नई दिल्ली: देश में 50 फीसदी से ज्यादा गर्भवती महिलाएं एनीमिया (खून की कमी) से पीड़ित हैं. यह एक ऐसी समस्या है, जो न केवल मां बल्कि विकसित हो रहे भ्रूण पर भी बुरा असर डालती हैं. इसकी रोकथाम के लिए देश में एनीमिया मुक्त भारत अभियान भी चल रहा है, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं दिख रहा. जिसे देखते हुए एनीमिया से पीड़ित महिलाओं के लिए स्वदेशी टीका तैयार किया गया है. इस टीके की सुरक्षा, टीके को लगाने के बाद शरीर पर असर व दूसरे कारणों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली एम्स में दुनियाभर के विशेषज्ञ एकजुट हुए.
शोध में आईवी आयरन इंजेक्शन प्रभावी पाया गया है: बैठक के दौरान आईवी आयरन इंजेक्शन पर चर्चा हुई. चर्चा के दौरान एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ. नीना मल्होत्रा ने कहा कि शोध में आईवी आयरन इंजेक्शन प्रभावी पाया गया है. यह सीधे आयरन की पूर्ति कर सकता है, लेकिन यह महिलाओं के लिए सुरक्षित है या नहीं इस पर चर्चा चल रही है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह जल्द महिलाओं के लिए उपलब्ध होगा.
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स्वदेशी टीके की कीमत 300 से 500 रुपए: एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. कपिल यादव ने कहा कि स्वदेशी टीके की कीमत 300 से 500 रुपए तक है. इसकी एक ही डोज प्रभावी है. पहले विदेशी टीके उपलब्ध थे उनकी कीमत भी दस गुना ज्यादा थी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारत में यह जल्द बड़े स्तर पर महिलाओं को उपलब्ध होगा. साथ ही दुनियाभर में भी इसे निर्यात कर सकेंगे. एनीमिया की वजह से थकान, कमजोरी, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं पैदा होती है कई मामलों में तो यह कमी जानलेवा भी साबित हो सकती है. स्वदेशी टीके से मां बल्कि विकसित हो रहे भ्रूण को एनीमिया के जानलेवा खतरे से बचाया जा सकता है.
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