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कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल में आसमान से बरसी 'आफत', रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में फटा बादल, नदियों का दिखा रौद्र रूप - cloudburst in uttarakhand - CLOUDBURST IN UTTARAKHAND

cloudburst in Yamunotri, Heavy rain Uttarkashi, Heavy rain Rudraprayag, Uttarakhand rain alert उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में भी मौसम ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है. भारी बारिश के बाद गढ़वाल बेहाल हो चुका है. उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले में बारिश का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिला है.

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भारी बारिश के बाद गढ़वाल बेहाल. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 26, 2024, 5:57 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल मंडल में भी आफत की बारिश शुरू हो गई है, जिससे पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में गुरुवार रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. रुद्रप्रयाग में जहां भारी बारिश के बाद पुल डूबने और टूटने का मामला सामने आया है. वहीं मसूरी में भी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है.

बता दें कि बीते दिनों बारिश ने कुमाऊं मंडल के नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिले में जमकर कहर बरपाया था. बारिश के कारण उधमसिंह नगर जिले के कई इलाके जलमग्न हो गए थे. वहीं स्थिति अब गढ़वाल में बनती हुई दिख रही है. गढ़वाल में आफत की बारिश की शुरुआत 25 जुलाई रात को यमुनोत्री इलाके में बादल फटने के साथ शुरू हुई. यहां 25 जुलाई शुक्रवार रात से जोरदार बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में तबाही मची हुई है.

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कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल में आसमान से बरसी 'आफत' (ETV Bharat)

राजधानी देहरादून में भी बन गए थे बाढ़ जैसे हालात: दो दिन पहले 24 जुलाई को देहरादून में भी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए थे. देहरादून में कई इलाकों में नदी और नालों का पानी घुस गया है. सड़कों पर पानी का सैलाब सा आ रखा था. देहरादून में नदियों का रौद्र रूप देखकर लोग काफी डरे हुए है.

देर रात यमुनोत्री में फटा बादल: उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री इलाके में भी 25 जुलाई देर रात को बादल फटा है, जिससे यहां भी जमकर तबाही हुई है. बादल फटने से आया पानी का सैलाब अपने साथ सब कुछ बहाकर ले गया. इस सैलाब में कई गाड़ियां भी बह गई. राहत की बात ये है कि इस घटना में किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है. हालांकि कई घरों में सैलाब के साथ आया मलबा घुसा है.

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बादल फटने के बाद इलाके का हाल. (ETV Bharat)

मंदिर के पास की इमारत को पहुंचा नुकसान: बादल फटने के बाद यमुनोत्री मंदिर के आसपास काफी मात्रा में पानी के साथ बड़े-बड़े बोल्डर भी आए है. इसके अलावा जानकी चट्टी के पास मंदिर की ही एक इमरात को काफी नुकसान पहुंचा है. हालांकि सुबह होते-होते हालात काबू में आ गए थे.

गंगा और यमुना का जल स्तर बढ़ा: वहीं, पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना के साथ-साथ तमाम नदियों का जल स्तर अचानक से बढ़ गया है, जिससे मैदानी इलाकों में नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है. मौसम विभाग की माने तो फिलहाल बारिश से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे है. ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है.

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भारी बारिश के बाद नदियों को जल स्तर बढ़ा. (ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग जिले में हर साल कहर बरपाती है मॉनसूनी बारिश: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मॉनसूनी बारिश हर साल कहर बरपाती है. शायद ही ऐसा कोई साल जाता हो, जब मॉनसून में बारिश से रुद्रप्रयाग जिले को नुकसान न होता हो. इस साल भी बारिश ने यहां जमकर कहर बरपाना शुरू कर दिया है.

रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय को पांच गांव से जोड़ने वाला पुल भी अलकनंदा नदी में डूब गया. जिससे ग्रामीणों का जिले से संपर्क कट गया है. इसके अलावा ऊखीमठ में मोरकंडा नदी पर बना टैंप्रेरी पुल बह गया है, जिससे वहां काफी लोग फंस गए थे, जिनका रेस्क्यू किया गया. साल 2013 की आपदा में रुद्रप्रयाग जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था.

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उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद पहाड़ में बने आपदा जैसे हालत. (ETV Bharat)

मॉनसून में गई कई लोगों की जान: इस बार भी मॉनसूनी बारिश ने रुद्रप्रयाग जिले में कई लोगों की जान ले ली है. बीते दिनों बोल्डर गिरने से रुद्रप्रयाग जिले में तीन लोगों की मौत हुई थी. वहीं, इस बरसाती सीजन की बात की जाए तो 15 जून से लेकर अभीतक जिले में बारिश के कारण कई सड़कें हादसे हुए है, जिसमें करीब 21 लोगों की जान गई है.

