बरेली : कबाब कारीगर की हत्या के मामले में अदालत ने सर्राफा व्यापारी और उसके साथी को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. कोर्ट ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये अर्थदंड भी लगाया है. प्रेमनगर थाना क्षेत्र में मई 2023 में कबाब का स्वाद खराब बताते हुए 120 रुपये देने से इनकार करने पर हुए विवाद में सर्राफा व्यापारी ने अपने एक साथी के साथ मिलकर दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
अभियोजन के अनुसार, किला थाना क्षेत्र में रहने वाला सर्राफा व्यापारी मयंक रस्तोगी अपने मित्र ताजीम शम्शी के साथ 3 मई 2023 को प्रेमनगर थाना क्षेत्र के डीडीपुरम इलाके में कबाब खाने गया था. कबाब का स्वाद खराब होने के चलते 120 रुपये के भुगतान को लेकर विवाद हो गया था. विवाद इतना बढ़ गया कि मयंक रस्तोगी ने पिस्टल से गोली मारकर कबाब कारीगर नासिर अहमद की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया. इसके बाद प्रेमनगर थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सर्राफा व्यापारी मयंक रस्तोगी और उसके ताजीम शम्शी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पुलिस ने मयंक के पिता अनिल रस्तोगी को अपनी लाइसेंसी पिस्टल देने के मामले में जेल भेज दिया था. तब से मामला बरेली की अपर सत्र न्यायाधीश देवाशीष की अदालत में चल रहा था.
जिला शासकीय अधिवक्ता सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि बरेली के अपर सत्र न्यायाधीश देवाशीष की कोर्ट ने 10 महीने में ही कबाब कारीगर की हत्या के मामले में अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कबाब कारीगर की हत्या में सर्राफा व्यापारी मयंक रस्तोगी और उसके दोस्त ताजीम शम्शी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा अदालत ने दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं मयंक रस्तोगी के पिता अनिल रस्तोगी को अदालत ने दोष मुक्त कर दिया है.
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