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अधूरे विकास कार्य कब होंगे पूरे, मारंगहादा क्षेत्र के दो गांवों को जोड़ने वाली सड़क अधूरी, बारिश में होती है परेशानी - Roads in Maranghada - ROADS IN MARANGHADA

Roads in Maranghada. खूंटी के मांरगहादा के दो गांवों को जोड़ने वाली सड़क अधूरी है. इससे बरसात में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विभाग को भी इसके बारे में जानकारी नहीं है.

Roads in Maranghada
अधूरी सड़क (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 17, 2024, 1:17 PM IST

खूंटी: कहते हैं कि सड़कें गांवों को शहरों से जोड़ती हैं. सड़कें विकास का पैमाना भी होती हैं, लेकिन खूंटी विधानसभा क्षेत्र के सेरेंगडीह से मारंगहादा और मारंगहादा से रोगों गांव को जोड़ने वाली सड़क ऐसी बनाई गई है कि गांव और शहर ठीक से जुड़ नहीं पाए. सड़क को ठेकेदार ने आधे-अधूरे मन से बनाया. कहीं सड़क पक्की है, कहीं कच्ची और बीच में तो सड़क ही नहीं है. ऐसी कच्ची सड़कों के कारण ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी होती है.

जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी (ईटीवी भारत)

कब पूरा होगा अधूरा विकास?

खूंटी विधानसभा क्षेत्र में सड़कें तो बनीं, लेकिन गांव को जोड़ने वाली सड़क अधूरी रह गई. विभाग की लापरवाही है या ठेकेदारों की, ग्रामीणों को नहीं पता, लेकिन आज भी ग्रामीणों की निगाहें इस उम्मीद पर टिकी हैं कि सड़कें जरूर बनेंगी, लेकिन कब बनेंगी, यह उन्हें नहीं पता.

खूंटी से मारंगहादा तक सड़कें अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन गांव को मुख्य सड़कों से जोड़ने वाली सड़क अधूरी रह गई है. सड़क का निर्माण मारंगहादा से रोगों गांव तक किया गया था, लेकिन बीच में दो गांवों के बीच भूमि विवाद के कारण सड़क का निर्माण अधूरा रह गया.

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि दो गांवों और दो पंचायतों के बीच भूमि विवाद होने के कारण सड़क का निर्माण नहीं हो पाया. जिसके कारण करीब 200 कदम तक सड़क नहीं बन पाई, जबकि मारंगहादा और सेरेंगडीह गांव के बीच करीब चार किमी की दूरी है और सेरेंगडीह के जंगल तक सड़क बनाकर छोड़ दिया गया. यहां निर्माण अधूरा क्यों छोड़ दिया गया, यह कोई नहीं जानता. हालांकि ग्रामीण अभी भी सड़क का इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही यह सड़क बन जाएगी.

कीचड़ से गुजरने को मजबूर ग्रामीण

बरसात के मौसम में क्षेत्र के ग्रामीणों और बाइक व स्कूटर सवार महिलाओं को कीचड़ में बाइक का संतुलन बनाना पड़ता है. साइकिल सवारों को भी सड़क पर चलने में दिक्कत होती है. बाजार के दौरान साइकिल पर सब्जी या अन्य सामान ले जाना दुर्घटना को आमंत्रण बन जाता है. सड़कें ग्रामीणों की सुविधा के लिए होती हैं लेकिन अधूरी सड़क परेशानी ही बढ़ाती है. ऐसे में विकास अधूरा है या पूरा, यह बड़ा सवाल है.

ग्रामीण विकास विभाग के आरईओ के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि दोनों सड़कों का निर्माण एक वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन निर्माण अधूरा होने की जानकारी उन्हें नहीं है. कार्यपालक अभियंता सुशील झा ने बताया कि जांच के बाद सड़क निर्माण पूरा कराया जाएगा.

यह भी पढ़ें: बदहाल हैं बेंगाबाद की कई सड़कें, चुनाव परिणाम के बाद बदलेगी सूरत! - Lok Sabha Election 2024

यह भी पढ़ें: रामगढ़ में इस सड़क पर चलना जरा संभल कर, बीच सड़क पर पेड़ दे रहे हादसे को आमंत्रण - Trees On Middle Of Road In Ramgarh

यह भी पढ़ें: एक ऐसा गांव है जो आज भी बुनियादी सुविधाओं से है कोसों दूर, सड़क, पानी और बिजली का घोर अभाव - Harinmara village

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जानकारी देते संवाददाता सोनू अंसारी (ईटीवी भारत)

कब पूरा होगा अधूरा विकास?

खूंटी विधानसभा क्षेत्र में सड़कें तो बनीं, लेकिन गांव को जोड़ने वाली सड़क अधूरी रह गई. विभाग की लापरवाही है या ठेकेदारों की, ग्रामीणों को नहीं पता, लेकिन आज भी ग्रामीणों की निगाहें इस उम्मीद पर टिकी हैं कि सड़कें जरूर बनेंगी, लेकिन कब बनेंगी, यह उन्हें नहीं पता.

खूंटी से मारंगहादा तक सड़कें अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन गांव को मुख्य सड़कों से जोड़ने वाली सड़क अधूरी रह गई है. सड़क का निर्माण मारंगहादा से रोगों गांव तक किया गया था, लेकिन बीच में दो गांवों के बीच भूमि विवाद के कारण सड़क का निर्माण अधूरा रह गया.

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि दो गांवों और दो पंचायतों के बीच भूमि विवाद होने के कारण सड़क का निर्माण नहीं हो पाया. जिसके कारण करीब 200 कदम तक सड़क नहीं बन पाई, जबकि मारंगहादा और सेरेंगडीह गांव के बीच करीब चार किमी की दूरी है और सेरेंगडीह के जंगल तक सड़क बनाकर छोड़ दिया गया. यहां निर्माण अधूरा क्यों छोड़ दिया गया, यह कोई नहीं जानता. हालांकि ग्रामीण अभी भी सड़क का इंतजार कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही यह सड़क बन जाएगी.

कीचड़ से गुजरने को मजबूर ग्रामीण

बरसात के मौसम में क्षेत्र के ग्रामीणों और बाइक व स्कूटर सवार महिलाओं को कीचड़ में बाइक का संतुलन बनाना पड़ता है. साइकिल सवारों को भी सड़क पर चलने में दिक्कत होती है. बाजार के दौरान साइकिल पर सब्जी या अन्य सामान ले जाना दुर्घटना को आमंत्रण बन जाता है. सड़कें ग्रामीणों की सुविधा के लिए होती हैं लेकिन अधूरी सड़क परेशानी ही बढ़ाती है. ऐसे में विकास अधूरा है या पूरा, यह बड़ा सवाल है.

ग्रामीण विकास विभाग के आरईओ के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि दोनों सड़कों का निर्माण एक वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन निर्माण अधूरा होने की जानकारी उन्हें नहीं है. कार्यपालक अभियंता सुशील झा ने बताया कि जांच के बाद सड़क निर्माण पूरा कराया जाएगा.

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