बालोद: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में कुछ दिनों से मदद के बहाने एटीएम बदलकर ठगी करने वाले गिरोह पर पुलिस ने शिकंजा कसा है. इस गैंग के सदस्य एटीएम का उपयोग करने के लिए मदद के बहाने उनके खाते से पैसे निकाल लेता है. लगातार इस तरह की शिकायत मिलने के बाद बालोद पुलिस ने इस पर एक्शन लेना शुरू किया. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पुरूर बस स्टैंड से तीन ठगों को गिरफ्तार किया है.
एटीएम फ्रॉड के आरोपियों के पास मिले 150 कार्ड: बालोद एसडीओपी देवांश सिंह राठौर ने बताया "एटीएम से एक्सचेंज करने की सूचना पर जांच की जा रही थी. इसी दौरान सूचना मिली कि तीन लोग यूपी पासिंग की गाड़ी में संदिग्ध रूप से अलग अलग एटीएम जाकर चैक कर रहे हैं. इस सूचना पर बालोद थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम बनाई गई. आरोपियों के पुरुर जाने की संभावना पर धमतरी पुलिस से भी मदद ली गई. तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो पहले भी एटीएम फ्रॉड में जेल जा चुके हैं. तीनों आरोपियों के कब्जे से 142 एटीएम कार्ड, 5 मोबाइल, एक स्वैप मशीन सहित 25 हजार रुपए कैश जब्त किया गया."
ऐसे आरोपियों तक पहुंची पुलिस: 12 अगस्त को पुलिस को जानकारी मिली कि तीन लोग पुरूर बस स्टैंड के पास रेकी कर रहे हैं. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बिना देर किए तीनों से पूछताछ की और उन्हें हिरासत में लिया. आरोपी नए ग्राहक की तलाश में थे. इसी दरम्यान पुलिस ने दबिश दी. पकड़े गए तीनों आरोपी उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान के रहने वाले हैं. तीनों का नाम जसप्रीत सिंह, राजा वर्मा, शंकर सिंह चौहान है.
तीनों आरोपियों ने बांट रखा था काम: तीनों ठगों के अलग अलग काम होते थे. जसप्रीत सिंह ने यूट्यूब से एटीएम फ्रॉड का वीडियो देखा. उसी से एटीएम बदलना सीखा. इसके बाद ठगी शुरू की. साथी राजा वर्मा के साथ जाता और जिसे एटीम चलाना नहीं आता, उसे मदद के बहाने एटीएम बदल देता. जसप्रीत सिंह पहले भी ठगी के मामले में जेल जा चुका है. राजा वर्मा अपने साथी के साथ पहले एटीएम की रेकी करता. एटीएम पहली बार उपयोग करने वालों पर नजर रखता, फिर अपने साथी जसप्रीत के साथ मदद करने के बहाने एटीएम कार्ड को बदल देता.
तीसरा आरोपी बाइक से फरार होने में करता था मदद,पुलिस पर भी नजर: तीसरा आरोपी शंकर सिंह चौहान मोटरसाइकिल चालक है. तीनों साथ एटीएम जाते, रेकी करते, जहां मौका मिलता वहां जसप्रीत और राजा मोटरसाइकिल रुकवाकर एटीएम में घुस जाते. एटीएम बदलने में सफलता मिलते ही भाग जाते. शंकर पुलिस पर भी नजर रखता था.कोई पुलिस वाला दिखता तो तुरंत सूचना देता और भाग जाते. आरोपियों ने बालोद जिले के अलावा कवर्धा, सुकमा, राजनांदगांव, कोरबा, दुर्ग, बेमेतरा सहित दूसरे जिलों में ठगी कर चुके हैं.
आरोपियों ने कई लोगों के एटीएम बदलकर पैसे निकाले: एटीएम फ्रॉड का शिकार होने वालों में असाडू राम दुग्गा वार्ड भानुप्रतापपुर एटीएम कार्ड से पैसा निकालने यूको बैंक के एटीएम गया था. रुपए निकालते समय बिजली गुल होने से एटीएम बंद हो गया और कार्ड फंस गया. तभी दो अनजान व्यक्तियों ने मदद के नाम पर कार्ड बदलकर करहीभदर ग्रामीण बैंक से 26 हजार रुपए निकाल लिए.
दूसरे मामले में दीपक कुमार करपाल (34) सुवरबोड़ ने बताया कि ''12 मई को मेरी बुआ नीर बाई भुआर्य का स्वास्थ्य खराब होने पर बस स्टैंड के सामने पुरुषोत्तम पेट्रोल पंप स्थित पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम से पैसा निकालने गया. सर्वर में प्रॉब्लम था. उसी समय दो व्यक्ति आए, एक व्यक्ति ने मदद के बहाने एटीएम बदल दिया. 13 मई को पता चला कि खाते से 32 हजार निकल गए.'' इस तरह की और भी कई शिकायत पुलिस को मिल रही थी जिसके बाद पुलिस ने अपनी टीम मामले की जांच के लिए लगा दी.
आम लोगों से पुलिस की अपील: पुलिस ने लोगों से अपील भी की है. पुलिस का कहना है कि ''अगर आपको एटीएम चलाना नहीं आता तो आप अपने परिवार वालों के साथ जाएं. किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ जाएं. किसी अन्य लोगों के झांसे में ना आएं. अपना एटीएम पिन या ओटीपी किसी से भी साझा ना करें.