चंडीगढ़: हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव के नतीजे निराशाजनक रहे. पार्टी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई. लोकसभा चुनाव में पार्टी की हुई करारी हार की क्या वजह रही इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने जेजेपी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला से खास बातचीत की. दिग्विजय चौटाला ने पार्टी की कई बड़ी खामियों को स्वीकार किया साथ ही बीजेपी पर धोखा देने का आरोप लगाया.
'चमक-दमक में पुराने नेताओं को भूल गये'
जेजेपी महासचिव ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है. किसान आंदोलन हो या अन्य तमाम चीजें एक साथ हो गईं. इसके अलावा पार्टी को यह आंकलन करने की जरूरत है कि कहां गलती हुई. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पार्टी बनते ही हम सरकार में आ गए, उस चमक दमक में जो नए लोग पार्टी में शामिल हुए उन्हें ज्यादा तवज्जो मिली पुराने लोगों को कम मिली. मेरा आंकलन कहीं ना कहीं यही कहता है. इसे नासमझी कह लें, जिससे हम मार खा गए.
'पुराने छूट गये, नये लोग मलाई खा गये'
जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इन्हीं कमियों की वजह से आपकी पार्टी के विधायक पाला बदल गए हैं. इस पर उन्होंने कहा कि इस बात से मैं सहमत नही हूं. जो दुष्यंत चौटाला की उड़ान और उसकी चमक-दमक देखकर पार्टी में आए थे, उन्हें हमने ज्यादा तवज्जो दे दी. हमसे गलतियां यह हुईं. जिनके बलबूते पर ये पार्टी खड़ी हुई थी. वो पीछे रह गये. नये लोग मलाई खा गए.
'अभी पतझड़ है, बसंत आयेगा'
विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर दिग्विजय चौटाला ने कहा कि हमारी तैयारी मजबूत है. कार्यकर्ता मजबूत हैं. नेताओं का आना-जाना लगा रहता है. इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता. अभी पतझड़ है जाने की झड़ी लगी है. बसंत ऋतु आयेगी तो आने की झड़ी लग जाएगी. चौधरी देवी लाल के मिशन के प्रति हमारा अभियान जारी रहेगा. उसमें चुनाव की हार जीत से फर्क नहीं पड़ता.
क्या भविष्य में BJP बीजेपी के साथ जा सकते हैं?
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि मैं बीजेपी के बारे में सुना करता था कि बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ अमूमन ऐसा करती है. ये हमने देख भी लिया. उन्होंने बड़ा केलकुलेटिव मूव किया. जब बीजेपी ने हमें छोड़ा उसके बाद बीजेपी की सीनियर लीडरशीप ने बयान दिया कि दुष्यंत के साथ जो हमारा रिश्ता टूटा है वो फिर बन सकता है. ये कहना मात्र ही उनका हमारे खिलाफ ज्यादा आक्रोश पैदा कर गया, जबकि ऐसा नहीं था. हम मुद्दों के आधार पर छोड़कर गए थे. सीटों के आधार पर छोड़कर गए थे. इस आधार पर हमने कहा था कि यह रिश्ता जुड़ नहीं सकता. शायद दुष्यंत को कमजोर करने के लिए. इस बार वो सफल हो गए, लेकिन अगली बार हम होंगे. दुष्यंत ने हर बुरे वक्त में बीजेपी का साथ दिया. यह दिखाता है कि बीजेपी वफादारी में कमजोर है.
विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ेंगे
विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हमें विधानसभा चुनाव में बड़ी उम्मीदें हैं. पार्टी फूंक-फूंक कर मजबूत कदम रखेगी. सोच-समझकर कदम रखेंगे, जल्द ही हमारी पार्टी की इकाइयों का गठन हो जाएगा. जो अभी भंग हुई हैं. पूरी ताकत के साथ जनता के बीच में जाएंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे.