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उत्तराखंड में पहली बार दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को किया गया चिन्हित, मिलेंगे ये सुविधाएं - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Uttarakhand Lok Sabha elections लोकसभा चुनाव 2024 में पहली बार दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं का चिन्हीकरण किया गया है. वहीं दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के जागरूकता के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 16, 2024, 3:17 PM IST

देहरादून: इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य के कुल 80,335 दिव्यांग और 85 साल के 65,150 बुजुर्ग मतदाताओं का बूथवार चिन्हीकरण किया गया है. दरअसल उत्तराखंड के दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं की मजबूत भागीदारी करने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा मुख्य निर्वाचन कार्यालय, उत्तराखंड की सहायता से इस साल विशेष प्रयास किए गए हैं. साथ ही राज्य में पहली बार इतने वृहद और विस्तृत स्तर पर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं की सहायता के उद्देश्य से बूथ वार संसाधनों की मैपिंग की गई है.

दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को मिलेगी व्हीलचेयर और डोलियों की सुविधा: 19 अप्रैल मतदान के दिन दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को अधिक से अधिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 1,344 व्हील चेयर,1623 डोलियां, 3392 मैग्निफाइंग ग्लास और 95 ब्लाइंड स्टिक का बूथवार मैप तैयार किया गया है. इसके अलावा 57 व्हील चेयर को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट और जिला समाज कल्याण अधिकारियों के साथ रिजर्व रखा जाएगा, जिसे आवश्यकता पड़ने पर पोलिंग बूथ पर उपयोग में लाया जाएगा.

अलग-अलग बूथों पर तैनात होंगे वालंटियर: साथ ही मतदान दिवस पर 14,032 वालंटियर अलग-अलग बूथों पर तैनात रहकर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं की सहायता करेंगे. इन मतदाताओं को मतदान दिवस पर आवागमन सुविधा देने के उद्देश्य से 208 वाहन राज्य भर में तैनात किए जाएंगे. इस बार दिव्यांगजनों और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा दी गई है. लोकसभा सामान्य निर्वाचन प्रक्रिया में पहली बार यह सुविधा दी गई है. 12 हजार से अधिक मतदाताओं ने इस बार घर से अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.

दिव्यांगजनों ने सक्षम एप किया डाउनलोड : राज्य में दिव्यांगजनों को मतदान दिवस पर व्हील चेयर के लिए विशेष व्यवस्था देने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग के सक्षम एप का विशेष प्रचार-प्रसार लगातार किया जा रहा है. अभी तक समाज कल्याण विभाग के फील्ड स्तरीय कर्मचारियों के माध्यम से राज्य में 51,100 दिव्यांगजनों द्वारा सक्षम एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया गया है और कुल 2,437 मतदाताओं द्वारा मतदान दिवस पर व्हील चेयर की सुविधा का विकल्प चुना गया. राज्य की प्रत्येक विधानसभा में एक-एक दिव्यांग बूथ को तैयार किए जाने के साथ ही प्रत्येक जनपद में एक आदर्श दिव्यांग बूथ को तैयार किया जा रहा है, जहां हेल्प डेस्क,रैंप और व्हील चेयर, Assured Minimum Facilities को किया जाएगा. इन बूथों को मतदाताओं के लिए आकर्षक बनाने का भी कार्य किया जा रहा है.

सांकेतिक भाषा का किया जा रहा प्रयोग: अपर निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि मतदान में अधिक भागीदारी किए जाने के उद्देश्य से लगातार जनपदों में जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम कर रहे हैं.राज्य में कुल 23 PwD (Person With Disability) आइकन नामित किए गए हैं, जो वीडियो संदेशों के माध्यम से दिव्यांगजनों से मतदान की अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों से संबंधित स्वयंसेवी संस्थाओं, वृद्धाश्रमों और कुष्ठ रोगी पुनर्वास केंद्रों के सहयोग से भी विशेष जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं. बागेश्वर और चमोली जैसे दूरस्थ जनपदों में जहां ‘दिव्यांग रथ’ के माध्यम से मतदान जागरुकता का कार्य किया गया, तो जनपद पौड़ी गढ़वाल में जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से बुजुर्ग मतदाताओं से मतदान की अपील करते हुए विशेष पोस्टकार्ड भेजे गए. मूकबधिर मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए सांकेतिक भाषा (Sign Language) में वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए हैं.

