जैसलमेर: स्वर्णनगरी में दीपावली पर्व की धूम है. इस पर्व को लेकर आमजन में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. जिला प्रशासन व नगर परिषद ने स्वर्णनगरी जैसलमेर शहर को रोशनी से सजाया है. यहां के पीले पत्थरों के शहर को पीली रोशनी से सजाने से चार चांद लग गए हैं. वहीं शहर के सभी चौराहों को विशेष रोशनी से सजाया गया है. इसके अलावा लोगों ने अपने घरों और प्रतिष्ठानों को भी रोशनी से गुलजार किया है.
जैसलमेर शहर के हनुमान सर्किल, गीता आश्रम सर्किल, जेएनवी कॉलोनी सर्किल, नीरज सर्किल, चुंगीनाका सर्किल, गांधी कॉलोनी सर्किल और गड़ीसर सर्किल समेत तमाम सरकारी कार्यालयों को शानदार रोशनी से सजाया गया है. इस रोशनी को देखने के लिए स्थानीय निवासियों के साथ साथ देसी-विदेशी सैलानियों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है.
बता दें कि जैसलमेर को स्वर्णनगरी यानि गोल्डन सिटी इसलिए कहा जाता है कि जब इसके पीले पत्थरों पर रात को जब रोशनी पड़ती है, तब ये सोने सी दमकती है. दीपावली पर तो इसकी रौनक देखते ही बनती है. इसको देखते हुए ही धनतेरस पर्व से लेकर दीपावली तक शहर भर में एलईडी लाइट से हर चौराहे को सजाया गया है. इसके साथ ही सरकारी बिल्डिंग व निजी होटलों को भी विशेष रोशनी से सजाया गया है.
धनतेरस से शुरू हुआ, भाई दूज पर होगा संपन्न: पांच दिवसीय दीपावली पर्व धनतेरस से शुरू हो गया. यह भाई दूज के दिन सम्पन्न होगा. जैसलमेर में दीपावली के त्योहार पर बाजार में जमकर खरीदारी की गई. बाजार में रौनक दिखाई दी. दीपक, प्रसाद, मिठाई, कड़कड़, फूलियां, बताशे, काचर-बोर-मतीरे और फल पुष्पों की लोगों ने जमकर खरीदारी की. लक्ष्मी पूजन के लिए धन की देवी लक्ष्मी के आकर्षक चित्रों की दुकानों पर भी भीड़ उमड़ पड़ी. इस दिन घरों के बाहर और भीतर चमकने वाले दीपों से शहर जगमगा उठा. रंग-बिरंगी रोशनी से जगमग शहर में पर्यटकों की धूम रहने से फिजा बदली हुई थी. कई देशी-विदेशी पर्यटक दीपावली मनाने जैसलमेर पहुंचे हैं.
स्थिर लग्न में करें महालक्ष्मी पूजन: ज्योतिर्विद उमेश आचार्य ने बताया स्थिर लग्न में किया गया महालक्ष्मी पूजन और कुबेर पूजन स्थाई लक्ष्मी प्रदान करता है. आचार्य ने बताया कि 31 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि प्रारंभ होगी. उन्होंने बताया कि जैसलमेर में भारतीय मानक समयनुसार गुरुवार को स्थिर वृष लग्न सायं 6 बजकर 52 मिनिट से रात्रि 8 बजकर 50 मिनट तक तथा स्थिर सिंह लग्न अर्धरात्रि उपरांत 1 बजकर 23 मिनट से रात्रि 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. उन्होंने कहा कि स्थिर लग्न में षोडशोपचार विधि से श्री महालक्ष्मी पूजन करने से सुख, संपत्ति, वैभव एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.