मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण के बाद कांग्रेस में असंतोष खुलकर सामने आया है. चिरमिरी नगर निगम के बाद अब मनेंद्रगढ़ में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी उभरकर आई है. मनेंद्रगढ़ नगरपालिका के 22 वार्डों के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा के बाद 6 वार्डों में पार्टी से जुड़े पुराने पार्षदों ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
छह पार्षदों ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान : राखी सिंह, ममता सोनी, शिव यादव, पप्पू हुसैन, सपन महतो जैसे कांग्रेस से जुड़े पुराने पार्षदों ने टिकट नहीं मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ने का घोषणा कर दी है. इनमें सबसे बड़ी नाराजगी महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष राखी सिंह की ओर से देखने को मिली, जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
राखी सिंह ने लगाए गंभीर आरोप : महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष राखी सिंह ने इसे लेकर कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है. राखी सिंह के मुताबिक पार्टी ने पहले वार्ड नंबर 21 से उनका नाम तय कर सूची जारी की. लेकिन अंतिम समय में बी-फॉर्म में नाम बदलकर किसी और का नाम डाल दिया गया.
मैंने कांग्रेस पार्टी को 15 साल दिए, हर आंदोलन और कार्यक्रम में भाग लिया, लेकिन मेरे साथ अन्याय हुआ. जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि 22 नेताओं ने उनका समर्थन किया था. फिर भी उनका नाम काट दिया गया. इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमुख पटेल जिम्मेदार हैं- राखी सिंह, निर्दलीय प्रत्याशी
ममता सोनी भी कांग्रेस से नाराज, निर्दलीय लड़ेंगी चुनाव : पूर्व पार्षद ममता सोनी भी टिकट नहीं मिलने से आहत हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने पूरी निष्ठा से पार्टी के लिए काम किया. लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया. इसलिए उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. ममता सोनी भी अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं हैं. उन्होंने कांग्रेस के टिकट वितरण पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी ने गलत निर्णय लिया है और योग्य उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया गया.
कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ीं, कई वार्डों में हो सकता है नुकसान : छह पूर्व पार्षदों के निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले से कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो सकती है.स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ रही है, जिससे कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है. निर्दलीय प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है, जिससे कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती मिल सकती है. अब देखना ये होगा कि कांग्रेस पार्टी इस असंतोष को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है.
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