चंडीगढ़: दिपावली पर अधिकतर लोग सूरन की सब्जी खाते हैं. लोगों का मानना है कि इस दिन सूरन खाना शुभ ही नहीं होता बल्कि इसे दिवाली पर खाने से सुख समृद्धि बनी रहती है. आइए आपको बताते हैं कि आखिरकार कहां से इस प्रथा की शुरुआत हुई.
दिवाली के दिन सूरन खाने की प्रथा: दरअसल दिवाली के दिन हर घर में खास पकवान बनाए जाते हैं. पकवान की महक से पूरा घर ही नहीं बल्कि आस-पास का क्षेत्र भी खुशबू से महक उठता है. दिवाली पर यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, ओडिशा सहित कई राज्यों के लोग सूरन की सब्जी खाते हैं. कई राज्यों में सूरन खाने का रिवाज भी है. दिवाली से कई दिन पहले लोग सूरन खरीदकर ले आते हैं फिर दिवाली के दिन इसे उबालकर पकाया जाता है. लोग बड़े चाव से इस दिन इसे खाते हैं.
ये है मान्यता: ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर सूरन की सब्जी खाने से घर में धन की अपार वर्षा होती है. जानकारों की मानें तो सूरन का पेड़ कट जाने के बाद भी दोबारा उग जाता है, इसलिए लोग इसे सुख और समृद्धि से जोड़कर देखते हैं.
सूरन खाने के लाभ: वहीं, चिकित्सकों की मानें तो सूरन में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों पाए जाते हैं. दिवाली के दिन अलग-अलग तरह के पकावानों के साथ इसे भी लोग जरूर बनाते हैं. इसका खास महत्व भी है. हालांकि सूरन की सब्जी खाने से खुजली भी होती है, इसलिए इसे खास विधि से पकाया जाता है. कहा जाता है कि सूरन का लगातार सेवन करने से आंखों की रोशनी तो बढ़ती ही है, साथ ही खून की कमी भी दूर होती है.
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