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गजब का जादू है इस डॉक्टर के हाथों में, हड्डियां चटका कर वर्षों पुराने दर्द को करते हैं छू मंतर - Dr Rajneesh Kant

LALU YADAV आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों में सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस, बैक पेन, कमर दर्द इत्यादि की समस्याएं काफी बढ़ गई है. कई लोग इस बीमारियों को लेकर वर्षों से जूझ रहे हैं. लेकिन पटना में एक ऐसे डॉक्टर हैं जो ऐसी बीमारियों का शरीर की हड्डियां चटका कर बीमारी को जड़ से दूर भगा देते हैं. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और कई केंद्रीय मंत्री और माननीय लोग इनसे ट्रीटमेंट कराकर ठीक हुए हैं. पढ़ें, विस्तार से.

डॉ रजनीश कांत.
डॉ रजनीश कांत. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 15, 2024, 7:07 PM IST

Updated : Aug 15, 2024, 9:33 PM IST

डॉ रजनीश कांत. (ETV Bharat)

पटनाः राजधानी पटना के डॉ रजनीश कांत के हाथों में गजब का जादू है. शरीर को छूकर हड्डियां चटका देते हैं तो शरीर का सारा दर्द गायब हो जाता है. डॉ रजनीश कांत को हाल ही में लंदन में इस विशेष कार्य के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है. डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह महीने में 15 दिन ही प्रैक्टिस करते हैं क्योंकि वह बिना दवाइयां का ट्रीटमेंट करते हैं. इसमें काफी फिजिकल एफर्ट लगता है. इसलिए उनके शरीर को भी आराम चाहिए होता है.

मुंबई में लेते हैं क्लासः डॉक्टर रजनीश कांत ने बताया कि वह ट्रीटमेंट के बाद कुछ व्यायाम प्रिसक्राइब करते हैं और संतुलित आहार लेने को कहते हैं. इसके अलावा वह प्रत्येक महीने की पहली तारीख को गरीब क्षेत्र में निशुल्क कैंप लगाकर लोगों का ट्रीटमेंट करते हैं. सामान्य तौर पर उनके यहां जो मरीज आते हैं उनका वह तीन सेशन लेते हैं. जिसमें तीन दिन बुलाकर उनका ट्रीटमेंट करते हैं और बीमारी दूर हो करते हैं. इसके अलावा प्रत्येक सप्ताह मुंबई में जाकर क्लासेस लेते हैं.

मैन्युअल थेरेपी हैः डॉ रजनीश कांत ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले बिहार से फिजियोथैरेपी की. इसके बाद कनाडा से ओस्टियोपैथी की, इसके बाद स्वीडन से उन्होंने काइरोप्रैक्टर की ट्रेनिंग ली है. काइरोप्रैक्टर में वह ड्रग्लेस थेरेपी करते हैं. स्पाइन की हड्डियों पर काम करते हैं. किसी का कहीं नस दब गया है, किसी का ब्लड सर्कुलेशन नहीं है तो वर्टेब्रा को रिसेट करके ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल करते हैं. यह पूरी तरीके से मैन्युअल थेरेपी है. उनके पास अधिकांश वही मरीज आते हैं जो लगभग 10 वर्षों से दर्द से जूझ रहे होते हैं.

सर्जरी के खिलाफ नहींः डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह माइग्रेन, ज्वाइंटपेन, स्पोर्ट्स इंजरी, हेडएक, डिस्क इंजरी, सर्वाइकल प्रॉब्लम, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों की थेरेपी करते हैं. सर्जरी के खिलाफ नहीं हैं. उनके पास जो पेशेंट आते हैं तो पहले उनका वह एग्जामिन करते हैं और यदि सर्जरी का केस होता है तो उसे वह ऑर्थो और एलोपैथिक के चिकित्सकों के यहां ट्रांसफर कर देते हैं. उनके पास अधिकांश ऐसे पेशेंट आते हैं, परिजन टांग करके लेकर आते हैं लेकिन तीन दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह अपने पैरों पर चलकर घर जाते हैं.

लाइफस्टाइल डिजीज: डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह पटना में 2018 से प्रैक्टिस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हड्डी बैठाने की कला उनके हाथों में बचपन से थी. लेकिन कोई भी कला की प्रैक्टिस के लिए मेडिकली अप्रूव्ड होना जरूरी होता है. इसलिए बाकायदा उन्होंने फिजियोथैरेपी, ओस्टियोपेथी और काइरोप्रैक्टिक का प्रशिक्षण प्राप्त विधिवत डिग्री लिया है. वह जिन बीमारियों का ट्रीटमेंट करते हैं वह लाइफस्टाइल डिजीज है. गलत तरीके से बैठने, चलने, सोने, खाने के कारण यह होता है.
सीपी चाइल्ड को ठीक कर चुकेः डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह 30 से अधिक सेरेब्रल पॉलिसी यानी सीपी चाइल्ड के बच्चों को ठीक कर चुके हैं. शुरुआती तीन ट्रीटमेंट का पैसा लेते हैं और उसके बाद कोई पैसा नहीं लेते हैं. उन्होंने बताया कि खान-पान और लाइफस्टाइल बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. यदि शरीर में किसी विटामिन की कमी होती है या कैल्शियम की कमी होती है तो उसके कारण शरीर में कई समस्याएं आने लगेंगी.

30 मिनट एक्सरसाइज करना जरूरीः डॉक्टर रजनीश कांत ने बताया कि उनके पास जितने लोग आते हैं उसे वह एक्सरसाइज करने के लिए जरूर कहते हैं. हर किसी के जीवन में प्रतिदिन 30 से 35 मिनट का फिजिकल एक्टिविटी जरूर होना चाहिए. ट्रीटमेंट करने पहुंचे पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता आरसी वरुण ने बताया कि उन्हें लंबे समय तक कुर्सी पर बैठना पड़ता है. गर्दन और पीठ में दर्द थी और जकड़न थी. यहां थेरेपी दिया है और बहुत राहत महसूस हो रही है. दर्द और जकड़न के कारण सांस लेने में जो समस्या थी वह खत्म हो गई है.

