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सड़क निर्माण में आड़े आए पेड़ तो विभाग ने नहीं दी परमिशन, सीएम दौरे पर चला दी दर्जनभर पेड़ों पर आरी - trees cut

Forest department cut trees in Rudraprayag रुद्रप्रयाग में सीएम पुष्कर सिंह धामी के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए दर्जनों पेड़ काटे दिए गए. जबकि इन्हीं पेड़ों को काटने के लिए स्थानीय लोग पिछले 4 महीने से वन विभाग से परमिशन मांग रहे थे. पेड़ रोड निर्माण में आड़े आ रहे थे.

rudraprayag
रुद्रप्रयाग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 27, 2024, 8:23 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिले में सरकार और प्रशासन की अलग ही गठजोड़ देखने को मिला. एक ओर जहां सड़क निर्माण के लिए पेड़ काटने की अनुमति देने में विभाग ने महीनों लगा दिए, वहीं मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए रातों रात पेड़ों पर आरी चला दी. मामला पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनि का है, जहां मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को उतरने के लिए एक ही दिन में अनुमति भी ली गई और पेड़ों पर आरी भी चला दी गई.

दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का अगस्त्यमुनि में आगमन हो रहा है. वे यहां 'नारी वंदन समारोह' के तहत आयोजित 'ब्वै, ब्वारी तथा नौनी कौथिग' में भाग लेने एक दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं. उनका हेलीकॉप्टर पीजी कॉलेज में उतरना है, जहां से उन्हें रोड शो करते हुए खेल मैदान अगस्त्यमुनि पहुंचना है. वहीं, हेलीकॉप्टर की सेफ लेडिंग को लेकर पीजी कॉलेज के खेल मैदान के चारों ओर खड़े करीब एक दर्जन पेड़ों पर आरी चला दी गई. पेड़ों को काटने का कार्य इतनी तेजी से किया कि सभी हैरान रह गए.

रोड बनाने के लिए विभाग ने नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति: मैदान के ठीक सामने विजयनगर पठालीधार माटर मार्ग भी है, जो 80 से अधिक गांवों की लाइफ लाइन है. पिछली बरसात में इस मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा नदी के कटाव के कारण बह गया था. जनता की समस्या को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक ने विभाग को यहां पर बाई पास निर्माण का सुझाव दिया. जिस पर त्वरित गति से कार्य करने के निर्देश दिए. परंतु इस बाईपास में 40 पेड़ रूकावट बन गए. क्षेत्रीय विधायक और जनता ने पूरा जोर लगाया. लेकिन पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं मिली.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में ततैया और मधुमक्खी काटेंगी तो सरकार देगी मुआवजा, हर डंक का हिसाब रखेगा वन विभाग

सीएम के दौरे पर काट दिए पेड़: क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य एवं उक्त रोड के लिए बनी संघर्ष समिति के अध्यक्ष कुलदीप कंडारी का कहना है कि जनता के लिए रोड बनाने हेतु पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिली. लेकिन मुख्यमंत्री के लिए रातों रात अनुमति भी मिल गई और पेड़ भी कट गए. शासन-प्रशासन के इस गठजोड़ से सब हैरान हैं. वहीं रुद्रप्रयाग तहसीलदार राज किशोर ध्यानी का कहना है कि मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए सुरक्षा कारणों से पेड़ों का काटना आवश्यक हो गया था. जिसके लिए विभाग से अनुमति लेने के बाद ही पेड़ काटे गए हैं.

रुद्रप्रयाग: जिले में सरकार और प्रशासन की अलग ही गठजोड़ देखने को मिला. एक ओर जहां सड़क निर्माण के लिए पेड़ काटने की अनुमति देने में विभाग ने महीनों लगा दिए, वहीं मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के लिए रातों रात पेड़ों पर आरी चला दी. मामला पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनि का है, जहां मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को उतरने के लिए एक ही दिन में अनुमति भी ली गई और पेड़ों पर आरी भी चला दी गई.

दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी का अगस्त्यमुनि में आगमन हो रहा है. वे यहां 'नारी वंदन समारोह' के तहत आयोजित 'ब्वै, ब्वारी तथा नौनी कौथिग' में भाग लेने एक दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं. उनका हेलीकॉप्टर पीजी कॉलेज में उतरना है, जहां से उन्हें रोड शो करते हुए खेल मैदान अगस्त्यमुनि पहुंचना है. वहीं, हेलीकॉप्टर की सेफ लेडिंग को लेकर पीजी कॉलेज के खेल मैदान के चारों ओर खड़े करीब एक दर्जन पेड़ों पर आरी चला दी गई. पेड़ों को काटने का कार्य इतनी तेजी से किया कि सभी हैरान रह गए.

रोड बनाने के लिए विभाग ने नहीं दी पेड़ काटने की अनुमति: मैदान के ठीक सामने विजयनगर पठालीधार माटर मार्ग भी है, जो 80 से अधिक गांवों की लाइफ लाइन है. पिछली बरसात में इस मोटर मार्ग का बड़ा हिस्सा नदी के कटाव के कारण बह गया था. जनता की समस्या को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक ने विभाग को यहां पर बाई पास निर्माण का सुझाव दिया. जिस पर त्वरित गति से कार्य करने के निर्देश दिए. परंतु इस बाईपास में 40 पेड़ रूकावट बन गए. क्षेत्रीय विधायक और जनता ने पूरा जोर लगाया. लेकिन पेड़ों को काटने की अनुमति वन विभाग से नहीं मिली.
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सीएम के दौरे पर काट दिए पेड़: क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य एवं उक्त रोड के लिए बनी संघर्ष समिति के अध्यक्ष कुलदीप कंडारी का कहना है कि जनता के लिए रोड बनाने हेतु पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिली. लेकिन मुख्यमंत्री के लिए रातों रात अनुमति भी मिल गई और पेड़ भी कट गए. शासन-प्रशासन के इस गठजोड़ से सब हैरान हैं. वहीं रुद्रप्रयाग तहसीलदार राज किशोर ध्यानी का कहना है कि मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए सुरक्षा कारणों से पेड़ों का काटना आवश्यक हो गया था. जिसके लिए विभाग से अनुमति लेने के बाद ही पेड़ काटे गए हैं.

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