राजनांदगांव: डायरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा होने से जिले का स्वास्थ्य अमला एक्शन मोड में आ गया है. 10 से 15 गांवों में डायरिया का असर देखा जा रहा है. डायरिया के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अब डोर टू डोर सर्वे का काम भी शुरु हो चुका है. सर्वे के जरिए लोगों को दवाएं भी दी जा रही हैं. प्रभावित इलाके और गांवों में स्वास्थ्य कैंप भी लगाया जा रहा है. कैंपों के जरिए लोगों को दवाएं और जांच भी की जा रही है.
डायरिया के मरीजों की बढ़ी संख्या: डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी लोगों को जागरुक करने में जुट गया है. डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के जरिए लोगो हेल्थ टिप्स भी दिए जा रहे हैं. लोगों को बताया जा रहा है कि पानी को उबाल कर पीएं. समय पर दवाएं और डॉक्टरी जांच जरुरी है. डॉक्टर ये भी बता रहे हैं कि अगर सेहत में लगातार गिरावट आ रही है तो अस्पताल में भर्ती होना भी जरूरी है. घर पर रहकर इलाज करने से स्थिति और गंभीर हो सकती है.
''दस से पंद्रह गांवों में डायरिया के केसेस ज्यादा मिले हैं. मरीजों को दवाएं दी जा रही है. फिलहाल मेडिकल कॉलेज में 27 मरीजों का इलाज चल रहा है. लोगों से हमारी अपील है कि वो पानी को उबाल कर पीएं. पूर्व में जिन लोगों की मौत डायरिया से होने की बात कही गई उनकी जांच रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं मिला. तीनों लोगों की मौत अलग अलग बीमारियों के चलते हुई''. - डॉ नेतराम नवरत्न, सीएमएचओ
साफ सफाई का रखें ध्यान: बारिश के मौसम में हर साल डायरिया का प्रभाव बढ़ने लगता है. लोगों की भी शिकायत रहती है कि इलाके में साफ सफाई नहीं होने से डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है. गंदगी और पीने के पानी में सफाई नहीं होने के चलते ये दिक्कत सामने आती है. लोगों को भी चाहिए कि बारिश के दिनों में साफ सफाई का ध्यान रखें.