रुड़की: मंगलौर में ड्रग इंस्पेक्टर ने एक बार फिर क्षेत्र में मिल रही शिकायतों को लेकर मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की है. इस दौरान मेडिकल स्वामियों में हड़कंप मच गया और वो दुकानें बंद कर भाग निकले. साथ ही ड्रग इंस्पेक्टर ने एक मेडिकल स्टोर से पूर्व में बरामद हुई नारकोटिक्स दवाइयों के मामले में कारण बताओ नोटिस का जवाब न मिलने पर लाइसेंस निरस्त करते हुए मंगलौर पुलिस को तहरीर दी है.
24 दिसंबर को हरिद्वार ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती को सूचना मिली कि मंगलौर कस्बे में मेडिकल स्टोरों पर प्रतिबंधित दवाइयां बेची जा रही हैं. इस सूचना पर ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती मंगलौर पहुंच गई, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही मेडिकल संचालकों को उनके आने की खबर लग गई और मेडिकल संचालक अपनी-अपनी दुकानें बंद कर भाग निकले.
वहीं छापेमारी के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर की टीम में शामिल एक पुलिस कर्मी को चोट लग गई, जिससे छापेमारी को बीच में ही रोकना पड़ा, हालांकि ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती द्वारा करीब दो माह पूर्व की गई आलम मेडिकल स्टोर पर छापमारी के दौरान नारकोटिक्स दवाइयां मिलने पर मेडिकल स्वामी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था.
नोटिस का अभी तक कोई जवाब नहीं मिलने पर आज मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. साथ ही ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा आलम मेडिकल संचालक के खिलाफ मंगलौर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है, जिसमें बताया गया कि अगर मेडिकल लाइसेंस रद्द के बाद भी मेडिकल स्वामी द्वारा मेडिकल खोला गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
ड्रग इंस्पेक्टर अनिता भारती ने बताया कि आज मंगलौर में मेडिकल स्टोरों पर जांच की गई है. जांच के दौरान काफी मेडिकल स्टोर संचालक अपनी दुकानें बंद कर फरार हो गए. उन्होंने बताया कि दो माह पहले आलम मेडिकल पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में नारकोटिक्स दवाइयां मिली थी. इस मामले में मेडिकल संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाद भी नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है, जिसके चलते मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त किया गया है. उन्होंने कहा कि अगर लाइसेंस निरस्तीकरण के बाद भी संचालक मेडिकल स्टोर खोलता है तो उसके खिलाफ कानूनी कारवाई करने के लिए पुलिस को तहरीर दी गई है.
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