गिरिडीह: सूबे के पहले मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का गृह प्रखंड इन दिनों सुर्खियों में है. सुर्खियों की वजह दलित प्रताड़ना और रिश्वत का आरोप है. मामला बीडीओ और एक दलित महिला से जुड़ा हुआ है. इसे लेकर यहां का राजनीतिक पारा भी चढ़ा हुआ है. एक तरफ बीडीओ ने महिला पर रिश्वत देने का आरोप लगाते हुए थाना में लिखित शिकायत की है तो दूसरी तरफ महिला ने दलित प्रताड़ना का आरोप लगाया है. महिला के पक्ष में यहां के स्थानीय लोग भी सड़क पर उतर आए हैं. बीडीओ के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया है.
क्या है पूरी कहानी
दरअसल, इस मामले की शुरुआत अबुआ आवास लिस्ट की त्रुटि से होती है. यहां प्रखंड के गम्हरियाटांड़ की 50 वर्षीय रेखा देवी (पति राजेंद्र राम) दलित वर्ग से आती हैं. रेखा का नाम अबुआ आवास कि सूची में आया लेकिन श्रेणी अनुसूचित जाति की जगह ओबीसी हो गया. रेखा ने इस श्रेणी को सुधारने और अबुआ आवास की स्वीकृति देने की मांग की. रेखा डेढ़ माह से इसी चक्कर में प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने लगी लेकिन सुधार नहीं हुआ.
इस बीच शुक्रवार को रेखा फिर से बीडीओ ऑफिस गयी. यहां बाहर में कुछ लोग मिले. उन लोगों ने रेखा से कहा कि कुछ चढ़ावा देने पर सुनवाई हो सकती है. इसके बाद रेखा बीडीओ के कक्ष में पहुंची. आवेदन के साथ चाय नास्ता के लिए छोटी सी राशि भी दे दी. बस यहीं विवाद ने जन्म ले लिया. बीडीओ ने महिला को रिश्वत देने का आरोप लगाते हुए थाना से शिकायत कर दी. महिला को काफी देर तक एक कमरे में बैठाकर रखा गया तो महिला ने बीडीओ पर दलित उत्पीड़न का आरोप लगाया. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया.
क्या कहती है महिला
इस घटना को लेकर महिला रेखा देवी ने भी बीडीओ के खिलाफ हरिजन उत्पीड़न की शिकायत की है. महिला का कहना है कि उसे दुनियादारी इतना पता नहीं है. वह अबुआ आवास के लिए अपनी जाति सुधरवाने के लिए लगातार ब्लॉक का चक्कर लगा रही थी लेकिन उसका काम हो नहीं रहा था. शुक्रवार को जब वह ब्लॉक पहुंची तो उसे कुछ लोगों ने बताया कि चाय-पानी के लिए सौ-दो सौ रुपया वह दे देगी तो काम हो जाएगा. इस वजह से उसने आवेदन के साथ सौ रुपया दे दिया. बस इतनी सी बात पर बीडीओ ने काफी भला-बुरा कहा. उसे प्रताड़ित किया गया, एक घंटे तक बैठाकर रखा गया. महिला ने कहा कि वह तो नासमझ थी इसके लिए इतना अपमान हुआ.
क्या कहते हैं बीडीओ
इधर बीडीओ मनीष कुमार का कहना है कि रेखा देवी नामक महिला ने अबुआ आवास के लिए आवेदन दिया था. इसके आलोक में पंचायत सचिव और मुखिया ने स्थल जांच करते हुए रिपोर्ट सौंपा. समर्पित रिपोर्ट में यह बताया गया कि रेखा देवी के पति उमवि तिसरी बालक में सहायक शिक्षक हैं. जबकि इनका मकान भी ढलाई के साथ पक्का का है. ऐसे में इन्हें अबुआ आवास नहीं मिल सकता. इस बीच 27 सितंबर को रेखा देवी उनके कार्यालय कक्ष में आयी और एक आवेदन के साथ पांच सौ रुपया बतौर रिश्वत देने का प्रयास किया. तुरंत ही इसकी सूचना तिसरी थाना को दी गई. रेखा देवी को एक महिला कर्मी के साथ बगल के कमरे में बैठाकर रखा गया. बीडीओ का कहना है कि उनके द्वारा किसी प्रकार का अभद्र व्यवहार नहीं किया गया है.
पूरे प्रकरण की हो रही है जांच : डीडीसी
इस विषय पर डीडीसी स्मिता कुमारी ने ईटीवी भारत को बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है. जिले के डीसी को भी प्रकरण से अवगत कराया गया है. पूरे विषय की जांच हो रही है. जांच के बाद आगे कुछ कहा जा सकता है.
भाजपा ने की कार्रवाई की मांग
दूसरी तरफ इस घटना के खिलाफ भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के द्वारा प्रदर्शन भी किया गया है. भाजपा नेताओं ने बीडीओ पर कार्रवाई की मांग की है. भाजपा नेता मनोज यादव का कहना है कि दलित महिला संग जिस तरह का व्यवहार किया गया है, वह निंदा योग्य है.
सामंती विचारधारा रखे हुए हैं बीडीओ : राजकुमार
इधर पूर्व विधायक सह भाकपा माले नेता राजकुमार यादव ने भी घटना की निंदा की है. राजकुमार का कहना है कि महिला नासमझ है तो बीडीओ को उसे समझाने का काम करना चाहिए था न कि पद का दुरुपयोग करते हुए महिला को थाना भिजवाना चाहिए और न ही महिला के साथ दुर्व्यवहार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बीडीओ का यह रवैया सामंतवाद को दर्शाता है. बीडीओ की गुंडागर्दी नहीं चलने दी जायेगी. उन्होंने कहा कि एक कमेटी इस मामले की जांच करे और बीडीओ को हटाया जाए.
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