पटना: दिवाली में मिट्टी के दीयों की मांग काफी बढ़ जाती है. हर घर पर दीयों की जगमग रोशनी देखने को मिलती है. इस दिवाली पटना के मसौढ़ी में मिट्टी के दीयों के साथ ही गाय के गोबर के दीये भी खूब बनाए जा रहे हैं. पटना जिले के धनरूआ प्रखंड के सांडा पंचायत में कई कुम्हार गाय के गोबर से दीये बना रहे हैं. उनका कहना है कि यह इकोफ्रेंडली है और एकदम नेचुरल है.
पटना में बनाए जा रहे गाय के गोबर से दीये: गाय के गोबर से खाद और बायो गैस बनाये जाते जरूर है, लेकिन इस दिवाली में गोबर के बने दीये बनाए जा रहे हैं. बता दें कि गाय के गोबर से बने दिए के कई फायदे हैं. इससे वातावरण भी सुरक्षित रहता है और खुशबू भी आती है. दिवाली के बाद यह राख में तब्दील हो जाता है जिसे अपने खेत या खाद के रूप में भी इस्तेमाल कर सकेंगे.
इस दीये के हैं कई फायदे: दिये बना रहे रामानंद पंडित ने बताया कि गाय के गोबर से दीये बनाए जा रहे हैं, जो इकोफ्रेंडली के साथ-साथ पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में भी मददगार साबित होगा. साथ ही गाय को गोबर के बने इन दीयों से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा रहा है.
"यह हमारे लिए रोजगार है, आय का साधन है. गाय के गोबर का दीया शुद्ध माना जाता है. इसके कई फायदे होते हैं."- रामानंद पंडित कुम्हार, सांडां,धनरूआ
दीया जलकर हो जाता है राख: वहीं इस दिवाली गाय के गोबर से बने दीयों की इतनी डिमांड है कि यह दुर्गा पूजा से ही बिकना शुरू हो गया. लोग इसको काफी पसंद भी कर रहे हैं क्योंकि यह नेचुरल है. गाय को हिन्दू रीति रिवाज में शुद्ध माना जाता है. यह भी कारण है कि लोग इसको पसंद करते हैं. इसके साथ ही रामानंद पंडित ने बताया कि सब दीये जो हमलोग जलाते हैं, उसमें कई तरह की मिलावट होती है. लेकिन गाय के गोबर से बना यह दीपक नेचुरल है. इसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि जब यह दीपक जल जाता है तो इसके राख को अपने पेड़ पौधों में डाल सकते हैं.
ये भी पढ़ें
दिवाली में खूब बिक रही हाथी, घोड़े, ऊंट की मिठाई, इसका भोग लगाने से खुश होती हैं मां लक्ष्मी
दिवाली में बिहार की 'न्यारा मिट्टी' की खूब होती है डिमांड, एक बाल्टी कूड़े की लाखों में होती है कीमत