बारिश के लिहाज के संवेदनशील जिला रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला बारिश के लिहाज से काफी संवेदनशील है. भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग जिले में फिलहाल आठ मोटर मार्ग बंद हैं, जिनको खोलने का प्रयास किया जा रहा है.

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नदियों का दिखा रौद्र रूप (ETV Bharat)

ऋषिकेश में पुलिस और एसडीआरएफ अलर्ट: उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के बाद ऋषिकेश में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. जिसके बाद पुलिस और एसडीआरएफ भी अलर्ट हो गई है और किसी को भी उफनती नदी के पास नहीं जाने दिया जा रहा है. गंगा किनारे रहने वाले लोगों को भी अलर्ट किया गया है.

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बादल फटने के बाद आया पानी का सैलाब. (ETV Bharat)

हरिद्वार में पुलिस की भक्तों से अपील: हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ मेला चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु यानी कांवड़िये गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंच रहे है. ऐसे में यहां भी पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि वो किनारे पर ही नाहे और उफनते पानी के बीच में न जाए.

भागीरथी नदी का जलस्तर: उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी का जलस्तर 1121.05 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 1123. मीटर है. हरिद्वार में गंगा नदी 252.35 मीटर पर बह रही है, यह खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे है.

rudraprayag
नदी का जल स्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग में पुल डूबा. पुल के डूबने से कई गांव का संपर्क कटा. (ETV Bharat)

अलकनंदा नदी का जलस्तर: अलकनंदा भी 954.00 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 957. 42 मीटर है. टिहरी बांध से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. 15540 क्यूसेक पानी लगातार टिहरी बांध से डिस्चार्ज किया जा रहा है.

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मदमहेश्वर में बना अस्थायी पुल टूटा. (ETV Bharat)

मध्यमेश्वर में फंसे पर्यटकों को किया गया एयरलिफ्ट: रुद्रप्रयाग जिले के मध्यमेश्वर में पुल टूटने से 125 पर्यटक फंस गए थे, जिनका हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया. रुद्रप्रयाग जिले के एटीएम श्याम सिंह राणा ने बताया कि अब तक 75 लोगों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है. शाम तक इन सभी लोगों को निकाल लिया जाएगा. फिलहाल पानी जैसे ही नीचे उतरेगा पुल की वैकल्पिक व्यवस्था भी प्रशासन तभी कर पाएगा. उधर मौसम विभाग में यह साफ कर दिया कि गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में अभी इसी तरह से निरंतर बारिश अगले 48 घंटे तक जारी रहेगी, जिसमें उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग जैसे जिले शामिल है.

देहरादून: उत्तराखंड में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल मंडल में भी आफत की बारिश शुरू हो गई है, जिससे पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में गुरुवार रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. रुद्रप्रयाग में जहां भारी बारिश के बाद पुल डूबने और टूटने का मामला सामने आया है. वहीं मसूरी में भी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है.

बता दें कि बीते दिनों बारिश ने कुमाऊं मंडल के नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिले में जमकर कहर बरपाया था. बारिश के कारण उधमसिंह नगर जिले के कई इलाके जलमग्न हो गए थे. वहीं स्थिति अब गढ़वाल में बनती हुई दिख रही है. गढ़वाल में आफत की बारिश की शुरुआत 25 जुलाई रात को यमुनोत्री इलाके में बादल फटने के साथ शुरू हुई. यहां 25 जुलाई शुक्रवार रात से जोरदार बारिश हो रही है, जिससे कई इलाकों में तबाही मची हुई है.

cloudburst in Rudraprayag
कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल में आसमान से बरसी 'आफत' (ETV Bharat)

राजधानी देहरादून में भी बन गए थे बाढ़ जैसे हालात: दो दिन पहले 24 जुलाई को देहरादून में भी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए थे. देहरादून में कई इलाकों में नदी और नालों का पानी घुस गया है. सड़कों पर पानी का सैलाब सा आ रखा था. देहरादून में नदियों का रौद्र रूप देखकर लोग काफी डरे हुए है.

देर रात यमुनोत्री में फटा बादल: उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री इलाके में भी 25 जुलाई देर रात को बादल फटा है, जिससे यहां भी जमकर तबाही हुई है. बादल फटने से आया पानी का सैलाब अपने साथ सब कुछ बहाकर ले गया. इस सैलाब में कई गाड़ियां भी बह गई. राहत की बात ये है कि इस घटना में किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है. हालांकि कई घरों में सैलाब के साथ आया मलबा घुसा है.

Uttarkashi
बादल फटने के बाद इलाके का हाल. (ETV Bharat)

मंदिर के पास की इमारत को पहुंचा नुकसान: बादल फटने के बाद यमुनोत्री मंदिर के आसपास काफी मात्रा में पानी के साथ बड़े-बड़े बोल्डर भी आए है. इसके अलावा जानकी चट्टी के पास मंदिर की ही एक इमरात को काफी नुकसान पहुंचा है. हालांकि सुबह होते-होते हालात काबू में आ गए थे.

