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नसबंदी के दौरान काटी महिला की गलत नस, उपभोक्ता आयोग ने अस्पताल पर लगाया 11.10 लाख का जुर्माना - Dausa Consumer Forum

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 22, 2024, 6:29 PM IST

Updated : Mar 22, 2024, 8:39 PM IST

उपभोक्ता आयोग ने एक महिला के पक्ष में राहत भरा फैसला सुनाया है. नसबंदी के दौरान बांदीकुई के एक निजी अस्पताल ने महिला की गलत नस काट दी. इस मामले में आयोग ने अस्पताल पर 11.10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

Consumer court finds private hospital of Bandikui guilty of service
उपभोक्ता कोर्ट ने बांदीकुई के निजी अस्पताल का माना सेवा का दोषी, देना होगा 11.10 लाख का हर्जाना

दौसा. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इलाज के दौरान जानलेवा लापरवाही बरतने के 7 साल पुराने एक मामले में बांदीकुई के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों को नसबंदी के दौरान गलत काटने का दोषी माना है. आयोग ने कट्टा हॉस्पिटल अस्पताल संचालक को पीड़ित महिला को क्षतिपूर्ति राशि 11 लाख 10 हजार रुपए देने का आदेश दिया है.आदेश की पालना एक माह के अंदर सुनिश्चित करनी होगी.

महिला ने हॉस्पिटल, उसके डॉक्टर के खिलाफ उपभोक्ता मंच में परिवाद पेश किया था. परिवाद पर सुनवाई के बाद अस्पताल संचालक को साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रामसिंह मीना, सदस्य दुष्यंत शर्मा और माया खंडेलवाल ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया. आयोग ने अस्पताल संचालक को पीड़िता महिला के इलाज में हुए खर्च की राशि 8 लाख रुपए मय 9 प्रतिशत ब्याज के 1 माह में देने का फैसला सुनाया. साथ ही शारीरिक और मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 3.10 लाख रुपए अलग से देने के निर्देश दिए है. ऐसे में पीड़िता महिला को कुल 11.10 लाख मूल राशि और 8 लाख रुपए का 9 प्रतिशत ब्याज अस्पताल संचालक को एक माह के अंदर देना होगा.

पढ़ें: झारखंड में दौसा के CRPF जवान ने की खुदकुशी, जांच, सरकारी नौकरी और उचित मुआवजे पर सहमति के बाद हुआ अंतिम संस्कार

बांदीकुई के वार्ड नंबर 7 सिकंदरा रोड निवासी विमला देवी पत्नी सतीश कुमार बैरवा 9 फरवरी 2017 को नसबंदी ऑपरेशन के लिए जिले के बांदीकुई स्थित निजी हॉस्पिटल गई थी. महिला को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर उसका ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की लापरवाही से गलत नस कटने के कारण महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई. डॉक्टर ने ऑपरेशन थियेटर से बाहर आकर महिला के पति को महिला की हालत गंभीर होने की जानकारी दी. इसके बाद महिला का पति अपनी पत्नी को लेकर एंबुलेंस से एसएमएस अस्पताल जयपुर पहुंचा.

यह भी पढ़ें: कुएं में बकरे के साथ गिरे मादा पैंथर का 24 घंटे बाद रेस्क्यू

महिला का पेट खुला देख चौंके डॉक्टर: एसएमएस अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने जब महिला के पेट पर बंधी पट्टी खोली तो चौंक गए. दरअसल, महिला का पेट खुला हुआ था. एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला के पति को बताया कि नसबंदी के ऑपरेशन में पेट को खोला नहीं जाता है. साथ ही बताया कि ऑपरेशन के दौरान हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने महिला की गलत नस काट दी है.काफी प्रयासों के बाद महिला की जान बच पाई.

आयोग ने हॉस्पिटल संचालक को माना दोषी: पीड़िता विमला देवी ने ठीक होने के बाद उपभोक्ता आयोग में हॉस्पिटल, उसके डॉक्टर के खिलाफ परिवाद पेश किया. परिवाद पर सुनवाई के बाद हॉस्पिटल संचालक को साक्ष्यों के आधार पर दोषी माना और फैसला सुनाया.

दौसा. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इलाज के दौरान जानलेवा लापरवाही बरतने के 7 साल पुराने एक मामले में बांदीकुई के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों को नसबंदी के दौरान गलत काटने का दोषी माना है. आयोग ने कट्टा हॉस्पिटल अस्पताल संचालक को पीड़ित महिला को क्षतिपूर्ति राशि 11 लाख 10 हजार रुपए देने का आदेश दिया है.आदेश की पालना एक माह के अंदर सुनिश्चित करनी होगी.

महिला ने हॉस्पिटल, उसके डॉक्टर के खिलाफ उपभोक्ता मंच में परिवाद पेश किया था. परिवाद पर सुनवाई के बाद अस्पताल संचालक को साक्ष्यों के आधार पर दोषी मानते हुए उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रामसिंह मीना, सदस्य दुष्यंत शर्मा और माया खंडेलवाल ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया. आयोग ने अस्पताल संचालक को पीड़िता महिला के इलाज में हुए खर्च की राशि 8 लाख रुपए मय 9 प्रतिशत ब्याज के 1 माह में देने का फैसला सुनाया. साथ ही शारीरिक और मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 3.10 लाख रुपए अलग से देने के निर्देश दिए है. ऐसे में पीड़िता महिला को कुल 11.10 लाख मूल राशि और 8 लाख रुपए का 9 प्रतिशत ब्याज अस्पताल संचालक को एक माह के अंदर देना होगा.

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बांदीकुई के वार्ड नंबर 7 सिकंदरा रोड निवासी विमला देवी पत्नी सतीश कुमार बैरवा 9 फरवरी 2017 को नसबंदी ऑपरेशन के लिए जिले के बांदीकुई स्थित निजी हॉस्पिटल गई थी. महिला को ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर उसका ऑपरेशन शुरू किया गया, लेकिन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की लापरवाही से गलत नस कटने के कारण महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई. डॉक्टर ने ऑपरेशन थियेटर से बाहर आकर महिला के पति को महिला की हालत गंभीर होने की जानकारी दी. इसके बाद महिला का पति अपनी पत्नी को लेकर एंबुलेंस से एसएमएस अस्पताल जयपुर पहुंचा.

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महिला का पेट खुला देख चौंके डॉक्टर: एसएमएस अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने जब महिला के पेट पर बंधी पट्टी खोली तो चौंक गए. दरअसल, महिला का पेट खुला हुआ था. एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला के पति को बताया कि नसबंदी के ऑपरेशन में पेट को खोला नहीं जाता है. साथ ही बताया कि ऑपरेशन के दौरान हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने महिला की गलत नस काट दी है.काफी प्रयासों के बाद महिला की जान बच पाई.

आयोग ने हॉस्पिटल संचालक को माना दोषी: पीड़िता विमला देवी ने ठीक होने के बाद उपभोक्ता आयोग में हॉस्पिटल, उसके डॉक्टर के खिलाफ परिवाद पेश किया. परिवाद पर सुनवाई के बाद हॉस्पिटल संचालक को साक्ष्यों के आधार पर दोषी माना और फैसला सुनाया.

Last Updated : Mar 22, 2024, 8:39 PM IST
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