जोधपुर : साइबर ठगों ने शहर में एक बार फिर के महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए ठग लिए. ठगों ने डॉक्टर को 24 घंटे तक वीडियो कॉल कर डिजिटल अरेस्ट रखा और 6 लाख रुपए ऐंठ लिए. रुपए गंवाने के बाद डॉक्टर को ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने फोन बंद कर दिया और साइबर हेल्प लाइन 1930 पर इसकी सूचना दी. बाद में कुड़ी भगातासनी थाने पहुंच कर रिपोर्ट दी. बदमाशों ने महिला डॉक्टर को मनी लॉन्ड्रिंग से अनाधिकृत राशि खाते में जमा होने का डर दिखाकर सीबीआई जांच होने का कहकर ठगी की है. जोधपुर में डिजिटल अरेस्ट कर लाखों रुपए ठगने का यह तीसरा मामला है. तीनों ही मामलों में बदमाशों ने प्रोफेशनल महिलाओं को अपना निशाना बनाया है.
थानाधिकारी राजेंद्र चौधरी के अनुसार व्यास डेंटल कॉलेज के स्टाफ क्वाटर्स में निवासरत मूलतः सिरसी रोड जयपुर निवासी डॉ. नम्रता माथुर के पास 20 सितंबर की शाम वीडियो कॉल आया, जिसमें पुलिस की वर्दी पहने व्यक्ति ने अपना नाम विजय खन्ना बताया. उसने कहा कि आपके नाम का एक खाता कैनरा बैंक मुंबई में खोला गया, जिसमें अनाधिकृत रूप से राशि आई है. उसने डॉक्टर को वाट्सएप्प पर नरेश गोयल मनी लॉड्रिंग केस के दस्तावेज की दो कॉपी भेजी, जिसमे लिखा था कुल 247 एटीएम कार्ड बरामद हुए जो अलग अलग कार्ड हॉल्डर के नाम के हैं और सीबीआई इसकी जांच कर रही है. यह जांच आकाश कुलकर्णी द्वारा निर्मित की गई है.
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नियम बताकर 24 घंटे वीडियो कॉल ऑन रखा : बदमाशों ने सर्विलांस रूल्स एंड रेगुलेशन का पीडीएफ भेजकर डॉक्टर को बताया कि वो नियमानुसार आपको सर्विलांस पर रख रहे हैं. वाट्सएप्प वीडियो कॉल ऑन रखने और किसी से बात नहीं करने का कहा. यदि किसी से बात करना है तो वाट्सएप्प कॉल ऑन करके बात करनी है. इसके बाद आरोपियों ने कहा कि पूरी रात वीडियो कॉल ऑन करके ही रेस्ट करें. यह भी कहा कि आपको 24 घंटे के लिए डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर छह लाख लिए : 21 सितंबर को डॉक्टर के पास फिर वीडियो कॉल आया, जिसमें व्यक्ति ने अपना नाम ऑफिसर विजय खन्ना बताया. वाट्सएप्प पर डिजिटल कस्टडी का पीडीएफ भेजा. उसने सिंकिंग प्रायरटी इन्वेस्टिगेशन की एप्लीकेशन लिखवाई, फिर सुप्रीम कोर्ट सीक्रेट सुपरविजन एकाउंट के साथ एकाउंट जोड़ने की भी एप्लीकेशन लिखवाई. इसके बाद कहा कि आईसीआईसी बैंक के खाते में रुपए डलवाएं. खाता धारक का नाम न्यू समा रोडवेज आया था. इसके बाद बदमाश ने अन्य खातों के बारे में जानकारी लेकर उससे भी छह लाख डालने का कहा, लेकिन इस दौरान डॉक्टर को अहसास हुआ कि फ्रॉड ने उसे डिजिटल अरेस्ट किया है. इस पर उसने फोन काट दिया.
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पहले दो मामले आ चुके हैं सामने : साइबर बदमाशों ने जोधपुर में गत दिनों आईआईटी की एक महिला प्रोफेसर को लंबे समय तक डिजिटल अरेस्ट रख कर 23 लख रुपए ठग लिए थे. इसके बाद हाल ही में मेडिकल कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल को भी इसी तरह से डिजिटल अरेस्ट कर 87 लाख रुपए की ठगी की गई. अब एक निजी डेंटल कॉलेज की डॉक्टर को निशाना बनाया है.