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देहरादून: इस बार लोकसभा चुनाव में राज्य के कुल 80,335 दिव्यांग और 85 साल के 65,150 बुजुर्ग मतदाताओं का बूथवार चिन्हीकरण किया गया है. दरअसल उत्तराखंड के दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं की मजबूत भागीदारी करने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग द्वारा मुख्य निर्वाचन कार्यालय, उत्तराखंड की सहायता से इस साल विशेष प्रयास किए गए हैं. साथ ही राज्य में पहली बार इतने वृहद और विस्तृत स्तर पर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं की सहायता के उद्देश्य से बूथ वार संसाधनों की मैपिंग की गई है.

दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को मिलेगी व्हीलचेयर और डोलियों की सुविधा: 19 अप्रैल मतदान के दिन दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं को अधिक से अधिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 1,344 व्हील चेयर,1623 डोलियां, 3392 मैग्निफाइंग ग्लास और 95 ब्लाइंड स्टिक का बूथवार मैप तैयार किया गया है. इसके अलावा 57 व्हील चेयर को संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट और जिला समाज कल्याण अधिकारियों के साथ रिजर्व रखा जाएगा, जिसे आवश्यकता पड़ने पर पोलिंग बूथ पर उपयोग में लाया जाएगा.

अलग-अलग बूथों पर तैनात होंगे वालंटियर: साथ ही मतदान दिवस पर 14,032 वालंटियर अलग-अलग बूथों पर तैनात रहकर दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं की सहायता करेंगे. इन मतदाताओं को मतदान दिवस पर आवागमन सुविधा देने के उद्देश्य से 208 वाहन राज्य भर में तैनात किए जाएंगे. इस बार दिव्यांगजनों और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा दी गई है. लोकसभा सामान्य निर्वाचन प्रक्रिया में पहली बार यह सुविधा दी गई है. 12 हजार से अधिक मतदाताओं ने इस बार घर से अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.

दिव्यांगजनों ने सक्षम एप किया डाउनलोड : राज्य में दिव्यांगजनों को मतदान दिवस पर व्हील चेयर के लिए विशेष व्यवस्था देने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग के सक्षम एप का विशेष प्रचार-प्रसार लगातार किया जा रहा है. अभी तक समाज कल्याण विभाग के फील्ड स्तरीय कर्मचारियों के माध्यम से राज्य में 51,100 दिव्यांगजनों द्वारा सक्षम एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया गया है और कुल 2,437 मतदाताओं द्वारा मतदान दिवस पर व्हील चेयर की सुविधा का विकल्प चुना गया. राज्य की प्रत्येक विधानसभा में एक-एक दिव्यांग बूथ को तैयार किए जाने के साथ ही प्रत्येक जनपद में एक आदर्श दिव्यांग बूथ को तैयार किया जा रहा है, जहां हेल्प डेस्क,रैंप और व्हील चेयर, Assured Minimum Facilities को किया जाएगा. इन बूथों को मतदाताओं के लिए आकर्षक बनाने का भी कार्य किया जा रहा है.

सांकेतिक भाषा का किया जा रहा प्रयोग: अपर निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि मतदान में अधिक भागीदारी किए जाने के उद्देश्य से लगातार जनपदों में जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्यक्रम कर रहे हैं.राज्य में कुल 23 PwD (Person With Disability) आइकन नामित किए गए हैं, जो वीडियो संदेशों के माध्यम से दिव्यांगजनों से मतदान की अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों से संबंधित स्वयंसेवी संस्थाओं, वृद्धाश्रमों और कुष्ठ रोगी पुनर्वास केंद्रों के सहयोग से भी विशेष जागरुकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं. बागेश्वर और चमोली जैसे दूरस्थ जनपदों में जहां ‘दिव्यांग रथ’ के माध्यम से मतदान जागरुकता का कार्य किया गया, तो जनपद पौड़ी गढ़वाल में जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से बुजुर्ग मतदाताओं से मतदान की अपील करते हुए विशेष पोस्टकार्ड भेजे गए. मूकबधिर मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए सांकेतिक भाषा (Sign Language) में वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए हैं.

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