साहिबगंज: एलसी रोड का विवादित जमीन की जांच का जिम्मा उपायुक्त हेमंत सती ने सदर एसडीओ को सौंप दिया है. एसडीओ को एक माह के अंदर दोनों पक्षों को बुलाकर जांच किया जाएगा. इसके बाद रिपोर्ट देने को कहा गया. कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचकर स्थानीय लोगों ने आवेदन देकर जमीन हड़पने का जो आरोप माफिया पर लगाया है, उस आवेदन में जमीन की राशि एक करोड़ 20 लाख रुपये पाकिस्तान रिश्तेदार के पास भेजने की बात सामने आई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गंभीर मामला है कि आखिर इतनी मोटी रकम कैसे और किस माध्यम से पाकिस्तान पहुंचा. इसे लेकर लोगों ने जांच की मांग की है.
कौन है एलसी रोड की प्रो. मुसर्रत तहसीन
संध्या कालेज के उर्दू विषय के पूर्व प्रोफेसर स्व. मुसर्रत जहां उर्फ रिजवान की मृत्यु 29 जनवरी 2021 हो गई. पति की मौत इसके पहले ही हो गई है. दोनों दंपती नि:संतान थे. इनके रिश्तेदार कुछ पाकिस्तान तो कुछ बांग्लादेश में जाकर बस गए. स्थानीय लोगों के मुताबिक, शिक्षिका की मौत पर भी वे लोग नहीं पहुंचे थे. शिक्षिका की एलसी रोड पर एक मकान है, जिसे लेकर यह विवाद छिड़ा हुआ है.
क्या है शत्रु संपत्ति अधिनियम
शिकायत पत्र में लिखा गया कि शत्रु संपत्ति अधिनियम 2017, 2018 में कानून पास हुआ. इसमें लिखा है कि जिनके पूर्वज पाकिस्तान या बंगालदेश में रह रहे हैं, यदि वे जमीन के वारिस नहीं है तो जमीन और उसपर बने मकान का अधिग्रहण प्रशासन कर सकती है. वैसे भी यह जमीन खासमहल के अंतर्गत आता है, जिसकी खरीद-बिक्री उपायुक्त के आदेश के बगैर नहीं हो सकती है.
सदर अनुमंडल पदाधिकारी अंगारनाथ स्वर्णकार ने बताया कि जमीन से जुड़ा एक मामला संज्ञान में आया है. उपायुक्त ने एक माह के अंदर जांच रिपोर्ट तैयार करके मांगा है. दोनों पक्षों को बुलाकर कोर्ट में जांच की जाएगी. इसके बाद जो दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई निश्चित रूप से होगी. साथ ही जमीन की राशि किस माध्यम से पाकिस्तान पहुंचा, उस बिंदु पर भी जांच की जाएगी.
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