जयपुर : छोटी काशी रविवार को 'बाजै छै नौबत बाजा म्हारा डिग्गीपुरी का राजा' जैसे भजनों की स्वर लहरियों से गुंजायमान हो उठी. कल्याण धणी के जयकारे के साथ 59वीं डिग्गी कल्याणधणी की पद यात्रा रवाना हुई. जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर मंदिर से रवाना हुई इस लक्खी पद यात्रा में हर साल की तरह ही इस बार भी पद यात्रियों के आस्था का सैलाब देखने को मिला. इस दौरान युवा-बुजुर्ग, महिला-पुरुष और बच्चे भी दंडवत करते हुए पद यात्रा में शामिल हुए.
श्रावण शुक्लपक्ष की छठ पर छोटी काशी आस्था और श्रद्धा से सराबोर हो उठी. रविवार को कल्याण धणी की 59वीं लक्खी पद यात्रा रवाना हुई. पूर्व मंत्री और मालवीय नगर से विधायक कालीचरण सराफ ने ध्वज पूजन कर पद यात्रा को विधिवत रूप से रवाना किया. इस दौरान भगवान शिव, बजरंगबली और राधाकृष्ण की सजीव झांकी भी सजाई गई. वहीं, बैंड-बाजे के साथ हाथी पर पचरंगे ध्वज के पीछे-पीछे श्रद्धालु कल्याण धणी के जयकारे लगाते हुए पद यात्रा में शामिल हुए. पद यात्रा के संयोजक श्रीजी शर्मा ने बताया कि ये पद यात्रा 24 कोस दूर टोंक स्थित डिग्गी कल्याण मंदिर पहुंचेगी.
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यात्रा में ग्रामीण और शहरी श्रद्धालु मदरामपुरा, हरसूलिया, फागी और चोसला होकर पांच दिन बाद निज धाम डिग्गी पहुंचेंगे. इस दौरान जगह-जगह पद यात्रियों की ओर से भजन, कीर्तन और सत्संग किया जाएगा. वहीं, मान्यता है कि इस पद यात्रा में शामिल होकर भगवान से जो भी मन्नत मांगी जाती है, वो पूरी हो जाती है. इसी आस्था को लेकर जयपुर और प्रदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस पद यात्रा में शामिल होते हैं. उन्होंने बताया कि 1964 में रामेश्वरलाल शर्मा ने इस यात्रा की शुरुआत की थी. समय के साथ इसकी मान्यता बढ़ती चली गई और आज ये लक्खी पद यात्रा बन गई है.वहीं, विधायक का कालीचरण सराफ ने कहा कि कल्याण धणी की परंपरागत धार्मिक यात्रा ताड़केश्वर महादेव मंदिर से हर साल रवाना होती है और कल्याणधणी धाम पहुंचती है. उन्होंने कल्याण धणी से प्रार्थना की कि सभी पद यात्रियों की मनोकामना पूर्ण हो. वहीं, उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पद यात्रा में डीजे पर बैन लगा रखा था, लेकिन बीजेपी ने ये प्रतिबंध हटा दिया है. साथ ही पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए थे, उस पर काम करते हुए पद यात्रा मार्ग की सड़क दुरुस्त की गई है, ताकि यात्रियों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो.
आपको बता दें कि डिग्गी कल्याण जी की लक्खी पद यात्रा में शाहपुरा, मनोहरपुर, बांदीकुई, चाकसू, बस्सी, दौसा, आमेर, और भानपुर सहित कई स्थानों से छोटी पद यात्राएं सुबह ही चौड़ा रास्ता पहुंची. वहीं, पद यात्रियों की सेवा के लिए यात्रा मार्ग पर शहरभर के कई धार्मिक, व्यापारिक और सामाजिक संगठनों की ओर से प्रसाद स्टॉल्स लगाई गई.