नई दिल्ली: तिलक नगर के दुकानदार ऑनलाइन मार्केटिंग की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. 25 साल से व्यापार कर रहे बॉबी नाम के एक दुकानदार का कहना है कि अगर एक सप्ताह के लिए अपनी दुकान बंद करनी पड़े ताकि ऑनलाइन मार्केटिंग का गंदा बाजार बंद हो जाए, तो उनमें यह करने की हिम्मत है. वे मानते हैं कि ऑनलाइन विक्रेताओं की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण स्थानीय रिटेल व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.
करवा चौथ जैसे विशेष अवसर पर, जो साल में एक बार आता है, दुकानदारों को अच्छी बिक्री की संभावना होती है. लेकिन इस बार, बॉबी के अनुसार, ऑनलाइन मार्केटिंग ने उनके व्यवसाय को तोड़कर रख दिया है. लॉकडाउन के दौरान, लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी करना शुरू किया और अब वे घर बैठे-बैठे डिस्काउंट और ऑफर कूपन की तलाश में हैं. ग्राहकों का कहना है कि वे ऑनलाइन साइटों पर सस्ते दाम पर सामान खरीदना पसंद करते हैं, भले ही उसका एक्सपायरी डेट करीब हो.
बॉबी ने साझा किया कि कई महिलाएं शॉप पर आती हैं, लिपस्टिक का कोड देखती हैं और फिर उसे ऑनलाइन मंगा लेती हैं. जबकि ग्राहकों की समझदारी को कोई दोष नहीं दिया जा सकता, लेकिन दुकानदारों का मानना है कि यह सब बड़े ब्रांड की मार्केटिंग रणनीतियों का नतीजा है. जब रिटेल दुकानदार 20 फीसदी डिस्काउंट देते हैं, तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 40 फीसदी डिस्काउंट देने का क्या तुक है?
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करवा चौथ पर बाजार में गिरावट: नदीम, जो पिछले 12 वर्षों से कॉस्मेटिक सामान बेचते हैं, ने बताया कि इस बार करवा चौथ पर बाजार में 40 फीसदी की गिरावट आई है. ऑनलाइन मार्केटिंग ने न केवल रिटेल दुकानदारों को प्रभावित किया है, बल्कि वे मानते हैं कि ग्राहकों को डिस्काउंट के नाम पर Expired और Nearly Expired सामान भी बेचे जा रहे हैं.
इसी बीच, मौजूदा समय में 80 फीसदी ग्राहक ऐसे होते हैं जो ऑनलाइन कीमतें देखकर ही शॉप पर आते हैं. यह एक स्पष्ट संकेत है कि ग्राहकों में ऑनलाइन खरीदारी का चलन जोर पकड़ रहा है. बॉबी और नदीम की तरह, अन्य रिटेल दुकानदार भी अब दिवाली और शादी के सीजन से बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं. वे आशा करते हैं कि एक बार फिर से लोग शारीरिक स्टोर पर लौटेंगे और उनके व्यवसाय को स्थिरता मिलेगी.