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ऑपरेशन में लापरवाही से किडनी में छेद किया, हॉस्पिटल को देना होगा 15.50 लाख का हर्जाना

imposed compensation on hospital जयपुर उपभोक्ता आयोग ने ऑपरेशन के दौरान लापरवाही बरतने पर एक निजी अस्पताल पर 15.50 लाख रुपए हर्जाना लगाया है.

imposed a compensation Rs 15 lakh,  imposed compensation on hospital
जयपुर उपभोक्ता आयोग .
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 15, 2024, 8:49 PM IST

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने पथरी ऑपरेशन के दौरान लापरवाही से मरीज की किडनी में छेद करने को गंभीर सेवादोष मानते हुए सीकर रोड स्थित हॉस्पिटल पर 15.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं, हॉस्पिटल को निर्देश दिया है कि वह मरीज के इलाज में खर्च हुए 3.10 लाख रुपए भी उसे परिवाद दायर करने की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से लौटाए. उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह निर्देश कृष्ण अवतार मालाणी के परिवाद पर दिया.

परिवाद में कहा गया कि 8 फरवरी 2022 को परिवादी के पेट में दर्द होने पर उसे विपक्षी हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने उसे बताया कि उसकी बाईं ओर की किडनी के यूरेटर में 13 एमएम की पथरी है और दूरबीन के जरिए उसका सामान्य तरीके से ऑपरेशन किया जाएगा. उसे आश्वस्त किया कि लेजर प्रणाली से ऑपरेशन कर स्टोन निकाल दिए जाएंगे और कोई परेशानी भी नहीं होगी. जिस पर परिवादी हॉस्पिटल में भर्ती हो गया. 9 फरवरी को उसका ऑपरेशन कर उसे 11 फरवरी 2022 को डिस्चार्ज करने के लिए कहा. इस दौरान जब मेडिकल स्टॉफ ने यूरिन के लिए लगाए केथेटर को हटाया तो उसके अत्यधिक दर्द हुआ और ब्लड व क्लोट्स निकले.

पढ़ेंः बैंक से उपभोक्ता का चेक गुम, आयोग ने लगाया हर्जाना

ऑपरेशन के बाद से उसका यूरिन बंद हो गया, लेकिन विपक्षी ने कोई ध्यान नहीं दिया और स्थिति बिगड़ने पर ट्यूब के जरिए यूरिन निकाला. वहीं, बाद में उसे 17 फरवरी को दवाई देकर डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन 4-5 दिन बाद यूरिन की जगह से ब्लडिंग होने लगी और उसे 24 फरवरी को पुन: विपक्षी के यहां भर्ती कराया, लेकिन 3 मार्च तक भर्ती रहने के बाद भी दर्द व ब्लडिंग में कोई सुधार नहीं हुआ. परिवादी ने दूसरी जगह दिखाया तो पता चला कि उसकी बांयी ओर की किडनी के लोअर पोल में छेद हो गया है और इस कारण ही ब्लेडिंग होना व क्लोट्स बने हैं. जिस पर उसने दूसरे डॉक्टर से ऑपरेशन कराया और वायर के जरिए उसके किडनी के छेद को बंद किया. इसे परिवादी ने उपभोक्ता अदालत में चुनौती देते हुए इलाज पर खर्च हुई राशि हर्जाना सहित दिलवाए जाने का आग्रह किया. जवाब में विपक्षी ने कहा कि उनकी ओर से ऑपरेशन में लापरवाही नहीं बरती है. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर विपक्षी हॉस्पिटल को सेवा में दोषी करार देते हुए हर्जाना लगाया व इलाज पर खर्च हुई राशि भी ब्याज सहित लौटाने के लिए कहा है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर-द्वितीय ने पथरी ऑपरेशन के दौरान लापरवाही से मरीज की किडनी में छेद करने को गंभीर सेवादोष मानते हुए सीकर रोड स्थित हॉस्पिटल पर 15.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. वहीं, हॉस्पिटल को निर्देश दिया है कि वह मरीज के इलाज में खर्च हुए 3.10 लाख रुपए भी उसे परिवाद दायर करने की तारीख से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से लौटाए. उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष ग्यारसीलाल मीना व सदस्य हेमलता अग्रवाल ने यह निर्देश कृष्ण अवतार मालाणी के परिवाद पर दिया.

परिवाद में कहा गया कि 8 फरवरी 2022 को परिवादी के पेट में दर्द होने पर उसे विपक्षी हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने उसे बताया कि उसकी बाईं ओर की किडनी के यूरेटर में 13 एमएम की पथरी है और दूरबीन के जरिए उसका सामान्य तरीके से ऑपरेशन किया जाएगा. उसे आश्वस्त किया कि लेजर प्रणाली से ऑपरेशन कर स्टोन निकाल दिए जाएंगे और कोई परेशानी भी नहीं होगी. जिस पर परिवादी हॉस्पिटल में भर्ती हो गया. 9 फरवरी को उसका ऑपरेशन कर उसे 11 फरवरी 2022 को डिस्चार्ज करने के लिए कहा. इस दौरान जब मेडिकल स्टॉफ ने यूरिन के लिए लगाए केथेटर को हटाया तो उसके अत्यधिक दर्द हुआ और ब्लड व क्लोट्स निकले.

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ऑपरेशन के बाद से उसका यूरिन बंद हो गया, लेकिन विपक्षी ने कोई ध्यान नहीं दिया और स्थिति बिगड़ने पर ट्यूब के जरिए यूरिन निकाला. वहीं, बाद में उसे 17 फरवरी को दवाई देकर डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन 4-5 दिन बाद यूरिन की जगह से ब्लडिंग होने लगी और उसे 24 फरवरी को पुन: विपक्षी के यहां भर्ती कराया, लेकिन 3 मार्च तक भर्ती रहने के बाद भी दर्द व ब्लडिंग में कोई सुधार नहीं हुआ. परिवादी ने दूसरी जगह दिखाया तो पता चला कि उसकी बांयी ओर की किडनी के लोअर पोल में छेद हो गया है और इस कारण ही ब्लेडिंग होना व क्लोट्स बने हैं. जिस पर उसने दूसरे डॉक्टर से ऑपरेशन कराया और वायर के जरिए उसके किडनी के छेद को बंद किया. इसे परिवादी ने उपभोक्ता अदालत में चुनौती देते हुए इलाज पर खर्च हुई राशि हर्जाना सहित दिलवाए जाने का आग्रह किया. जवाब में विपक्षी ने कहा कि उनकी ओर से ऑपरेशन में लापरवाही नहीं बरती है. आयोग ने दोनों पक्षों को सुनकर विपक्षी हॉस्पिटल को सेवा में दोषी करार देते हुए हर्जाना लगाया व इलाज पर खर्च हुई राशि भी ब्याज सहित लौटाने के लिए कहा है.

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