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झारखंड में डिजिटल अरेस्ट कांड का खुलासा, बिहार के सोनपुर से धराया साइबर अपराधी, कई चौंकाने वाली बातें आई सामने - Digital arrest

Cyber criminal arrested in Ranchi. झारखंड सीआईडी की टीम ने डिजिटल अरेस्ट कांड का खुलासा किया है. टीम ने बिहार के सोनपुर से साइबर अपराधी को पकड़ा है. पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 28, 2024, 9:23 PM IST

Cyber criminal arrested in Ranchi
पुलिस की गिरफ्त में साइबर अपराधी (ईटीवी भारत)

रांची: झारखंड में दर्ज दो डिजिटल अरेस्ट कांड का खुलासा करते हुए सीआईडी की टीम ने बिहार से साइबर अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है. शख्स का नाम पंकज कुमार है. वह बिहार में सारण जिला के सोनपुर थाना क्षेत्र स्थित भरपुरा टोला, चौरसिया पांच का रहने वाला है. उसके पास से कांड में इस्तेमाल सिम और मोबाइल के अलावा कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग के क्रेडेंशियल के अदान-प्रदान और साइबर ठगी से जुड़े व्हाट्सएप चैट भी मिले हैं.

दरअसल, रांची साइबर क्राइम थाना में 29 मई को कांड संख्या 145/2024 दर्ज हुआ था. जिसमें वादी को डिजिटल अरेस्ट कर 11 लाख रुपए की ठगी की गई थी. इसके बाद 19 जून को कांड संख्या 161024 दर्ज हुआ था. इसमें वादी से 1.78 करोड़ रुपए ठग लिए गये थे. साइबर अपराधी ने दोनों पीड़ितों को FEDEX COURIER SERVICE, MUMBAI ब्रांच का अधिकारी बनकर पीड़ितों के नाम एक पार्सल का हवाला देते हुए कहा था कि पार्सल में ड्रग्स है. फिर मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर एक शख्स ने वीडियों कॉल के जरिए धमकाया और घर में डिजिटल लॉक कर दिया. इसके बाद समय-समय पर बैंक से पैसे ट्रांसफर करवाए.

गिरफ्तार पंकज कुमार ने पुलिस को बताया कि उसने DIKSHUP ENTERPRISES नाम से एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनायी थी. इस कंपनी के नाम पर कॉर्पोरेट एकाउंट को एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस और इंडसइंड बैंक में खुलवा रखा था. इन खातों को सूरत, गुजरात और पटना के कुछ साइबर अपराधियों के जरिए telegram channel पर उपलब्ध CHINA के साइबर अपराधियों को बेच दिए गये.

जांच में यह भी जानकारी मिली कि ये लोग अपने चाईनीज सहयोगियों से APK यानी एंड्रॉयल पैकेज फाइल्स टेलीग्राम के माध्यम से हासिल करते थे. जिन्हें बैंक खातों के साथ पंजीकृत सिम कार्ड पर इंस्टॉल कर देते थे. इस एप के जरिए बैंक लेनदेन के लिए प्राप्त ओटीपी चाईनीज सहयोगियों को ऑटो फॉर्वर्ड हो जाता था.

जांच में पता चला है कि DIKSHUP ENTERPRISES के एचडीएफसी बैंक एकाउंट संख्या 502000059075110 में सिर्फ एक दिन में करीब चार करोड़ अस्सी लाख रुपए क्रेडिट हुए हैं. भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से प्राप्त विवरणी के मुताबिक संबंधित खाता को लेकर अलग-अलग राज्यों में 111 शिकायतें दर्ज हैं.

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दरअसल, रांची साइबर क्राइम थाना में 29 मई को कांड संख्या 145/2024 दर्ज हुआ था. जिसमें वादी को डिजिटल अरेस्ट कर 11 लाख रुपए की ठगी की गई थी. इसके बाद 19 जून को कांड संख्या 161024 दर्ज हुआ था. इसमें वादी से 1.78 करोड़ रुपए ठग लिए गये थे. साइबर अपराधी ने दोनों पीड़ितों को FEDEX COURIER SERVICE, MUMBAI ब्रांच का अधिकारी बनकर पीड़ितों के नाम एक पार्सल का हवाला देते हुए कहा था कि पार्सल में ड्रग्स है. फिर मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर एक शख्स ने वीडियों कॉल के जरिए धमकाया और घर में डिजिटल लॉक कर दिया. इसके बाद समय-समय पर बैंक से पैसे ट्रांसफर करवाए.

गिरफ्तार पंकज कुमार ने पुलिस को बताया कि उसने DIKSHUP ENTERPRISES नाम से एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनायी थी. इस कंपनी के नाम पर कॉर्पोरेट एकाउंट को एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एक्सिस और इंडसइंड बैंक में खुलवा रखा था. इन खातों को सूरत, गुजरात और पटना के कुछ साइबर अपराधियों के जरिए telegram channel पर उपलब्ध CHINA के साइबर अपराधियों को बेच दिए गये.

जांच में यह भी जानकारी मिली कि ये लोग अपने चाईनीज सहयोगियों से APK यानी एंड्रॉयल पैकेज फाइल्स टेलीग्राम के माध्यम से हासिल करते थे. जिन्हें बैंक खातों के साथ पंजीकृत सिम कार्ड पर इंस्टॉल कर देते थे. इस एप के जरिए बैंक लेनदेन के लिए प्राप्त ओटीपी चाईनीज सहयोगियों को ऑटो फॉर्वर्ड हो जाता था.

जांच में पता चला है कि DIKSHUP ENTERPRISES के एचडीएफसी बैंक एकाउंट संख्या 502000059075110 में सिर्फ एक दिन में करीब चार करोड़ अस्सी लाख रुपए क्रेडिट हुए हैं. भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से प्राप्त विवरणी के मुताबिक संबंधित खाता को लेकर अलग-अलग राज्यों में 111 शिकायतें दर्ज हैं.

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