सागर : रात के वक्त दूध पीने को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां हैं लेकिन मेडिकल साइंस इस विषय पर कई शोध और अध्ययन कर चुका है. आमतौर पर यह माना जाता है कि सोने के पहले एक गिलास दूध पीने से नींद अच्छी आती है और ज्यादातर लोग दूध पीते हैं. इसके पीछे तर्क दिए जाते हैं कि दूध प्रोटीन से भरपूर होता है, जिससे रात की वक्त भूख नहीं लगती है और पेट भरा हुआ महसूस होने के कारण अच्छी नींद आती है. कहा यह भी जाता है कि दूध में ट्रिप्टोफेन होता है, जो सेरोटोनिन में परिवर्तित होकर मेलाटोनिन को बढ़ाने का काम करता है, जो अच्छी नींद में मददगार होता है.
मॉडर्न रिसर्च चौंकाने वाली
दूसरी ओर मेडिकल साइंस की मॉडर्न रिसर्च में अलग तरह के परिणाम सामने आए हैं. आमतौर पर लोग गाय और भैंस के दूध का सेवन करते हैं, जिसमें कैसीन और लैक्टोज पाया जाता है जिसको पचाना आसान नहीं होता. इससे रात के वक्त पाचन क्रिया भी सुस्त पड़ जाती है क्योंकि पाचन में सहायक एंजाइम उतने सक्रिय नहीं रहते हैं, जितने दिन के समय रहते हैं. ऐसे में मेडिकल साइंस का कहना है कि रात के वक्त अगर आपका पेट भरा है और दैनिक जरूरत की कैलोरी आप अपने खाने में हासिल कर चुके हैं तो दूध नहीं पीना चाहिए. वहीं अगर दैनिक जरूरत की कैलोरी से कम कैलोरी लेते हैं तो रात के वक्त कम मात्रा में दूध पी सकते हैं. लेकिन कैलोरी ज्यादा होने पर रात की नींद में खलल भी पड़ सकता है.
क्या कहते हैं जानकार?
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के एसो. प्रोफेसर डॉ. सुमित रावत कहते हैं, '' रात के वक्त एक गिलास दूध पीना नुकसानदायक है या फायदेमंद यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस मवेशी का दूध पीते हैं. आमतौर पर लोग गाय और भैंस का दूध उपयोग करते हैं. गाय और भैंस के दूध में A1 और A2 केसिन पाया जाता है. कभी-कभी केसिन और लैक्टोज पचाने में हमारे शरीर को दिक्कत होती है. क्योंकि सोते वक्त पाचन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एंजाइम कम सक्रिय हो जाते हैं. इसलिए रात में दूध ना पीने की सलाह दी जाती है. अगर इसकी जगह बकरी या भेड़ का दूध उपयोग करते हैं, तो वह ठीक होता है. मेडिकल साइंस की मॉडर्न रिसर्च कहती है कि रात के वक्त दूध नहीं पीना चाहिए.''