अयोध्या : रामनगरी में भव्य दीपोत्सव के लिए तेजी से तैयारियां चल रहीं हैं. दीपोत्सव के आठवें संस्करण को पहले से ज्यादा भव्य और दिव्य बनाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं. धर्म नगरी को त्रेता युग की तरह सजाया जा रहा है. इससे लोग श्रीराम के समय की पवित्रता और आध्यात्मिकता का अनुभव कर सकेंगे. राम की पैड़ी पर लाखों दीये जलाए जाएंगे. इसके लिए स्थान को और बढ़ाया जा रहा है. इस बार भी गिनीज बुक में रिकॉर्ड दर्ज कराने की तैयारी है.
इस वर्ष के दीपोत्सव में संस्कृति विभाग की ओर से 10 बड़े सांस्कृतिक मंच तैयार कराए जा रहे हैं. इनमें 3 बड़े जबकि सात छोटे मंच शामिल हैं. इन मंचों पर आधुनिक तकनीक के सहारे त्रेता युग की झलकियों को प्रदर्शित किया जाएगा. रामकथा पार्क में एक विशाल प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इस प्रदर्शनी में श्रद्धालु त्रेता युग का अनुभव करेंगे. रामायण काल की अहम घटनाओं की झांकियों को करीब से निहार सकेंगे.
मठ-मंदिरों की सजावट, सफाई का भी विशेष ध्यान : दीपोत्सव के भव्य आयोजन के लिए नगर निगम और संस्कृति विभाग मिलकर काम कर रहे हैं. नगर निगम शहर की साफ-सफाई और पेंटिंग का कार्य कर रहा है, जबकि संस्कृति विभाग मठों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों को सजाने-संवारने में जुटा हुआ है. मठ-मंदिरों की सजावट के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं.
अयोध्या-लखनऊ मार्ग का नवीनीकरण : दीपोत्सव से पहले अयोध्या को लखनऊ से जोड़ने वाले गोरखपुर-लखनऊ रोड को विशेष रूप से सजाया जा रहा है. इस मार्ग पर रामायण से जुड़े प्रसंगों की जीवंत झलकियां प्रस्तुत की जाएंगी. मार्ग के दोनों ओर रामायण के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को चित्रित करने की योजना बनाई गई है.
दीपोत्सव की तिथियां और कार्यक्रम : दीपोत्सव 2024 के कार्यक्रम 28 से 30 अक्टूबर तक आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान अयोध्या के प्रमुख स्थलों पर दीपों की जगमगाहट के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम होगी. मुख्य आयोजन स्थल राम की पैड़ी को भव्य रूप से सजाया जाएगा और यहां लाखों दीप जलाए जाएंगे.
अयोध्या में विभिन्न स्थलों पर बनेगा सांस्कृतिक मंच : संस्कृति विभाग ने पूरे शहर में 10 सांस्कृतिक मंच बनाने की योजना बनाई है. इनमें से एक रामकथा पार्क भी है. यहां राम राज्यतिलक का मुख्य कार्यक्रम होगा. इसके अलावां अन्य कई प्रमुख मंचों पर रामलीला और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. गुप्तार घाट, बड़ी देवकाली, नया घाट, रामघाट, बिड़ला धर्मशाला, भरतकुंड, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल, नाका हनुमानगढ़ी, बस अड्डा बाईपास और धर्मपथ में भी छोटे-छोटे मंच बनाए जाएंगे.
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