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हरियाणा के डॉक्टरों ने किया हड़ताल का ऐलान, इन मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा - Doctors on strike in Jind

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 13, 2024, 11:30 AM IST

Doctors on strike in Jind: हरियाणा के डॉक्टरों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर सांकेतिक हड़ताल करेंगे. इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बहाल रहेगी.

Doctors on strike in Jind
Doctors on strike in Jind (Etv Bharat)

जींद: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक सोमवार यानी 15 जुलाई को 11 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान ओपीडी बंद रहेगी. जनसेवा को देखते हुए इमरजेंसी तथा पोस्टमार्टम सेवाओं को बहाल रखा जाएगा. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के सदस्यों ने शुक्रवार को जींद सीएमओ डॉक्टर गोपाल गोयल से मुलाकात की और मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा.

हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर चिकित्सक प्रधान डॉक्टर बिजेंद्र ढांडा के नेतृत्व में डॉक्टरों ने रोष जताया. एचसीएमएसए एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर बिजेंद्र ढांडा ने कहा कि सरकार और एचसीएमएसए एसोसिएशन के बीच आपसी सहमति के बाद डॉक्टरों ने छह महीने पहले अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन आज तक मानी गई मांगें पूरी नहीं हो पाई है. जिसके चलते डॉक्टर दोबारा हड़ताल को मजबूर हैं.

इन मांगों को लेकर प्रदर्शन: स्पेशलिस्ट कैडर, पीजी कोर्स के बांड में कमी, एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डॉक्टरों के समान एसीपी भत्तों की मांग पूरी नहीं होने पर डॉक्टरों में नाराजगी बढ़ी है. एचसीएमएसए एसोसिएशन के प्रधान ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि 6 महीने बाद भी एसएमओ की सीधी भर्ती और केंद्रीय सरकारी डॉक्टरों के समान एसीपी भत्ते नहीं बढ़े हैं. जबकि सरकार डॉक्टरों को आश्वासन दे चुकी है.

रिक्त पदों को भरने की मांग: डिप्टी एमएस डॉक्टर राजेश भोला ने कहा कि मेडिकल ऑफिसर के 3900 पदों में से 1100, एसएमओ के 636 पदों में से 250 पद और निदेशक के आठ पदों में से पांच पद खाली हैं. राज्य के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की भारी कमी है, लेकिन स्पेशलिस्ट कैडर का प्रस्ताव वित्त विभाग में पिछले चार महीने से अटका हुआ है. पीजी बॉड की राशि में कमी का प्रस्ताव भी छह महीने से लंबित है.

नियमित पदोन्नति की अपील: डॉक्टरों (एमओ) से (एसएमओ) के नियमित पदोन्नति की फाइल भी पिछले डेढ़ साल से देरी से चल रही है. जो डॉक्टर 2002 में एमओ के रूप में शामिल हुए थे, वे अभी भी पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं. ये वास्तव में दुखद है कि डाक्टर (कक्षा 1 अधिकारी) बुनियादी मुद्दों जैसे नियमित पदोन्नति, एसीपी, प्रोबेशन क्लीयरेंस आदि के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनका शोषण हो रहा है. मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग तथा अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिसके चलते मजबूरन चिकित्सकों को ये कदम उठाना पड़ रहा है.

हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाएं रहेंगी बहाल: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर बिजेंद्र ढांडा तथा डिप्टी एमएस डॉक्टर राजेश भोला ने संयुक्त कहा कि हड़ताल पर रहते हुए भी चिकित्सक अपने नैतिक फर्ज को समझेंगे. सभी अस्पतालों में इमरजेंसी तथा पोस्टमार्टम सेवाओं को बहाल रखा जाएगा. आमजन को भी कोई परेशानी ना हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें- चुनाव से पहले सरकार के लिए अब मुसीबत बने सफाई कर्मचारी, आंदोलन की तैयारी - Sanitation Workers Protest

ये भी पढ़ें- हरियाणा रोडवेज कर्मचारी संघ का सरकार को अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जाने पर हड़ताल की चेतावनी

जींद: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक सोमवार यानी 15 जुलाई को 11 बजे तक हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान ओपीडी बंद रहेगी. जनसेवा को देखते हुए इमरजेंसी तथा पोस्टमार्टम सेवाओं को बहाल रखा जाएगा. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के सदस्यों ने शुक्रवार को जींद सीएमओ डॉक्टर गोपाल गोयल से मुलाकात की और मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा.

हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर चिकित्सक प्रधान डॉक्टर बिजेंद्र ढांडा के नेतृत्व में डॉक्टरों ने रोष जताया. एचसीएमएसए एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर बिजेंद्र ढांडा ने कहा कि सरकार और एचसीएमएसए एसोसिएशन के बीच आपसी सहमति के बाद डॉक्टरों ने छह महीने पहले अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन आज तक मानी गई मांगें पूरी नहीं हो पाई है. जिसके चलते डॉक्टर दोबारा हड़ताल को मजबूर हैं.

इन मांगों को लेकर प्रदर्शन: स्पेशलिस्ट कैडर, पीजी कोर्स के बांड में कमी, एसएमओ की सीधी भर्ती रोकने और केंद्रीय सरकारी डॉक्टरों के समान एसीपी भत्तों की मांग पूरी नहीं होने पर डॉक्टरों में नाराजगी बढ़ी है. एचसीएमएसए एसोसिएशन के प्रधान ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि 6 महीने बाद भी एसएमओ की सीधी भर्ती और केंद्रीय सरकारी डॉक्टरों के समान एसीपी भत्ते नहीं बढ़े हैं. जबकि सरकार डॉक्टरों को आश्वासन दे चुकी है.

रिक्त पदों को भरने की मांग: डिप्टी एमएस डॉक्टर राजेश भोला ने कहा कि मेडिकल ऑफिसर के 3900 पदों में से 1100, एसएमओ के 636 पदों में से 250 पद और निदेशक के आठ पदों में से पांच पद खाली हैं. राज्य के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की भारी कमी है, लेकिन स्पेशलिस्ट कैडर का प्रस्ताव वित्त विभाग में पिछले चार महीने से अटका हुआ है. पीजी बॉड की राशि में कमी का प्रस्ताव भी छह महीने से लंबित है.

नियमित पदोन्नति की अपील: डॉक्टरों (एमओ) से (एसएमओ) के नियमित पदोन्नति की फाइल भी पिछले डेढ़ साल से देरी से चल रही है. जो डॉक्टर 2002 में एमओ के रूप में शामिल हुए थे, वे अभी भी पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हैं. ये वास्तव में दुखद है कि डाक्टर (कक्षा 1 अधिकारी) बुनियादी मुद्दों जैसे नियमित पदोन्नति, एसीपी, प्रोबेशन क्लीयरेंस आदि के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनका शोषण हो रहा है. मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग तथा अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन मांगों को पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. जिसके चलते मजबूरन चिकित्सकों को ये कदम उठाना पड़ रहा है.

हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाएं रहेंगी बहाल: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रधान डॉक्टर बिजेंद्र ढांडा तथा डिप्टी एमएस डॉक्टर राजेश भोला ने संयुक्त कहा कि हड़ताल पर रहते हुए भी चिकित्सक अपने नैतिक फर्ज को समझेंगे. सभी अस्पतालों में इमरजेंसी तथा पोस्टमार्टम सेवाओं को बहाल रखा जाएगा. आमजन को भी कोई परेशानी ना हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा.

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