गंगा और यमुना का जल स्तर बढ़ा: वहीं, पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना के साथ-साथ तमाम नदियों का जल स्तर अचानक से बढ़ गया है, जिससे मैदानी इलाकों में नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है. मौसम विभाग की माने तो फिलहाल बारिश से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे है. ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है.

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भारी बारिश के बाद नदियों को जल स्तर बढ़ा. (ETV Bharat)

रुद्रप्रयाग जिले में हर साल कहर बरपाती है मॉनसूनी बारिश: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में मॉनसूनी बारिश हर साल कहर बरपाती है. शायद ही ऐसा कोई साल जाता हो, जब मॉनसून में बारिश से रुद्रप्रयाग जिले को नुकसान न होता हो. इस साल भी बारिश ने यहां जमकर कहर बरपाना शुरू कर दिया है.

रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय को पांच गांव से जोड़ने वाला पुल भी अलकनंदा नदी में डूब गया. जिससे ग्रामीणों का जिले से संपर्क कट गया है. इसके अलावा ऊखीमठ में मोरकंडा नदी पर बना टैंप्रेरी पुल बह गया है, जिससे वहां काफी लोग फंस गए थे, जिनका रेस्क्यू किया गया. साल 2013 की आपदा में रुद्रप्रयाग जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था.

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उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद पहाड़ में बने आपदा जैसे हालत. (ETV Bharat)

मॉनसून में गई कई लोगों की जान: इस बार भी मॉनसूनी बारिश ने रुद्रप्रयाग जिले में कई लोगों की जान ले ली है. बीते दिनों बोल्डर गिरने से रुद्रप्रयाग जिले में तीन लोगों की मौत हुई थी. वहीं, इस बरसाती सीजन की बात की जाए तो 15 जून से लेकर अभीतक जिले में बारिश के कारण कई सड़कें हादसे हुए है, जिसमें करीब 21 लोगों की जान गई है.

बारिश के लिहाज के संवेदनशील जिला रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग जिला बारिश के लिहाज से काफी संवेदनशील है. भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग जिले में फिलहाल आठ मोटर मार्ग बंद हैं, जिनको खोलने का प्रयास किया जा रहा है.

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नदियों का दिखा रौद्र रूप (ETV Bharat)

ऋषिकेश में पुलिस और एसडीआरएफ अलर्ट: उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के बाद ऋषिकेश में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. जिसके बाद पुलिस और एसडीआरएफ भी अलर्ट हो गई है और किसी को भी उफनती नदी के पास नहीं जाने दिया जा रहा है. गंगा किनारे रहने वाले लोगों को भी अलर्ट किया गया है.

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बादल फटने के बाद आया पानी का सैलाब. (ETV Bharat)

हरिद्वार में पुलिस की भक्तों से अपील: हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ मेला चल रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु यानी कांवड़िये गंगा जल लेने हरिद्वार पहुंच रहे है. ऐसे में यहां भी पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि वो किनारे पर ही नाहे और उफनते पानी के बीच में न जाए.

भागीरथी नदी का जलस्तर: उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी का जलस्तर 1121.05 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 1123. मीटर है. हरिद्वार में गंगा नदी 252.35 मीटर पर बह रही है, यह खतरे के निशान से 2 मीटर नीचे है.

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नदी का जल स्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग में पुल डूबा. पुल के डूबने से कई गांव का संपर्क कटा. (ETV Bharat)

अलकनंदा नदी का जलस्तर: अलकनंदा भी 954.00 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 957. 42 मीटर है. टिहरी बांध से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. 15540 क्यूसेक पानी लगातार टिहरी बांध से डिस्चार्ज किया जा रहा है.

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मदमहेश्वर में बना अस्थायी पुल टूटा. (ETV Bharat)

मध्यमेश्वर में फंसे पर्यटकों को किया गया एयरलिफ्ट: रुद्रप्रयाग जिले के मध्यमेश्वर में पुल टूटने से 125 पर्यटक फंस गए थे, जिनका हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया. रुद्रप्रयाग जिले के एटीएम श्याम सिंह राणा ने बताया कि अब तक 75 लोगों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है. शाम तक इन सभी लोगों को निकाल लिया जाएगा. फिलहाल पानी जैसे ही नीचे उतरेगा पुल की वैकल्पिक व्यवस्था भी प्रशासन तभी कर पाएगा. उधर मौसम विभाग में यह साफ कर दिया कि गढ़वाल और कुमाऊं के कई जिलों में अभी इसी तरह से निरंतर बारिश अगले 48 घंटे तक जारी रहेगी, जिसमें उत्तरकाशी रुद्रप्रयाग जैसे जिले शामिल है.

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