कुचामनसिटी. ड्रग्स समेत अन्य नशे के लिए नागौर और नवीन जिला डीडवाना-कुचामन बड़ा हब बन गया है. कुचामन में पिछले 5 सालों में युवा नशे के दलदल में फंसने लगे हैं. युवा खतरनाक ड्रग्स और एमडी के नशे का आदि होने लगा है. डीडवाना कुचामन एसपी राजेन्द्र कुमार मीणा का कहना है कि जनवरी से अब तक हुई कार्रवाई में डीडवाना कुचामन सहित पूरे नागौर में करीब 8 करोड़ से अधिक के मादक पदार्थ बरामद किए जा चुके हैं. स्मैक,एमडी भी दूसरे जिलों से नागौर लाई जा रही हैं. पुलिस के कागजों में एनडीपीएस मामलों की संख्या भी बढ़ गई है. नशे की तस्करी के आरोप में पकड़े जाने वाले युवाओं की उम्र महज 20-22 साल है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ चिकित्सक : कुचामन के राजकीय चिकित्सालय के मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि कुचामन में अब तक 100 से ज्यादा युवा स्मैक, 10 से ज्यादा युवा एमडी का नशा करने वाले नशा छुड़ाने के लिए आ चुके हैं. यह नशा अधिक मात्रा में सेवन करने पर जानलेवा भी हो सकता है. हालांकि नशे के आदि युवाओं को उपचार की मदद से नशा छुड़ाया जा सकता है.
नशे का यह कारोबार : कुचामन शहर में कई जगहों पर ड्रग्स, एमडी, गांजे और अफीम के ठिकाने बना रखें है. इसमें कुचामन शहरी क्षेत्र समेत बाईपास के कई ढाबे और चाय की थड़ियों पर खुलेआम नशे का सेवन किया जाता है. कई युवा इंजेक्शन की मदद से अपने खून में इंजेक्ट कर रहे हैं. युवा इसके लिए प्रतिदिन हजारों रुपए भी खर्च कर रहे हैं. एमडी का एक ग्राम का पाउच 1000 से 1500 रुपए में बेचा जा रहा है. ड्रग्स बेचने वाले युवाओं की लग्जरी लाइफस्टाइल देखकर दूसरे युवा भी इनकी तरफ आसानी से आकर्षित हो जाते हैं. ड्रग्स बेचने वाले अधिकांश तौर पर व्हाट्सअप कॉलिंग पर ही बात करते हैं. युवाओं में ड्रग्स और स्मैक का चलन बढ़ने के पीछे मुख्य कारण यह है कि किसी को देखकर पता लगा पाना मुश्किल है कि उसने नशा किया है या नहीं.