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सुप्रीम कोर्ट के वारंट का झांसा देकर लाखों की ठगी, 5 दिनों तक ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट - DIGITAL ARREST FRAUD

भिलाई में प्राइवेट कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट को डिजिटल अरेस्ट करके 49 लाख की ठगी की गई है.

digital arrest Fraud
वारंट का झांसा देकर लाखों की ठगी (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 20, 2024, 3:45 PM IST

दुर्ग : सायबर ठग किस तरह से पढ़े लिखे लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं.इसकी बानगी दुर्ग में देखने को मिली. जहां साइबर ठगों ने 49 लाख रुपए की ठगी की है. इस बार ठगों ने प्रार्थी को डिजिटल अरेस्ट किया.इस दौरान प्रार्थी करीब 5 दिनों तक ठगों के संपर्क में रहा.ठगों ने उसे भरोसा दिलाया कि यदि उसने उनकी बात नहीं मानी तो बड़ी कार्रवाई होगी.आखिरकार अपने झांसे में लेकर ठगों ने 49 लाख रुपए उड़ा दिए.जिसकी शिकायत प्रार्थी ने पुलिस से की है.

कैसे की ठगी : भिलाई में रहने वाले प्राइवेट कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप के साथ 49 लाख की ठगी हुई है.जिसकी सूचना पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है. प्रार्थी की कंपनी पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में स्थित है. 7 नवंबर को इंद्रप्रकाश कश्यप खड़कपुर के पश्चिम बंगाल में थे. तभी अचानक एक अनजान नंबर से उनके पास फोन कॉल आया. फोन पर बात करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया. सामने वाले ने इंद्रप्रकाश से कहा कि उनके आधार कार्ड से 29 लोगों ने सिम जारी करवाए हैं.इसके बाद उन नंबरों से आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट के वारंट का झांसा देकर लाखों की ठगी (ETV Bharat Chhattisgarh)

फर्जी साइबर के अफसर ने डराया : इसके बाद ठगों ने मुंबई के कथित साइबर ब्रांच के अधिकारी को फोन ट्रांसफर किया. पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप को साइबर ब्रांच के अधिकारी ने कहा कि उनके आधार कार्ड से मलाड मुंबई के केनरा बैंक में खाता खोला गया है. उस खाते से करोड़ों का लेनदेन किया गया है. इसमें जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खाते से भी लेनदेन होने का सबूत मिला है. जिसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है और सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है.

5 दिनों तक किया डिजिटल अरेस्ट : इसके बाद आरोपियों ने फायदा उठाकर जांच होने तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया. आरोपी दिए गए समय पर वीडियो कॉल कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखने लगे. फिर आरोपियों ने कहा कि वह सीक्रेट्स सुपरविजन अकाउंट खोल रहे हैं. जिसमें उन्होंने सभी खातों के जमा रुपए का ट्रांसफर करना होगा. जिसे दो दिन बाद वापस कर दिया जाएगा. इसके बाद आरोपियों के कहे अनुसार पीड़ित ने 49 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. लेकिन जब इंद्रप्रकाश कश्यप को यह बात समझ आई तो उसने तत्काल पुलिस को लिखित में सूचना दर्ज कराई. फिलहाल पुलिस ने मामला कायम कर विवेचना में जुट गई ,तो वहीं पश्चिम बंगाल पुलिस से भी कोऑर्डिनेशन किया जा रहा है.

7 से 11 तारीख के बीच प्रार्थी को डिजिटल अरेस्ट करके 49 लाख रुपए की ठगी की गई है.उस वक्त प्रार्थी वेस्ट बंगाल में थे.जब ये 11 तारीख को वापस आए तो उनको फिर से फोन कॉल करके धमकाया गया.इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ.जिसके बाद भिलाई नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है- सत्यप्रकाश तिवारी, सीएसपी भिलाईनगर

साइबर ठगों से कैसे बचें ? (ETV Bharat Chhattisgarh)

वहीं इस पूरे मामले में साइबर एक्सपर्ट संकल्प राय ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट एक नया प्रकार का साइबर अपराध है.साइबर ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को विश्वास दिलाता है कि अपराध किया है. उन्हें डिजिटल गिरफ्तार कर लेता है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि ऐसी फेक कॉल्स पर कभी भी आप विश्वास ना करें, ऐसा कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए.

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कैसे की ठगी : भिलाई में रहने वाले प्राइवेट कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट इंद्रप्रकाश कश्यप के साथ 49 लाख की ठगी हुई है.जिसकी सूचना पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है. प्रार्थी की कंपनी पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में स्थित है. 7 नवंबर को इंद्रप्रकाश कश्यप खड़कपुर के पश्चिम बंगाल में थे. तभी अचानक एक अनजान नंबर से उनके पास फोन कॉल आया. फोन पर बात करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया. सामने वाले ने इंद्रप्रकाश से कहा कि उनके आधार कार्ड से 29 लोगों ने सिम जारी करवाए हैं.इसके बाद उन नंबरों से आपत्तिजनक मैसेज भेजे गए हैं.

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फर्जी साइबर के अफसर ने डराया : इसके बाद ठगों ने मुंबई के कथित साइबर ब्रांच के अधिकारी को फोन ट्रांसफर किया. पीड़ित इंद्रप्रकाश कश्यप को साइबर ब्रांच के अधिकारी ने कहा कि उनके आधार कार्ड से मलाड मुंबई के केनरा बैंक में खाता खोला गया है. उस खाते से करोड़ों का लेनदेन किया गया है. इसमें जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के खाते से भी लेनदेन होने का सबूत मिला है. जिसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है और सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है.

5 दिनों तक किया डिजिटल अरेस्ट : इसके बाद आरोपियों ने फायदा उठाकर जांच होने तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया. आरोपी दिए गए समय पर वीडियो कॉल कर उसकी गतिविधियों पर नजर रखने लगे. फिर आरोपियों ने कहा कि वह सीक्रेट्स सुपरविजन अकाउंट खोल रहे हैं. जिसमें उन्होंने सभी खातों के जमा रुपए का ट्रांसफर करना होगा. जिसे दो दिन बाद वापस कर दिया जाएगा. इसके बाद आरोपियों के कहे अनुसार पीड़ित ने 49 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए. लेकिन जब इंद्रप्रकाश कश्यप को यह बात समझ आई तो उसने तत्काल पुलिस को लिखित में सूचना दर्ज कराई. फिलहाल पुलिस ने मामला कायम कर विवेचना में जुट गई ,तो वहीं पश्चिम बंगाल पुलिस से भी कोऑर्डिनेशन किया जा रहा है.

7 से 11 तारीख के बीच प्रार्थी को डिजिटल अरेस्ट करके 49 लाख रुपए की ठगी की गई है.उस वक्त प्रार्थी वेस्ट बंगाल में थे.जब ये 11 तारीख को वापस आए तो उनको फिर से फोन कॉल करके धमकाया गया.इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ.जिसके बाद भिलाई नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है- सत्यप्रकाश तिवारी, सीएसपी भिलाईनगर

साइबर ठगों से कैसे बचें ? (ETV Bharat Chhattisgarh)

वहीं इस पूरे मामले में साइबर एक्सपर्ट संकल्प राय ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट एक नया प्रकार का साइबर अपराध है.साइबर ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को विश्वास दिलाता है कि अपराध किया है. उन्हें डिजिटल गिरफ्तार कर लेता है. उन्होंने लोगों से अपील की है कि ऐसी फेक कॉल्स पर कभी भी आप विश्वास ना करें, ऐसा कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए.

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