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डॉ रजनीश कांत. (ETV Bharat)

पटनाः राजधानी पटना के डॉ रजनीश कांत के हाथों में गजब का जादू है. शरीर को छूकर हड्डियां चटका देते हैं तो शरीर का सारा दर्द गायब हो जाता है. डॉ रजनीश कांत को हाल ही में लंदन में इस विशेष कार्य के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित भी किया गया है. डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह महीने में 15 दिन ही प्रैक्टिस करते हैं क्योंकि वह बिना दवाइयां का ट्रीटमेंट करते हैं. इसमें काफी फिजिकल एफर्ट लगता है. इसलिए उनके शरीर को भी आराम चाहिए होता है.

मुंबई में लेते हैं क्लासः डॉक्टर रजनीश कांत ने बताया कि वह ट्रीटमेंट के बाद कुछ व्यायाम प्रिसक्राइब करते हैं और संतुलित आहार लेने को कहते हैं. इसके अलावा वह प्रत्येक महीने की पहली तारीख को गरीब क्षेत्र में निशुल्क कैंप लगाकर लोगों का ट्रीटमेंट करते हैं. सामान्य तौर पर उनके यहां जो मरीज आते हैं उनका वह तीन सेशन लेते हैं. जिसमें तीन दिन बुलाकर उनका ट्रीटमेंट करते हैं और बीमारी दूर हो करते हैं. इसके अलावा प्रत्येक सप्ताह मुंबई में जाकर क्लासेस लेते हैं.

मैन्युअल थेरेपी हैः डॉ रजनीश कांत ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले बिहार से फिजियोथैरेपी की. इसके बाद कनाडा से ओस्टियोपैथी की, इसके बाद स्वीडन से उन्होंने काइरोप्रैक्टर की ट्रेनिंग ली है. काइरोप्रैक्टर में वह ड्रग्लेस थेरेपी करते हैं. स्पाइन की हड्डियों पर काम करते हैं. किसी का कहीं नस दब गया है, किसी का ब्लड सर्कुलेशन नहीं है तो वर्टेब्रा को रिसेट करके ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल करते हैं. यह पूरी तरीके से मैन्युअल थेरेपी है. उनके पास अधिकांश वही मरीज आते हैं जो लगभग 10 वर्षों से दर्द से जूझ रहे होते हैं.

सर्जरी के खिलाफ नहींः डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह माइग्रेन, ज्वाइंटपेन, स्पोर्ट्स इंजरी, हेडएक, डिस्क इंजरी, सर्वाइकल प्रॉब्लम, स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों की थेरेपी करते हैं. सर्जरी के खिलाफ नहीं हैं. उनके पास जो पेशेंट आते हैं तो पहले उनका वह एग्जामिन करते हैं और यदि सर्जरी का केस होता है तो उसे वह ऑर्थो और एलोपैथिक के चिकित्सकों के यहां ट्रांसफर कर देते हैं. उनके पास अधिकांश ऐसे पेशेंट आते हैं, परिजन टांग करके लेकर आते हैं लेकिन तीन दिन के ट्रीटमेंट के बाद वह अपने पैरों पर चलकर घर जाते हैं.

लाइफस्टाइल डिजीज: डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह पटना में 2018 से प्रैक्टिस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हड्डी बैठाने की कला उनके हाथों में बचपन से थी. लेकिन कोई भी कला की प्रैक्टिस के लिए मेडिकली अप्रूव्ड होना जरूरी होता है. इसलिए बाकायदा उन्होंने फिजियोथैरेपी, ओस्टियोपेथी और काइरोप्रैक्टिक का प्रशिक्षण प्राप्त विधिवत डिग्री लिया है. वह जिन बीमारियों का ट्रीटमेंट करते हैं वह लाइफस्टाइल डिजीज है. गलत तरीके से बैठने, चलने, सोने, खाने के कारण यह होता है.
सीपी चाइल्ड को ठीक कर चुकेः डॉ रजनीश कांत ने बताया कि वह 30 से अधिक सेरेब्रल पॉलिसी यानी सीपी चाइल्ड के बच्चों को ठीक कर चुके हैं. शुरुआती तीन ट्रीटमेंट का पैसा लेते हैं और उसके बाद कोई पैसा नहीं लेते हैं. उन्होंने बताया कि खान-पान और लाइफस्टाइल बेहतर स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. यदि शरीर में किसी विटामिन की कमी होती है या कैल्शियम की कमी होती है तो उसके कारण शरीर में कई समस्याएं आने लगेंगी.

30 मिनट एक्सरसाइज करना जरूरीः डॉक्टर रजनीश कांत ने बताया कि उनके पास जितने लोग आते हैं उसे वह एक्सरसाइज करने के लिए जरूर कहते हैं. हर किसी के जीवन में प्रतिदिन 30 से 35 मिनट का फिजिकल एक्टिविटी जरूर होना चाहिए. ट्रीटमेंट करने पहुंचे पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता आरसी वरुण ने बताया कि उन्हें लंबे समय तक कुर्सी पर बैठना पड़ता है. गर्दन और पीठ में दर्द थी और जकड़न थी. यहां थेरेपी दिया है और बहुत राहत महसूस हो रही है. दर्द और जकड़न के कारण सांस लेने में जो समस्या थी वह खत्म हो गई है.

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Last Updated : Aug 15, 2024, 9:33 PM IST
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