बागपत : बुजो ये एक ऐसा नाम था जो किसी बेजुबान की पहचान था जो अब दुनिया को अलविदा कह गया. अब बस बची हैं तो उसके साथ 13 साल बिताए गए पलों की यादें जो उसके मालिक के जहन में बस गईं. जिन्होंने उसे कभी जानवर नहीं समझा, बल्कि परिवार का हिस्सा माना. मौत के बाद बेजुबान के मालिक ने न सिर्फ बुजो की आत्मशांति के लिए हवन कराया, बल्कि तेरहवीं भोज भी कराया. यह कहानी है एक डॉगी की जिसकी नाम बुजो था.
दरअसल, यूपी के बागपत जिले के कस्बा बड़ौत की रहने वाली प्रज्ञा बालियान के मुताबिक, बुजो नाम का डॉगी डेढ़ साल की उम्र में उनके घर आया था. समय के साथ-साथ बुजो बड़ा होता गया और परिवार का कुछ दिनों में ही प्यारा बन गया. प्रज्ञा बालियान का परिवार उसे एक सदस्य मानने लगा. प्रज्ञा के मुताबिक, बुजो धीरे-धीरे कॉलोनी के लोगों के बीच भी गहरा रिश्ता बनाता गया. लेकिन, 13 साल बाद एक वक्त ऐसा आया कि बुजो की मृत्यु हो गई और वो उन सबको छोड़कर चला गया.
हालांकि, परिवार उसे सदस्य मानता था तो उन्होंने भी अपना फर्ज अदा करते हुए बुजो की मौत के बाद उसकी आत्मशांति के लिए ना सिर्फ हवन कराया बल्कि तेरहवीं भी की. जिसमें पूरी कॉलोनी को निमंत्रण भेजा गया. फिलहाल 'डॉग लवर' की ये हकीकत लोगों के लिए चर्चा तो बनीं हुई है ही साथ ही पशु प्रेम की भी अनूठी मिसाल है.
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