देहरादून: राजधानी के सभी वार्डों में लगी स्ट्रीट लाइटों को सही करने और उनका रखरखाव करने वाली कंपनी EESL नगर निगम को महीने में लाखों रुपए का चूना लगा रही है. साथ ही शहर के कई वार्डों में स्ट्रीट लाइटें नहीं जलने की शिकायतें आ रही हैं. ऐसे में अब नगर निगम ने कंपनी से रखरखाव का काम वापस ले लिया है. दरअसल नगर निगम ने 2017 में ईईएसएल को पुरानी स्ट्रीट लाइटों को बदलने और नई स्ट्रीट लाइटों को लगाने के साथ ही इनके रखरखाव का जिम्मा सौंपा था, लेकिन ईईएसएल ने यह काम किसी अन्य कंपनी को सौंप दिया.
क्षेत्र में सैकड़ों लाइटें खराब: ईईएसएल भारत सरकार की ऊर्जा सेवा कंपनी में से एक है. ईईएसएल ने स्ट्रीट लाइटों को लगाने और उनके रखरखाव का कार्य अन्य कंपनी को सौंप दिया. ऐसे में धरातल पर ना, तो नई लाइटें लगी और ना ही स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का काम पूरा हुआ. जिससे क्षेत्र में सैकड़ों लाइटें खराब पड़ी हैं. करीब 15 दिन पहले नगर निगम कार्यालय पहुंचे गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने इस पर आपत्ति जताते हुए नगर निगम को फटकार लगाई थी. वहीं, उक्त कंपनी ने ईईएसएल पर भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है.
ईईएसएल को हर महीने मिलते हैं 24 लाख रुपए: नगर निगम क्षेत्र में 97 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें हैं. एक लाइट को ठीक करने के लिए नगर निगम 24 रुपए के हिसाब से ईईएसएल को भुगतान करता है और नई लाइट लगाने पर 216 रुपए का भुगतान करता है. नगर निगम द्वारा इस कंपनी को महीने में 24 लाख का भुगतान किया जाता है, जबकि यह कंपनी तीसरी कंपनी को अग्रिम भुगतान करती है.
नगर आयुक्त गौरव कुमार ने दी जानकारी: नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कहा कि कई वार्डों में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं. लगातार इसकी शिकायत नगर निगम के पास पहुंच रही थी, जिससे कई बार कंपनी के अधिकारियों को चेतावनी भी दी गई,लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद ईईएसएल से अब रखरखाव का काम वापस ले लिया गया है.
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