जींद: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही. हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक असर देखने को मिला. डॉक्टरों की हड़ताल के चलते जींद सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई. बीएएमएस चिकित्सा और कॉन्ट्रैक्ट बेस पर लगे चिकित्सकों व स्टाफ के सहारे काम चलाया गया. गंभीर मरीजों को रोहतक पीजीआईएमएस में रेफर किया गया.
जींद में डॉक्टरों की हड़ताल: शुक्रवार को एचसीएमएस चिकित्सक सदस्यों ने ओपीडी को बंद रखा. इसके अलावा अस्पताल में चिकित्सकों ने कमरे पर ताले लगा दिए. हड़ताल से पोस्टमार्टम और आपातकालीन सेवाएं बाधित रहीं. नागरिक अस्पताल में बीएएमएस, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), ग्रामीण क्षेत्रों के एनएचएम चिकित्सक ओपीडी देख रहे हैं. शुक्रवार को जींद में एनएचएम के 600 कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे. जिसके चलते मरीज उपचार के लिए भटकते दिखे.
इलाज के लिए भटकते दिखे मरीज: जींद में एनएचएम कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय के सामने धरना दिया. सरकार की अनदेखी के विरोध में एनएचएम के तहत चलने वाली सभी सेवाओं को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया. जिसमें ओपीडी, लेबर रूम, नर्सरी, रेफरल ट्रांसपोर्ट, मेंटल हेल्थ, स्कूल हेल्थ, एनएचएम कार्यालय व रिपोर्टिंग के कार्य शामिल रहे. डाटा सहायक गौरव सहगल ने मांग की है कि एनएचएम कर्मचारियों को पक्का किया जाए.
सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए तथा सर्विस रूल के साथ कोई छेड़छाड़ ना की जाए. एनएचएम कर्मचारियों को कैशलैस मेडिकल सुविधा प्रदान की जाए. एलटीसी, ग्रेजुएटी व एक्सग्रेशिया का लाभ दिया जाए. एनएचएम कर्मचारियों को सेवा अनुसार ईएलए स्टडी लीव, ट्यूशन फीस का लाभ दिया जाए.
आंदोलन की बनाई रणनीति: एचसीएमएस के सदस्यों ने शुक्रवार को अस्पताल परिसर में बंद कमरे में बैठक की और आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई. डॉक्टर बिजेंद्र ढांडा ने कहा कि एसोसिएशन के किसी सदस्य ने शुक्रवार को ना तो ओपीडी की है और ना ही कोई अन्य काम किया है. स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि उनकी मांगों को पूरा करें. डॉक्टरों की मांगों में विशेषज्ञ कैडर का गठन, केंद्र सरकार के डॉक्टरों के साथ समानता सुनिश्चित करने वाली करियर प्रगति योजना, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती न करना और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए बांड राशि में कमी की मांग को पूरा किया जाए.