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साधन सहकारी समिति मिनी बैंक के प्रभारी को तीन साल की जेल, 40 लाख का किया था गबन - BAGESHWAR EMBEZZLEMENT CASE

Sadhan Cooperative Society Bank Embezzlement in Bageshwar जिला एवं सत्र न्यायालय बागेश्वर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गुंजन ​सिंह ने गबन मामले में सजा सुनाई है. मामले में गबन के आरोपी को 3 साल के कठोर कारावास की सजा काटनी होगी. साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी भरना होगा. जानिए क्या है पूरा मामला...

District And Sessions Court Bageshwar
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 2, 2024, 9:33 PM IST

बागेश्वर: मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गुंजन ​सिंह की अदालत ने गबन के आरोपी को 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा आरोपी पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. अगर आरोपी ने अर्थदंड जमा नहीं किया तो उसे 6 महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.

साधन सहकारी समिति मिनी बैंक के प्रभारी पर गबन का आरोप: बता दें कि बागेश्वर के रहने वाले हीरा बल्लभ भट्ट ने साधन सहकारी समिति मिनी बैंक आरे के प्रभारी सुशील कुमार निवासी आरे (बागेश्वर) के​ ​खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया था कि सुशील कुमार ने एक अप्रैल 2012 से 31 दिसंबर 2014 तक सहकारी समिति में 40,97,363 रुपए का गबन किया है. जिसके बाद सहकारिता के सहायक विकास अधिकारी ने निरीक्षण किया तो यह ​शिकायत सही पाई.

तत्कालीन सचिव पूरन सिंह अ​ल्मियां का नाम भी आया सामने: वहीं, जांच के बाद आरोपी ने 19,65,000 रुपए जमा कराए. बाकी रुपए 3 महीने के भीतर जमा कराने की बात कही. जब उसने रुपए नहीं चुकाए तो उसके ​खिलाफ वादी ने मामला दर्ज कराया. जांच में तत्कालीन सचिव पूरन सिंह अ​ल्मियां का नाम सामने आने पर पुलिस ने दोनों के ​खिलाफ धारा 406, 409, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया.

पूरन सिंह अ​ल्मियां की हुई मौत, राजेंद्र राम हुआ दोषमुक्त: उधर, न्यायालय में 319 दंड प्रक्रिया के तहत राजेंद्र राम का नाम सामने आने पर उसे भी आरोपी बनाया गया. इधर, मामले के दौरान केस के सह आरोपी पूरन सिंह अ​ल्मियां की मौत होने से मामला अबैट किया गया. दूसरे आरोपी राजेंद्र राम को दोषमुक्त किया गया. वहीं, अब न्यायालय ने सुशील कुमार को दोषसिद्ध करते हुए सजा सुनाई. अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार मौर्य ने की.

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साधन सहकारी समिति मिनी बैंक के प्रभारी पर गबन का आरोप: बता दें कि बागेश्वर के रहने वाले हीरा बल्लभ भट्ट ने साधन सहकारी समिति मिनी बैंक आरे के प्रभारी सुशील कुमार निवासी आरे (बागेश्वर) के​ ​खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया था कि सुशील कुमार ने एक अप्रैल 2012 से 31 दिसंबर 2014 तक सहकारी समिति में 40,97,363 रुपए का गबन किया है. जिसके बाद सहकारिता के सहायक विकास अधिकारी ने निरीक्षण किया तो यह ​शिकायत सही पाई.

तत्कालीन सचिव पूरन सिंह अ​ल्मियां का नाम भी आया सामने: वहीं, जांच के बाद आरोपी ने 19,65,000 रुपए जमा कराए. बाकी रुपए 3 महीने के भीतर जमा कराने की बात कही. जब उसने रुपए नहीं चुकाए तो उसके ​खिलाफ वादी ने मामला दर्ज कराया. जांच में तत्कालीन सचिव पूरन सिंह अ​ल्मियां का नाम सामने आने पर पुलिस ने दोनों के ​खिलाफ धारा 406, 409, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया.

पूरन सिंह अ​ल्मियां की हुई मौत, राजेंद्र राम हुआ दोषमुक्त: उधर, न्यायालय में 319 दंड प्रक्रिया के तहत राजेंद्र राम का नाम सामने आने पर उसे भी आरोपी बनाया गया. इधर, मामले के दौरान केस के सह आरोपी पूरन सिंह अ​ल्मियां की मौत होने से मामला अबैट किया गया. दूसरे आरोपी राजेंद्र राम को दोषमुक्त किया गया. वहीं, अब न्यायालय ने सुशील कुमार को दोषसिद्ध करते हुए सजा सुनाई. अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी अशोक कुमार मौर्य ने की.

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