लखनऊ : परिवहन विभाग से ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदकों को सारथी सॉफ्टवेयर पर आवेदन करना होता है. इसके बाद लर्नर और परमानेंट टेस्ट क्वालीफाई करने वाले आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस का अप्रूवल मिलता है, फिर परिवहन आयुक्त मुख्यालय से मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर से स्मार्ट कार्ड की प्रिंटिंग होने के बाद डीएल आवेदक के पते पर भेज दिया जाता है. अब दो जून और तीन जून को मैनेजमेंट सिस्टम (केएमएस) सॉफ्टवेयर का वर्जन चेंज करने का काम होगा. इसके चलते डीएल के लिए आवेदन नहीं हो सकेंगे. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तीन जून को जितने आवेदकों का स्लॉट होगा उन्हें अगले दिन का स्लॉट अलॉट किया जाएगा.
नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सिस्टम यानी (एनआईसी) के एमएस यानी की मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर को वर्जन 2 में बदलेगा. इसके चलते दो और तीन जून को डीएल से संबंधित कोई काम नहीं होंगे. हालांकि दो जून को रविवार है इसलिए आवेदकों का आरटीओ कार्यालय में कोई टाइम स्लॉट होता ही नहीं है. इस दिन अवकाश होता है, लेकिन तीन जून को सोमवार है और पहले से ही तमाम आवेदकों ने आरटीओ कार्यालय में टाइम स्लॉट ले रखा है. अगर इस दिन टाइम स्लॉट होने पर भी आवेदक आरटीओ जाएंगे फिर भी उनका कोई काम नहीं हो पाएगा. इसके अलावा तीन जून को ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन भी नहीं हो सकेंगे.
परिवहन विभाग के मुताबिक, करीब 50 से 60 हजार लाइसेंस प्रिंट होते हैं जो वर्जन 2 के एमएस के चेंज होने के बाद ही जारी किए जाएंगे. इसके लिए आरटीओ कार्यालय में फिलहाल वर्तमान वर्जन के डीएल जारी होने पर रोक लगाई गई है, क्योंकि अगर अभी यह डाटा आरटीओ कार्यालयों से स्मार्ट चिप कंपनी को मिलता रहेगा तो फिर वर्जन 2 में तब्दील होने पर यह डाटा मिसमैच करेगा, जिससे डीएल जारी नहीं हो पाएंगे. इसलिए, फिलहाल वर्तमान वर्जन पर ड्राइविंग लाइसेंस प्रिंट नहीं किए जाएंगे. अब पांच जून से ही फिर से ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सारे काम हो सकेंगे. चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना है. ऐसे में उस दिन सार्वजनिक अवकाश रहेगा. लिहाजा 4 जून को भी डीएल से संबंधित आरटीओ कार्यालय में कोई काम वैसे ही नहीं होगा.
अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) अशोक कुमार सिंह ने बताया कि तीन जून को जिन आवेदकों के स्लॉट पहले से ही आरटीओ कार्यालय में होंगे वह सभी स्लॉट पांच जून को अलॉट कर दिए जाएंगे. तीन जून के टाइम स्लॉट वाले सभी आवेदक पांच जून को आरटीओ कार्यालय जाकर अपने ड्राइविंग लाइसेंस का काम पूरा करा सकेंगे. उनका कहना है कि वर्जन चेंज होने से डीएल की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहेगी.
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