चमोली: सीमांत जिला मुख्यालय चमोली में सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित वन स्टॉप सेंटर घरेलू विवादों से पीड़ित महिलाओं का सहारा बन रहा है. चमोली के वन स्टॉप सेंटर अब तक पंजीकृत 237 मामलों में से 231 का निस्तारण किया जा चुका है, जबकि 6 मामलों पर कार्रवाई गतिमान है. वहीं पीड़ित महिलाएं बिना पुलिस और कोर्ट के चक्कर लगाए आसानी से वन स्टॉप सेंटर से मदद ले सकती हैं.
सरकार की ओर से महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को देखते हुए साल 2019 में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से वन स्टॉप सेंटर का संचालन शुरू किया है. सेंटर के माध्यम से घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं का आवास, भोजन और चिकित्सा सुविधा देने के साथ परामर्श, विधिक सहायता देने का कार्य किया जा रहा है. जिससे घरेलू विवादों से परेशान महिलाओं को विवादों के निस्तारण का सशक्त माध्यम मिला है.
चमोली में संचालित वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक रश्मि रावत ने बताया कि केंद्र में साल 2019 से वर्तमान तक 237 घरेलू हिंसा और विवाद के मामले पंजीकृत हुए, जिनमें से वर्तमान तक 231 मामलों का निस्तारण कर लिया गया है. जबकि 6 मामलों पर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि वर्तमान में वन स्टॉप सेंटर के स्थायी भवन रौली-ग्वाड़ में निर्माणाधीन है. जल्द ही भवन निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद केंद्र का संचालन स्थायी भवन पर शुरू कर दिया जाएगा.
सरकार की ओर से सेंटर के संचालन के लिए एक प्रशासक, एक अधिवक्ता, दो केस वर्कर, 1 पैरा मेडिकल और एक तकनीकी सहायक की तैनाती की गई है. सेंटर में पीड़िता को आवास, भोजन और चिकित्सा की सुविधा दी जाती है. साथ ही आवश्यकता के अनुसार निःशुल्क परामर्श सत्र, पुलिस और विधिक सहायता की सुविधा प्रदान की जाती है.
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