वाराणसी : विशेष न्यायाधीश अनुतोष कुमार शर्मा की अदालत ने सात वर्षीय बच्ची के शारीरिक शोषण के मामले में आरोपी को दोषी करार दिया. कोर्ट ने नगर निगम के सफाई कर्मी बृजेश हेला को 20 साल कैद की सजा सुनाई. अदालत ने दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
विशेष लोक अभियोजक मधुकर उपाध्याय के मुताबिक वादिनि ने वर्ष 2019 में आदमपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. आरोप लगाया था कि वह आदमपुर इलाके में रहती है. वह सफाई कर्मी है. वह काम पर गई थी. उसकी सात वर्षीय बच्ची घर पर थी. जब वह घर लौटी तो उसकी बच्ची की हालत खराब थी.
बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. नगर निगम के सफाई कर्मी बृजेश हेला ने बहला-फुसला कर बच्ची के साथ गलत काम किया था. आदमपुरा थाने में मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया.
कोर्ट ने दोनों पक्षों के सुनने व साक्ष्य के अवलोकन के बाद आरोपी को दोषी करार दिया. 20 साल की कैद की सजा के साथ उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
चेक बाउंस में आरोपी को छह माह की सजा : एक अन्य मामले की सुनवाई को लेकर चेक बाउंस होने पर पीठासीन अधिकारी अतिरिक्त न्यायालय सूर्य कुमार सिंह की अदालत ने दोषी नीरज सिंह को छह माह के कारावास और 5 लाख 62 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है. अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह के कारावास की सजा और भुगतनी होगी.
अर्थदंड की धनराशि में से 5 लाख 60 हजार रुपये परिवादी को देने का आदेश पारित किया है. अदालत में परिवादी का पक्ष प्रशांत पांडेय व अनुराग सिंह ने रखा.
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