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NEET रिजल्ट के बाद काउंसलिंग के लिए चिंता, इस बार 690 अंक पर भी PMCH मिलना मुश्किल - NEET Results

नीट परीक्षा परिणाम घोषित हो गया है लेकिन पीएमसीएच में काउंसिलिंग को लेकर मेरिट हाई जा रही है. इसलिए इस बार पीएमसीएच में एडमिशन कराना मुश्किल है. 690 से ऊपर अंक लाने वाले को ही इसका चांस मिल सकता है. पढ़ें पूरी खबर-

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690 से अधिक अंक पर ही एडमिशन संभव (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 18, 2024, 10:36 PM IST

पटना : नीट परीक्षा परिणाम इस बार कुछ ऐसा है कि काउंसलिंग के लिए अभ्यर्थियों को काफी सोच विचार कर कॉलेज चुनना होगा. पिछली बार जहां 651 अंक पर 4245 रैंक मिल रहा था वहीं इस बार 647 अंक पर 32047 रैंक है. 690 अंक लाने पर इस बार 4406 रैंक है. ऐसे में अब तक नीट परीक्षा में 650 अंक जो बेहतर अंक माना जाता था वह काफी कमजोर अंक हो गया है.

पीएमसीएच में एडमिशन टफ : ऐसे में यदि बात करें प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की तो इस बार बच्चों को दाखिला में काफी मुश्किलें होने वाली है. साल 2023 में पीएमसीएच में सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ रैंक 3040 से 3770 था, वहीं ओबीसी के लिए 4580 से 5770 था. 650 अंक पर रैंक 4677 था. विभिन्न राउंड के कट ऑफ के बाद जनरल कैटेगरी में 635 अंक से ऊपर पर एडमिशन हुए थे.

690 से अधिक अंक पर ही एडमिशन संभव : 620 अंक से ऊपर रहने पर ओबीसी कैटेगरी के एडमिशन हुए थे. साल 2022 की बात करें तो सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ रैंक 1600 से 3500 था. ओबीसी के लिए 2500 से 4200 था. विभिन्न राउंड के कट ऑफ के बाद सामान्य केटेगरी में 610 अंक से ऊपर और ओबीसी कैटेगरी में 590 अंक से अधिक पर ही नामांकन हुआ था.ऐसे में यदि इस वर्ष की बात करें तो 2024 सत्र में पीएमसीएच में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए न्यूनतम अंक 690 से अधिक होने चाहिए और ओबीसी के लिए 684 से अधिक होने चाहिए.

ये है वजह : विभिन्न राउंड के कट के बाद दोनों कैटेगरी में 650 अंक से अधिक रहने पर ही नामांकन की कोई संभावना बन रही है. इसके पीछे वजह यह है कि 700 अंक पर इस बार रैंक 2250 हैं और 690 अंक पर 4406 रैंक है. 656 अंक पर रैंक 25500 चला जा रहा है. ऐसे में साल 2023 में जहां 651 अंक पर 4245 रैंक प्राप्त हुए थे, वहीं इस बार 656 अंक पर 25500 रैंक मिला है.

'परीक्षा में धांधली का व्यापक असर' : आईएमए की इकाई जूनियर डॉक्टर नेटवर्क के अध्यक्ष डॉ सौरव कुमार ने कहा है कि परीक्षा का यह रिजल्ट पूरी तरीके से गड़बड़ है और परीक्षा में धांधली व्यापक पैमाने पर हुई है. धांधली के प्रतिदिन नए साक्ष्य मिल रहे हैं. ऐसे में परीक्षा को हर हाल में रद्द कर जल्द पुनर्परीक्षा आयोजित करानी चाहिए. यह छात्रों के हित में भी होगा, देश हित में भी होगा और चिकित्सा जगत के हित में भी होगा. यदि इस रिजल्ट के आधार पर एडमिशन होते हैं तो यह मेडिकल की तैयारी कर रहे मेधावी छात्रों के साथ क्रूर मजाक होगा. परीक्षा हर हाल में रद्द होनी चाहिए.

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पटना : नीट परीक्षा परिणाम इस बार कुछ ऐसा है कि काउंसलिंग के लिए अभ्यर्थियों को काफी सोच विचार कर कॉलेज चुनना होगा. पिछली बार जहां 651 अंक पर 4245 रैंक मिल रहा था वहीं इस बार 647 अंक पर 32047 रैंक है. 690 अंक लाने पर इस बार 4406 रैंक है. ऐसे में अब तक नीट परीक्षा में 650 अंक जो बेहतर अंक माना जाता था वह काफी कमजोर अंक हो गया है.

पीएमसीएच में एडमिशन टफ : ऐसे में यदि बात करें प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की तो इस बार बच्चों को दाखिला में काफी मुश्किलें होने वाली है. साल 2023 में पीएमसीएच में सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ रैंक 3040 से 3770 था, वहीं ओबीसी के लिए 4580 से 5770 था. 650 अंक पर रैंक 4677 था. विभिन्न राउंड के कट ऑफ के बाद जनरल कैटेगरी में 635 अंक से ऊपर पर एडमिशन हुए थे.

690 से अधिक अंक पर ही एडमिशन संभव : 620 अंक से ऊपर रहने पर ओबीसी कैटेगरी के एडमिशन हुए थे. साल 2022 की बात करें तो सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ रैंक 1600 से 3500 था. ओबीसी के लिए 2500 से 4200 था. विभिन्न राउंड के कट ऑफ के बाद सामान्य केटेगरी में 610 अंक से ऊपर और ओबीसी कैटेगरी में 590 अंक से अधिक पर ही नामांकन हुआ था.ऐसे में यदि इस वर्ष की बात करें तो 2024 सत्र में पीएमसीएच में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के बच्चों के लिए न्यूनतम अंक 690 से अधिक होने चाहिए और ओबीसी के लिए 684 से अधिक होने चाहिए.

ये है वजह : विभिन्न राउंड के कट के बाद दोनों कैटेगरी में 650 अंक से अधिक रहने पर ही नामांकन की कोई संभावना बन रही है. इसके पीछे वजह यह है कि 700 अंक पर इस बार रैंक 2250 हैं और 690 अंक पर 4406 रैंक है. 656 अंक पर रैंक 25500 चला जा रहा है. ऐसे में साल 2023 में जहां 651 अंक पर 4245 रैंक प्राप्त हुए थे, वहीं इस बार 656 अंक पर 25500 रैंक मिला है.

'परीक्षा में धांधली का व्यापक असर' : आईएमए की इकाई जूनियर डॉक्टर नेटवर्क के अध्यक्ष डॉ सौरव कुमार ने कहा है कि परीक्षा का यह रिजल्ट पूरी तरीके से गड़बड़ है और परीक्षा में धांधली व्यापक पैमाने पर हुई है. धांधली के प्रतिदिन नए साक्ष्य मिल रहे हैं. ऐसे में परीक्षा को हर हाल में रद्द कर जल्द पुनर्परीक्षा आयोजित करानी चाहिए. यह छात्रों के हित में भी होगा, देश हित में भी होगा और चिकित्सा जगत के हित में भी होगा. यदि इस रिजल्ट के आधार पर एडमिशन होते हैं तो यह मेडिकल की तैयारी कर रहे मेधावी छात्रों के साथ क्रूर मजाक होगा. परीक्षा हर हाल में रद्द होनी चाहिए.

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