॉक्टर शीतल दुग्गा को अपने कर्मों की सजा मिली है. आरोप था कि नशे की हालत में धुत होकर जिस वक्त ये डॉक्टर सड़क में लोट रहा था.उस समय एक मासूम पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल में इनकी राह तक रहा था. आखिरकार बच्चे को डॉक्टर ने अटेंड नहीं किया और माता पिता जब तक उसे दूसरे अस्पताल ले जाते उसकी सांसें उखड़ चुकी थी. सीएमएचओ तक जब ये गंभीर मामला पहुंचा तो तत्काल प्रभाव से डॉक्टर शीतल दुग्गा को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

किस डॉक्टर पर लगे आरोप : कांकेर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोयलीबेड़ा में 6 एमबीबीएस डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं. यहां कार्यरत 4 में से एक डॉक्टर को अंतागढ़ अटैच किया गया है.जबकि दो डॉक्टर पीजी करने गए हैं. एकमात्र डॉक्टर शीतल दुग्गा के कंधों पर स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारी थी . लेकिन इसे बदकिस्मती कहेंगे कि डॉक्टर शीतल दुग्गा अंगूर की बेटी के इतने दीवाने हैं कि इनको ड्यूटी का होश ना था. काम के समय में चखना चाटने वाले डॉक्टर को दारु इतनी प्यारी है कि शायद घर में सुबह शाम इसी से नहाते भी होंगे.

drunk doctor service terminated
डॉक्टर शीतल दुग्गा की सेवा समाप्त (ETV Bharat Chhattisgarh)

क्या था मामला ?: ये पूरी घटना सोमवार शाम की बताई जा रही है. टीकेश पटेल अपने बेटे मयंक को लेकर अस्पताल पहुंचे थे. मयंक के पेट में तेज दर्द था. मौके पर कोई भी डॉक्टर मौजूद ना होने के कारण बच्चे को बिना इलाज के ही रेफर कर दिया गया. लेकिन रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई.इस दौरान जब डॉक्टर शीतल दुग्गा को ढूंढा गया तो वो कोयलीबेड़ा के सड़क पर नशे में लोटते हुए नजर आए.जिसका वीडियो परिजनों ने बना लिया.जब इस बात की जानकारी डॉक्टर शीतल को हुई तो आग बबूला हो गए.इसके बाद शीतल दुग्गा ने गाली गलौज पर उतर आए.इस बात की शिकायत परिजनों ने सीएमएचओ से की थी.

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कांकेर : कोयलीबेड़ा का बेवड़ा डॉक्टर शीतल दुग्गा को अपने कर्मों की सजा मिली है. आरोप था कि नशे की हालत में धुत होकर जिस वक्त ये डॉक्टर सड़क में लोट रहा था.उस समय एक मासूम पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल में इनकी राह तक रहा था. आखिरकार बच्चे को डॉक्टर ने अटेंड नहीं किया और माता पिता जब तक उसे दूसरे अस्पताल ले जाते उसकी सांसें उखड़ चुकी थी. सीएमएचओ तक जब ये गंभीर मामला पहुंचा तो तत्काल प्रभाव से डॉक्टर शीतल दुग्गा को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

किस डॉक्टर पर लगे आरोप : कांकेर जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोयलीबेड़ा में 6 एमबीबीएस डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं. यहां कार्यरत 4 में से एक डॉक्टर को अंतागढ़ अटैच किया गया है.जबकि दो डॉक्टर पीजी करने गए हैं. एकमात्र डॉक्टर शीतल दुग्गा के कंधों पर स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारी थी . लेकिन इसे बदकिस्मती कहेंगे कि डॉक्टर शीतल दुग्गा अंगूर की बेटी के इतने दीवाने हैं कि इनको ड्यूटी का होश ना था. काम के समय में चखना चाटने वाले डॉक्टर को दारु इतनी प्यारी है कि शायद घर में सुबह शाम इसी से नहाते भी होंगे.

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डॉक्टर शीतल दुग्गा की सेवा समाप्त (ETV Bharat Chhattisgarh)

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