पटनाः 'हेलो..मैं परिवर्तन निदेशालय(ED) से बोल रहा हूं. आपके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तारी वारंट निकला है. आपके घर में कुछ देर में ईडी अधिकारी छापेमारी करेंगे और गिरफ्तार कर मुंबई ले जाएंगे.' जब पीड़ित ने मुंबई जाने से इंकार किया तो साइबर अपराधियों ने पटना के होटल में डिजिटल अरेस्ट कर 74 लाख रुपए का चूना लगा दिए. हैरानी की बात है कि पढ़े-लिखे चिकित्सक इसके शिकार हो गए.
5 दिसंबर आया कॉलः दरअसल, मामला राजधानी पटना का है. सहरसा के रहने वाले एनएमसीएच से रिटायर्ड चिकित्सक ने पटना साइबर थाना में इसकी शिकायत की है. चिकित्सक ने बताया कि वे रिटायरमेंट के बाद पटना में ही रहते हैं. 5 दिसंबर को उनके पास अनजान कॉल आता है. कॉल करने वाला खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए धमकी देता है.
लुभावने ऑफर के लालच में न आएं यह साइबर अपराधियों की चाल हो सकती है।
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अधिक संपत्ति की धमकी: फर्जी ईडी अधिकारी बने साइबर ठग ने चिकित्सक से कहा कि 'आप आय से अधिक संपत्ति मामले में फंस चुके हैं. आपके खिलाफ कोर्ट से वारंट निकला है. ईडी की टीम आपके घर में छापेमारी करेगी और गिरफ्तार कर मुंबई ले जाएगी.' अपराधी के इस धमकी से चिकित्सक डर गए. कहा कि 'मैं बुजुर्ग हैं, मुबई नहीं आ सकता.'
डर का उठाया फायदाः साइबर अपराधियों ने चिकित्सक के इसी डर का फायदा उठाया. इसके बाद उसने फोन पर ही निर्देश दिया कि 'पटना में ही होटल के कमरे में जाएं, जहां आपसे कुछ अधिकारी बात करेंगे.' इसके बाद चिकित्सक ने पटना के एक होटल में कमरा बुक किया. चिकित्सक ने बताया कि होटल के कमरे में जाने के बाद वीडियो कॉल पर कई अपराधी अधिकारी बनकर बात की.
सेल्फी ऑथेंटिकेशन के माध्यम से #ठग कर सकते हैं आपके खाते से पैसों का हेर-फेर, वेबसाइट या एप की जांच के बाद ही इस प्रक्रिया के लिए बढ़ें आगे...
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वीडियो कॉल पर धमकीः साइबर ठगने वीडियो कॉल कर चिकित्सक को दो-तीन लोगों से बात करायी. कहा कि 'हमारे अधिकारी आप पर नजर बनाए हुए हैं. आप ना तो वहां से भागने की कोशिश करेंगे और ना ही मोबाइल बंद करेंगे. कुछ गड़बड़ करने की कोशिश की तो होटल से ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. अपराधियों ने व्हाट्सएप पर सुप्रीम कोर्ट, थाना और प्रवर्तन निदेशालय से के नाम से कागजात भी भेजें. इसके बाद तो चिकित्सक इतने डर गए कि फोन के सामने से हिले तक नहीं.
दो दिनों तक कैद रखा: चिकित्सक के मुताबिक दो दिनों तक उन्हें होटल के कमरे में डिजिटल अरेस्ट किया गया. अकाउंट डिटेल्स मांगा गया. जब चिकित्सक ने कहा कि अकाउंट में पैसा नहीं है तब गहना गिरवी रखने को कहा. रिटायर्ड डॉक्टर होटल के कमरे से निकलकर लॉकर में रखे सारे गहने को गिरवी रख दिया. इसके बाद 74 लाख रुपए साइबर अपराधी के खाते में आरटीजीएस कर दिया. बैंक जाने के दौरान भी अपराधी वीडियो कॉल पर ही था. हैरानी की बात है कि साइबर ठग ने व्हाट्सएप पर चिकित्सक को एनओसी पेपर भी भेज दिया.
निजी जानकारी साझा करते समय रहें #सावधान,
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अंजान लोगों को जानकारी देने से हो सकता है आर्थिक नुकसान
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6 सिदंबर को शिकायत दर्जः दो दिनों तक कैद रहने और 74 लाख रुपए गंवाने के बाद चिकित्सक को एहसास हुआ कि वे डिजिटल अरेस्ट के शिकार हो गए. उनके साथ साइबर ठगी हुई है. इसके तुरंत बाद 6 दिसबर को पटना साइबर थाना में शिकायत दर्ज करायी. साइबर थाना में मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. साइबर डीएसपी राघवेंद्र मनी त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
"मामले की जानकारी मिली है. प्राथमिकी दर्ज कर इसकी छानबीन की जा रही है. गलती से अगर किसी को रुपये ट्रांसफर कर देते हैं तो इसकी शिकायत तुरंत 1930 पर कॉल कर करें. इसके बाद लोकल या साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं. बीएनएस के प्रोविजन के अनुसार कोई भी पुलिस या एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं कर सकता है." -राघवेंद्र मनी त्रिपाठी, साइबर डीएसपी
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