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चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आ रहे हैं तो ऐसे रखें अपने स्वास्थ्य का ध्यान, फिर नहीं होगी मुश्किल - Chardham Yatra 2024

Chardham Yatra 2024 श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी कुछ जानकारी दी है. इन जानकारियों से आप अपने स्वास्थ्य का भरपूर ध्यान रख सकते हैं. साथ ही आपकी यात्रा भी सुगम और सरल बनेगी.

Chardham Yatra 2024
चारधाम यात्रा 2024 (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 11, 2024, 2:02 PM IST

Updated : May 11, 2024, 6:59 PM IST

चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आ रहे हैं तो ऐसे रखें अपने स्वास्थ्य का ध्यान (VIDEO- ETV BHARAT)

श्रीनगरः उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. पहले ही दिन केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में करीब 36 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. 12 मई को भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोले जाएंगे. ऐसे में धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. दूसरी तरफ उत्तराखंड में मौसम भी श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है. बारिश और तेज धूप से लोगों के स्वास्थ्य पर खासा असर पढ़ने की संभावना भी डॉक्टरों द्वारा जताई गई है.

अक्सर देखा जाता है कि बदलते मौसम और ऊंचाई वाले इलाकों में श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत और हार्ट अटैक जैसी स्वास्थ्य परेशानी से गुजरना पड़ता है. इस बीच कई श्रद्धालु समय पर इलाज मिलने से मौत के मुंह से बाहर निकल जाते हैं, लेकिन कुछ श्रद्धालुओं को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य का कैसे ध्यान रखें, इसकी जानकारी दी है.

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रो केएस बुटोला का कहना है कि यात्राकाल के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सबसे ज्यादा मैदानी इलाकों के राज्यों के लोगों में देखने को मिलती हैं. उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम और ऑक्सीजन लेवल पलपल बदलता रहता है. ऐसी परिस्थितियों में श्रद्धालुओं को अपनी स्क्रीनिंग करवाना जरूरी होता है. अगर उन्हें कोई मेडिकल डिजीज है, तो दवाइयों का बराबर सेवन करना चाहिए. साथ ही अपने चिकित्सक से स्वास्थ्य परामर्श लेकर ही यात्रा शुरू करें.

उन्होंने बताया कि अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखें, तला हुआ भोजन ना करें. कहीं पर भी कोई दिक्कत हो, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र और डॉक्टरों से परामर्श जरूर लें. वीर चंद्र सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर के ही श्वास रोग विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विकी बख्शी का कहना है कि अमूमन अधिक उम्र के लोगों और छोटे बच्चों को यात्रा के दौरान दिक्कत होती है. इनमें से जो यात्री श्वास संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं, वे अपने साथ अपना इनहेलर (सांस लेने वाला उपकरण) साथ लेकर चलें. जैसे ही दिक्कत हो, उसे लेते रहें. इससे उन्हें राहत मिलेगी. साथ ही कोई अगर हार्ट पेशेंट है तो उसे अपने साथ सोपेट्रीट नाम की मेडिसिन जरूर रखनी चाहिए. अगर दिक्कत महसूस हो तो तुरंत दवा को अपनी जीभ के नीचे रखें और नजदीकी डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

उन्होंने ये भी सुझाव दिया कि यात्रा के दौरान समय-समय पर रात्रि विश्राम उचित जगह पर करें. ऐसा ना करें कि एक ही दिन में आप यात्रा करने की सोचें. चारों धामों की यात्रा के दौरान अलग अलग दिनों में यात्रा करें. फास्ट फूड खाने से बचें. सादा खाने पर ही जोर दें. कोल्ड ड्रिंक लेने से भी बचें.

ये भी पढ़ें: सोनप्रयाग और गौरीकुंड से 10 हजार तीर्थयात्री हुए केदारनाथ रवाना, सिरोबगड़ में बारिश लैंडस्लाइन ने 4 घंटे रोका रास्ता

चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आ रहे हैं तो ऐसे रखें अपने स्वास्थ्य का ध्यान (VIDEO- ETV BHARAT)

श्रीनगरः उत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. पहले ही दिन केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में करीब 36 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. 12 मई को भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोले जाएंगे. ऐसे में धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. दूसरी तरफ उत्तराखंड में मौसम भी श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है. बारिश और तेज धूप से लोगों के स्वास्थ्य पर खासा असर पढ़ने की संभावना भी डॉक्टरों द्वारा जताई गई है.

अक्सर देखा जाता है कि बदलते मौसम और ऊंचाई वाले इलाकों में श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत और हार्ट अटैक जैसी स्वास्थ्य परेशानी से गुजरना पड़ता है. इस बीच कई श्रद्धालु समय पर इलाज मिलने से मौत के मुंह से बाहर निकल जाते हैं, लेकिन कुछ श्रद्धालुओं को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य का कैसे ध्यान रखें, इसकी जानकारी दी है.

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रो केएस बुटोला का कहना है कि यात्राकाल के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सबसे ज्यादा मैदानी इलाकों के राज्यों के लोगों में देखने को मिलती हैं. उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम और ऑक्सीजन लेवल पलपल बदलता रहता है. ऐसी परिस्थितियों में श्रद्धालुओं को अपनी स्क्रीनिंग करवाना जरूरी होता है. अगर उन्हें कोई मेडिकल डिजीज है, तो दवाइयों का बराबर सेवन करना चाहिए. साथ ही अपने चिकित्सक से स्वास्थ्य परामर्श लेकर ही यात्रा शुरू करें.

उन्होंने बताया कि अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखें, तला हुआ भोजन ना करें. कहीं पर भी कोई दिक्कत हो, तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र और डॉक्टरों से परामर्श जरूर लें. वीर चंद्र सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर के ही श्वास रोग विभाग में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर विकी बख्शी का कहना है कि अमूमन अधिक उम्र के लोगों और छोटे बच्चों को यात्रा के दौरान दिक्कत होती है. इनमें से जो यात्री श्वास संबंधी बीमारी से ग्रसित हैं, वे अपने साथ अपना इनहेलर (सांस लेने वाला उपकरण) साथ लेकर चलें. जैसे ही दिक्कत हो, उसे लेते रहें. इससे उन्हें राहत मिलेगी. साथ ही कोई अगर हार्ट पेशेंट है तो उसे अपने साथ सोपेट्रीट नाम की मेडिसिन जरूर रखनी चाहिए. अगर दिक्कत महसूस हो तो तुरंत दवा को अपनी जीभ के नीचे रखें और नजदीकी डॉक्टर को जरूर दिखाएं.

उन्होंने ये भी सुझाव दिया कि यात्रा के दौरान समय-समय पर रात्रि विश्राम उचित जगह पर करें. ऐसा ना करें कि एक ही दिन में आप यात्रा करने की सोचें. चारों धामों की यात्रा के दौरान अलग अलग दिनों में यात्रा करें. फास्ट फूड खाने से बचें. सादा खाने पर ही जोर दें. कोल्ड ड्रिंक लेने से भी बचें.

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Last Updated : May 11, 2024, 6:59 PM IST
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