शिमला: 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सुखविंदर सरकार ने पांच लाख नौकरियों का वादा किया था. सुक्खू सरकार ने इसे अपनी दस गारंटियों में शामिल किया था, लेकिन डेढ़ साल में कई युवा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. आज दृष्टिबाधित संघ ने छोटा शिमला में सरकार के खिलाफ जोरदार धरना प्रदर्शन किया और कुछ देर तक सड़क पर जाम लगा दिया.
हिमाचल प्रदेश सचिवालय से कुछ दूरी पर संघ के सदस्यों ने बीच सड़क पर बैठककर चक्का जाम करने का प्रयास किया. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई. पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर सड़क से हटाने का प्रयास भी किया. दृष्टिबाधित संघ बैकलॉग की भर्तियां ना होने से गुस्साया हुआ है. संघ के सदस्यों ने बताया कि सरकार ने कई बार मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, लेकिन उन्हें अभी तक वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया. प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने सचिवालय पहुंचे दृष्टिबाधितों का कहना है कि पिछले 8 महीने से दृष्टिबाधित लगातार विभिन्न विभागों में लंबित पड़ी बैकलॉग कोटा भर्तियों को एक साथ भरने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
संघ का कहना है कि प्रदेश सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हुई लेकिन उन्हें केवल धोखा ही मिला है. ऐसे में दृष्टिबाधितों को एक बार फिर सड़कों पर उतरना पड़ा है. उनका कहना है कि दृष्टिबाधित होना अपने आप में एक चुनौती है. ऐसे में अगर किसी भी प्रकार की हानि किसी भी दृष्टिबाधित को पहुंचती है तो उसके लिए प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा.
इस साल JOA IT ( पोस्ट कोड 817) के अभ्यर्थियों ने परिणाम की मांग को लेकर शिमला में धरना दिया था, लेकिन अब JOA IT के अभ्यर्थी एचपीआरसीए के कार्यालय के बाहर हमीरपुर में क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. बीजेपी विधायक आईडी लखनपाल और आशीष शर्मा ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार इनकी मांगों को नहीं मानती है तो वो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.