गिरिडीह: झारखंड से मजदूरों को गलत जानकारी देकर विदेश ले जाने वाले बिचौलियों के खिलाफ कार्रवाई तय है. कैमरून से श्रमिकों के वापस लौटने के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है. इसकी पुष्टि गिरिडीह सदर के विधायक सुदिव्य कुमार और गिरिडीह जिले के डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने की है. वहीं, गिरिडीह के एसपी दीपक कुमार शर्मा ने भी डुमरी एसडीपीओ सुमित कुमार को को इस मामले को लेकर विशेष निर्देश दिया है.
बड़ी कंपनी में काम दिलवाने का दिया गया था झांसा
दरअसल गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 27 मजदूर बेहतर काम की तलाश में कैमरून गए थे. झारखंड से जाने से पहले बिचौलियों ने इन्हें कहा था कि एलएनटी नाम की एक बड़ी कंपनी में इन्हें काम करने का मौका मिलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. यहां से श्रमिकों को कैमरून ले जाने के बाद इन्हें एक अलग एजेंसी के हाथों सौंप दिया गया. श्रमिकों को ना समय पर वेतन मिला और ना ही ठीक से भोजन. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में जब यह मामला आया तो त्वरित एक्शन लिया गया. जिला से लेकर राज्य तक के अधिकारी एक्टिव हो गए. विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क किया गया.
श्रमिकों का शोषण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई तय
जिस कंपनी के नाम पर इन मजदूरों को विदेश ले जाया गया था उस कंपनी के प्रतिनिधि से भी बात की गई. श्रमिकों को वेतन दिलवाया गया और चंद दिनों में ही सभी को वतन वापस लाया गया. श्रमिकों के वापस भारत लौटने के बाद यहां के जनप्रतिनिधियों ने और अधिकारियों ने सभी से बात की. गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि श्रमिकों का शोषण हुआ है. श्रमिकों के साथ धोखा हुआ है. ऐसे में धोखा देने वाले और शोषण करने वाले जो भी लोग शामिल है, सभी के खिलाफ कार्रवाई तय है. गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि पूरे मामले में गंभीरता से पड़ताल की गई है और आवश्यक कार्रवाई होगी.
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