बक्सर: व्यवहार न्यायालय बक्सर में बहस के दौरान हार्ट अटैक आने से अधिवक्ता सुरेंद्र तिवारी (65 वर्ष) की मौत हो गयी. इस घटना के बाद अदालत में मातम पसर गया. जानकारी के अनुसार, मंगलवार की दोपहर अधिवक्ता सुरेंद्र तिवारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दशम, राकेश कुमार की कोर्ट में किसी केस में बहस कर रहे थे तभी अधिवक्ता को कोर्ट रूम के अंदर हार्ट अटैक आया और बेहोश होकर गिर गए.
बक्सर कोर्ट में वकील को आया हार्ट अटैक: कोर्ट में मौजूद जज ने सीपीआर दिया लेकिन वे उठकर खड़े नहीं हो सके. गंभीर स्थिति को देखते हुए आनन फानन में न्यायाधीश की निजी कार से सदर अस्पताल, बक्सर ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जानकारी के अनुसार बभनी निवासी सुरेंद्र तिवारी अपने एक केस को लेकर बक्सर जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश दशम की अदालत में पहुंचे थे.
जज ने CPR देकर पहुंचाया अस्पताल: बताया जाता है कि कोर्ट रूम में सुरेंद्र तिवारी बहस कर रहे थे तभी अचानक बेहोश होकर गिर पड़े. अदालत में मौजूद राकेश कुमार भी अपने सीट से उठे और दौड़कर उनके इलाज के लिए डॉक्टर को बुलाया. अदालत में तैनात डॉक्टर ने जांच की और सीपीआर दिया गया लेकिन उन्हें होश नहीं आया. कोर्ट में मौजूद कर्मचारियों ने अपनी कार से उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. मगर तबतक उनकी मौत हो चुकी थी.
पटना विश्वविद्यालय से एलएलबी की थी: मृतक के पुत्र ब्रजेश तिवारी ने बताया कि स्वर्गीय सुरेंद्र तिवारी पटना विश्वविद्यालय से विधि स्नातक किए थे. वे सन 1982 से बक्सर व्यवहार न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे थे. अध्यात्म में विशेष रुचि रखने वाले सुरेंद्र तिवारी वेद, अद्वैत और धर्म पर अक्सर चर्चा किया करते थे. उनके निधन से न्यायालय के सभी न्यायाधीश, अधिवक्ता और कर्मियों ने गहरा शोक व्यक्त किया. जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव बिंदेश्वरी प्रसाद पांडेय ने भी उनके निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
"पटना विश्वविद्यालय से एलएलबी की थी, बीते 40 साल से वे प्रैक्टिस कर रहे थे. अध्यात्म में विशेष रुचि रखने वाले सुरेंद्र तिवारी वेद, अद्वैत और धर्म पर अक्सर चर्चा किया करते थे." - ब्रजेश कुमार तिवारी, मृतक अधिवक्ता के पुत्र
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