धार। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मध्य प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर सोमवार को मतदान हुआ. इसमें धार लोकसभा भी शामिल है. यहां 71.50 प्रतिशत वोट डाले गए. यहां मुख्य मुकाबला भाजपा की सावित्री ठाकुर और कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल के बीच है. भाजपा के छतर सिंह दरबार वर्तमान में यहां से सांसद हैं लेकिन बीजेपी ने इस बार पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा है. धार सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है. यह लोकसभा सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है.
19 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे फैसला
एसटी वर्ग के लिए आरक्षित धार लोकसभा सीट पर कुल 19 लाख 53834 मतदाता हैं. जिसमें 9 लाख 75 हजार पुरुष और 9 लाख 71 हजार महिला मतदाता शामिल हैं. अपना सांसद चुनने के लिए सोमवार को मतदाताओं ने यहां वोट डाले. यहां मुख्य मुकाबला भाजपा की सावित्री ठाकुर और कांग्रेस के राधेश्याम मुवेल के बीच है.
वर्तमान में छतर सिंह दरबार हैं सांसद
धार लोकसभा सीट पर 2014 और 2019 में भाजपा को जीत मिली थी. वर्तमान में भाजपा के छतर सिंह दरबार यहां से सांसद हैं. इस बार भाजपा ने पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है. सावित्री ठाकुर 2014 में धार लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुकी हैं. इस बार कांग्रेस पार्टी ने नए उम्मीदवार राधेश्याम मुवैल को टिकट दिया है. धार लोकसभा सीट की 8 विधानसभा सीटों पर विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर कांग्रेस को विजय मिली थी. जिसकी वजह से यहां चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. यहां के आदिवासी मतदाता ही निर्णायक स्थिति में होते हैं.
2019 में 70.12 था मतदान प्रतिशत
2019 के लोकसभा चुनाव में 70.12% मतदान हुआ था और कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा उम्मीदवार छतर सिंह दरबार को कड़ी टक्कर दी थी. बीजेपी के छतर सिंह दरबार को आम चुनाव में 7,22,147 वोट मिले थे और उन्होंने 1,56,029 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी वहीं कांग्रेस के गिरवाल दिनेश को 5,66,118 वोट मिले थे.
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धार लोकसभा सीट का इतिहास
धार लोकसभा सीट 1962 में अस्तित्व में आई थी. बीजेपी अध्यक्ष रहे कुशाभाऊ ठाकरे की जन्मस्थली धार ही है. यहां शुरूआत के 3 लोकसभा चुनाव में जनसंघ ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद अधिकांश चुनाव में जनता अपना सांसद अलग अलग पार्टियों से चुनती रही. ज्यादातर कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार ही अलग-अलग जीतते रहे. यहां फिलहाल कोर्ट के आदेश पर भोजशाला का सर्वे चल रहा है ऐसे में धार में चुनावी मुद्दे संवेदनशील ही होते हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां 8 में से 5 सीटों पर विजय पताका फहराया था. ऐसे में यहां कांग्रेस को कमजोर नहीं आंका जा सकता है. अगर 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो यहां बीजेपी पार्टी के उम्मीदवार ही जीते थे. यह सीट एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं ऐसे में यहां आदिवासी वोटर्स ही निर्णायक स्थिति में रहते हैं.