डिंडोरी। डिंडोरी में हुए सड़क हादसे में 14 लोगों की मौत के बाद कई बड़े सवाल सुलग रहे हैं. हेलमेट लगाने के लिए चेकिंग लगाकर पैसे वसूलने वाली पुलिस आखिर उस वक्त कहां थी, जब एक माल वाहक में 45 लोग सवारी कर रहे थे. गाड़ियों की फिटनेस जांचने वाला आरटीओ का अमला भी सवालों के घेरे में है. डिंडोरी जिले की बिछिया पुलिस चौकी के बडझर गांव में पिकअप वाहन के पलट जाने से 14 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना में 20 लोग घायल हैं. इन्हें शाहपुरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भेजा गया है. घटना के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार की मंत्री संपत्तियों ऊईके अस्पताल पहुंची और उन्होंने घायल लोगों से मुलाकात की.
मंत्री उईके ने दिया उच्च स्तरीय जांच का आदेश
मंत्री संपत्तिया ऊईके का कहना है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. ड्राइवर को हिरासत में ले लिया गया है. इसमें ज्यादातर एक ही परिवार के लोग थे, हालांकि पिकअप ओवरलोडेड था. वहीं सरकार की ओर से हर मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपए की राशि देने की घोषणा मुख्यमंत्री की ओर से की गई है. इलाज के लिए 20-20 हजार रुपये तुरंत दिए गए. स्थानीय विधायक ओमप्रकाश धुर्वे भी अस्पताल पहुंचे और उन्होंने घायलों का हाल-चाल पूछा. धुर्वे का कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ता घायलों की इलाज में मदद करवा रहे हैं. इस मामले में कौन दोषी है और किसने लापरवाही बरती, इस मामले की बाद में जांच की जाएगी और दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
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चेकिंग प्वाइंट पर किसी ने रोका-टोका क्यों नहीं
हालांकि इस हादसे के बाद बड़ा सवाल यह है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस सड़क पर लगातार चेकिंग कर रही है. चारपहिया वाहनों की लगातार चेकिंग की जा रही है. वहीं मोटरसाइकिल चलाने वालों के खिलाफ लगातार हेलमेट नहीं लगाने पर कार्रवाई की जा रही है. जुर्माना किया जा रहा है. जब प्रशासन इतना सतर्क है तो किसी मालवाहक पिकअप वाहन में 45 से ज्यादा लोग कैसे सवारी कर रहे थे. बता दें कि मालवाहक वाहनों के अलावा ट्रैक्टर ट्राली का इस्तेमाल लोग सवारी वाहन की तरह करते हैं. इस पर कोई रोक-टोक नहीं है. शहरी इलाकों में भी मजदूरी के लिए आने-जाने वाले लोग वाहनों में जानवरों की तरह बैठा दिए जाते हैं और प्रशासन सब देखता रहता है.