वाराणसी: दीपावली का त्योहार दीयों को जलाने का त्योहार है. इस दिन हम सभी खुशियों का इजहार करने के लिए पटाखे जलाते हैं. ऐसे में हमसे कई बार पटाखे जलाने में लापरवाही हो जाती है और शरीर और आंखों का नुकसान कर बैठते हैं. मार्केट में आजकल अधिक प्रदूषण और तेज आवाज वाले पटाखे आने लगे हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. आखों में जलन की भी गंभीर समस्या होने लगती है. ऐसे में हमें पटाखे जलाते समय बहुत सी सावधानियां बरतनी चाहिए.
दीपावली पर हम सभी एक दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं. साल भर में आने वाला यह त्योहार हम सभी के जीवन में उजाला भरता है. लेकिन, इस उजाले की खुशियां तब अंधेरे में बदल जाती हैं, जब हमारी एक गलती से हमारी आंखों पर बुरा असर पड़ता है. हम दीपावली पर पटाखे तो जलाते हैं, लेकिन एक असावधानी हमारे शरीर के साथ ही आंखों पर भी बुरा प्रभाव डालती है. बहुत से ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें पटाखों की वजह से आंखों की रोशनी तक चली जाती है. ऐसे में हमें पटाखे जलाते समय न सिर्फ शरीर का, बल्कि अपनी आंखों का भी खास खयाल रखना चाहिए.
20 से 30 फीट की बनाए रखें दूरी: डॉ. अपेक्षा अग्रवाल बताती हैं कि, आतिशबाजी और पटाखों से जितना दूर रह सकें उतना अच्छा है. बच्चों को कभी अकेला न छोड़ें. उनके साथ कोई न कोई बड़ा हो जो उन पर ध्यान रख सके. कोशिश करें कि आतिशबाजी या पटाखों से 20 से 30 फीट की दूरी बनाए रखें. कहीं दीये वगैरह जला रहे हैं, तो यह भी ध्यान रखें कि उसके आसपास कोई भी ज्वलनशील पदार्थ न हो. इसके साथ ही प्रोटेक्टिव चश्मे भी आते हैं, जिन्हें लगाकर आप आतिशबाजी देख सकते हैं, जिससे कि आंख में कोई चोट न पहुंचे.
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अच्छी क्वॉलिटी के चश्मे का करें प्रयोग: वे बताती हैं, कि हमें ऐसे चश्मे लगाने चाहिए जो बकायदा फिटिंग के हों और अच्छी क्वॉलिटी के हों. अगर किसी दशा में आपकी आंखों में इंजरी होती है, तो घर में उसका उपचार करने की कोशिश न करें. अधिक से अधिक पीने के साफ पानी से उसको धुल सकते हैं. लेकिन, जल्द से जल्द अपने नजदीकी आंख के डॉक्टर से मिलकर इसका इलाज कराएं. मेडिकल स्टोर्स पर जो दवाएं मिलती हैं, उसमें कई बार स्ट्रांग स्टेरॉइड्स होते हैं. उसे खरीदकर अपनी आंखों में न डालें.
पटाखों से स्वास्थ्य पर पड़ते हैं ये बुरे प्रभाव
- वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है.
- गर्भवती महिलाओं के लिए पटाखों से निकलने वाली हानिकारक गैसें नुकसानदेह होती हैं.
- कई पटाखो का शोर इतना तेज होता है कि लोग अस्थायी रूप से बहरे हो सकते हैं.
- पटाखों से निकली चिंगारी से आंखें और चेहरे जख्मी हो सकते हैं.
- पटाखों की धुंध यानी स्मॉग से सांस फूलने, घबराहट, खांसी, हृदय और फेफड़े संबंधी दिक्कतें होती हैं.
- पटाखों के धुंए से आंखों में जलन होने के खतरे होते हैं. इससे आंख खराब होने का भी खतरा रहता है.
त्वचा के जलने पर कर सकते हैं ये उपाय
- एलोवेरा जेल का प्रयोग जले हुए हिस्से पर करने से जलन से राहत मिलती है.
- शहद का प्रयोग भी जले हुए स्थान पर करने से लाभ होता है.
- लगभग 15 मिनट के लिए जले हुए भाग को दूध में डुबोकर रखें.
- ठंडा पानी डालें, जिससे फफोले न पड़ें. जले हुए स्थान पर ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर लपेट दें.जले हुए स्थान पर आलू पीसकर लेप या आलू के छिलके को लगाएं.