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इशारा मिलते ही करने लगता है पुश-अप्स, डिण्डौरी में घर पर ही युवक ने बनाया अनोखा रोबोट, देखें वीडियो - DINDORI BOY MADE ROBOT AT HOME

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 20, 2024, 5:46 PM IST

Updated : May 20, 2024, 6:52 PM IST

डिण्डौरी जिले में एक इंजिनियरिंग के छात्र शिवम ने घर पर ही एक रोबोट बनाया है. रोबोट शिवम के कमांड मिलने पर लोगों के चेहरे के हाव भाव के अनुसार हरकत करता है. यह रोबोट हाथ मिलाने से पुश अप्स लगाने तक बहुत सी एक्टीविटी करता है.

ENGINEERING STUDENT MADE ROBOT
शिवम गुप्ता जबलपुर से कर रहे हैं इंजिनियरिंग की पढ़ाई (ETV Bharat)
डिण्डौरी के युवक ने घर पर ही बनाया रोबोट (ETV Bharat)

डिण्डौरी। आदिवासी बाहुल्य डिण्डौरी जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने के लिए बस मौके की जरूरत है. ऐसी ही एक प्रतिभा हैं शहपुरा के नजदीक करौंदी गांव निवासी शिवम साहू के अन्दर. इस प्रतिभावान युवा ने अपने घर पर ही एक रोबोट तैयार किया है. यह रोबोट चेहरे के हाव-भाव के अनुसार हरकत करता है साथ ही हाथ मिलाना, हाथ ऊपर-नीचे करना, बाइसेप्स दिखाना, पुश-अप्स लगाना जैसे कई एक्टिविटी कर सकता है. यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों कमांड में काम कर करता है. साथ ही दोनों भाषाओं में बोल भी सकता है.

एक इशारे में करता है कई एक्टीविटी

डिण्डौरी मध्य प्रदेश का एक आदिवासी जिला है. इस जिले में सुविधाओं का भारी अभाव है. इसी जिले से आने वाले शिवम साहू ने एक रोबोट बनाया है. यह रोबोट शिवम का कहना मानता है. शिवम उसे जैसा कमांड देता है वह उसके हिसाब से मूवमेंट करने लगता है. यह रोबोट चेहरे के हाव-भाव के अनुसार हरकत करता है. साथ ही हाथ मिलाना, हाथ ऊपर-नीचे करना, बाइसेप्स दिखाना, पुश-अप्स लगाना जैसे कई एक्टिविटी कर सकता है. यह रोबोट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में कमांड सुन और समझ सकता है. शिवम साहू ने इंटरनेट के जरिए सामान इकट्ठा करके इस रोबोट को बनाया है. शिवम का कहना है कि वह इसमें और सुधार करना चाहते हैं और इसे इस लेवल तक ले जाना चाहते हैं कि यह घर के कामों में उनकी मदद कर सके.

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बचपन से ही शिवम की थी दिलचस्पी

शिवम के पिता कृषक हैं. उनके मामा इंजीनियर थे जो एनटीपीसी में काम करते थे, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. शिवम को शुरू से टेक्नोलॉजी में रुची थी ओर वो घर के फालतु पड़े सामनों से कुछ ना कुछ करने के कोशिश किया करते थे. इसके बाद शिवम ने इंजिनियरिंग करने का मन बनाया. शिवम ने जबलपुर के ज्ञान गंगा कॉलेज में इंजिनियरिंग में एडमीशन ले लिया. वहां उनका मन रोबोटिक्स साइंस में लग गया. अब शिवम इसी क्षेत्र में आगे करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं. डिंडोरी जैसे इलाकों में जहां अच्छी शिक्षा का भारी अभाव है. इस क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा ही सही तरीके से सभी गांव तक नहीं पहुंच पा रही है. ऐसे इलाके में यदि किसी छात्र ने रोबोट के बारे में सोचा और उसे बनाया भी, यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

डिण्डौरी के युवक ने घर पर ही बनाया रोबोट (ETV Bharat)

डिण्डौरी। आदिवासी बाहुल्य डिण्डौरी जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने के लिए बस मौके की जरूरत है. ऐसी ही एक प्रतिभा हैं शहपुरा के नजदीक करौंदी गांव निवासी शिवम साहू के अन्दर. इस प्रतिभावान युवा ने अपने घर पर ही एक रोबोट तैयार किया है. यह रोबोट चेहरे के हाव-भाव के अनुसार हरकत करता है साथ ही हाथ मिलाना, हाथ ऊपर-नीचे करना, बाइसेप्स दिखाना, पुश-अप्स लगाना जैसे कई एक्टिविटी कर सकता है. यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों कमांड में काम कर करता है. साथ ही दोनों भाषाओं में बोल भी सकता है.

एक इशारे में करता है कई एक्टीविटी

डिण्डौरी मध्य प्रदेश का एक आदिवासी जिला है. इस जिले में सुविधाओं का भारी अभाव है. इसी जिले से आने वाले शिवम साहू ने एक रोबोट बनाया है. यह रोबोट शिवम का कहना मानता है. शिवम उसे जैसा कमांड देता है वह उसके हिसाब से मूवमेंट करने लगता है. यह रोबोट चेहरे के हाव-भाव के अनुसार हरकत करता है. साथ ही हाथ मिलाना, हाथ ऊपर-नीचे करना, बाइसेप्स दिखाना, पुश-अप्स लगाना जैसे कई एक्टिविटी कर सकता है. यह रोबोट हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषा में कमांड सुन और समझ सकता है. शिवम साहू ने इंटरनेट के जरिए सामान इकट्ठा करके इस रोबोट को बनाया है. शिवम का कहना है कि वह इसमें और सुधार करना चाहते हैं और इसे इस लेवल तक ले जाना चाहते हैं कि यह घर के कामों में उनकी मदद कर सके.

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बचपन से ही शिवम की थी दिलचस्पी

शिवम के पिता कृषक हैं. उनके मामा इंजीनियर थे जो एनटीपीसी में काम करते थे, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. शिवम को शुरू से टेक्नोलॉजी में रुची थी ओर वो घर के फालतु पड़े सामनों से कुछ ना कुछ करने के कोशिश किया करते थे. इसके बाद शिवम ने इंजिनियरिंग करने का मन बनाया. शिवम ने जबलपुर के ज्ञान गंगा कॉलेज में इंजिनियरिंग में एडमीशन ले लिया. वहां उनका मन रोबोटिक्स साइंस में लग गया. अब शिवम इसी क्षेत्र में आगे करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं. डिंडोरी जैसे इलाकों में जहां अच्छी शिक्षा का भारी अभाव है. इस क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा ही सही तरीके से सभी गांव तक नहीं पहुंच पा रही है. ऐसे इलाके में यदि किसी छात्र ने रोबोट के बारे में सोचा और उसे बनाया भी, यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि है.

Last Updated : May 20, 2024, 6:52 PM IST
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