वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने सर्जरी के माध्यम से एक बच्ची की आंखों को दोबारा से देखने लायक बना दिया है. ऐसी सर्जरी विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में पहली बार की गई है. इससे पहले यहां कई सर्जरी हुईं हैं, लेकिन यह पहली बार हुआ. यह सर्जरी कुत्ते के हमले के बाद आंख घायल होने के बाद की गई थी. दरअसल, कुत्ते के हमले में बच्ची की आंख की पलकें कटकर निकल गईं थीं. परिजनों ने उसे ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया था. उसकी दाई आंख बुरी तरह से घायल थी, जिसे IMS-BHU के नेत्र सर्जन डॉ. आरपी मौर्या की टीम ने सर्जरी से ठीक किया है.
बलिया की नगरा निवासी 8 साल की बच्ची घर में अपने पालतू कुत्ते के साथ खेल रही थी. घटना तीन दिन पहले हुई है. कुत्ते ने बच्ची की दाईं आंख को बुरी तरह से नोच लिया था. इस हमले में बच्ची की दाईं आंख की पलकें कटकर लटक गई थी. घटना के बाद बच्ची के परिजनों ने उसे बलिया में प्राथमिक उपचार दिलाया. इसके बाद वह उसे बनारस बीएचयू के ट्रामा सेंटर ले आए. यहां पर बच्ची का इलाज शुरू किया गया. डॉक्टरों का कहना है, कि ट्रामा सेंटर में इस तरीके की आंख की सर्जरी पहली बार अस्पताल में की गई है.
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ढाई घंटे तक चली बच्ची की आंख की सर्जरी: परिजन जब बच्ची को लेकर BHU ट्रामा सेंटर पहुंचे, तो डॉक्टरों ने ट्रामा सेंटर प्रभारी डॉ. सौरभ सिंह को इस बारे में जानकारी दी. इसके बाद उन्होंने IMS-BHU के नेत्र सर्जन सर्जन डॉ. आरपी मौर्या को इसकी जानकारी दी. इस पूरे मामले में सर्जन डॉ. आरपी मौर्या ने बताया, कि ऑपरेशन थियेटर में ट्रामा सेंटर प्रभारी के निर्देशन वाली टीम के साथ ही अन्य स्टाफ का सहयोग लेकर बच्ची के पलक की प्लास्टिक सर्जरी की गई है. मंगलवार को करीब ढाई घंटे तक यह सर्जरी चली. लेकिन, इसे सही कर लिया गया है. इस दौरान डॉ. गौरव, डॉ. प्रियंका, डॉ. आलोक सिंह आदि मौजूद थे.
ट्रामा सेंटर में की गई इस तरह की पहली सर्जरी: डॉ. आरपी मौर्या ने बताया, कि बच्ची की पलक पर करीब 30 टांके लगाए गए हैं. अब तक वह बीएचयू नेत्र विभाग में कुत्ते के काटने सहित अन्य जानवरों द्वारा आंख पर गंभीर चोट करने के मामलों में लगभग 40 से अधिक सर्जरी कर चुके हैं. पालतू कुत्ते के नोचने से आंख में चोट लगने की यह पहली घटना सामने आई है. इस तरह की सर्जरी पहली बार ट्रामा सेंटर में की गई है. उनका कहना है, कि कुत्ते आमतौर पर बच्चों के चेहरे और आंखों पर ही चोट पहुंचाते हैं. ऐसे में घर के पालतू कुत्तों से बच्चों को दूर रखना चाहिए. कुत्ते अगर घर में हैं तो बच्चों की ठीक से निगरानी करनी चाहिए.