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बजट में जमरानी बांध परियोजना के लिए 710 करोड़ रुपए की मंजूरी, काम में आएगी तेजी - जमरानी बांध परियोजना

Budget For Jamrani Dam Project धामी सरकार ने बजट सत्र में जमरानी बांध परियोजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब 710 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है. ऐसे में अब बांध परियोजना के निर्माण गति पकड़ेगा. जमरानी बांध परियोजना से जहां लोगों को पीने और सिंचाई के लिए पानी मिलेगा तो वहीं बिजली का उत्पादन भी होगा. हालांकि, शुरूआत में बिजली उत्पादन न करने की बात कही गई है.

Budget For Jamrani Dam Project
जमरानी बांध परियोजना
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 28, 2024, 10:26 PM IST

Updated : Feb 28, 2024, 10:31 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के निर्माण में अब तेजी आएगी. विधानसभा बजट सत्र में जमरानी बांध परियोजना के लिए करीब 710 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. जिससे बांध निर्माण का काम गति पकड़ेगा. साथ ही विस्थापन और पुनर्वास के काम में भी तेजी आएगी. इस बांध का निर्माण प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है.

बता दें कि साल 1975 से तराई भाबर के लोग जमरानी बांध के बनने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि, हल्द्वानी में पेयजल की समस्या दूर हो और तराई में सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सके. जमरानी बांध के निर्माण के लिए कई धरना प्रदर्शन हुए. इतना ही नहीं जमरानी बांध लंबे समय तक चुनावी मुद्दा भी रहा है. जमरानी बांध को चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने भुनाने का काम किया. ऐसे में बीते साल 2023 अक्टूबर महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने जमरानी बांध निर्माण को लेकर हरी झंडी दी. जिसके बाद इस बांध के निर्माण का रास्ता साफ हो गया.

जमरानी बांध का निर्माण करीब 2,584.10 करोड़ रुपए की लागत से किया जाना है. जिसमें 1,557.18 करोड़ रुपए की सहायता केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी. जिसे मार्च 2028 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. इस जमरानी बांध परियोजना से 63.4 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करने की बात कही गई थी. हालांकि, अभी बिजली उत्पादन पर रोक लगाई गई है. इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने दी. वहीं, इस बांध से 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर पीने का पानी मिलेगा. इसके अलावा करीब 57 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी की सुविधा मिलेगी.

गौर हो कि जमरानी बांध का मामला उस वक्त से चल रहा है, जब करीब 48 साल पहले इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. तब उत्तर प्रदेश में पानी की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार बांध का निर्माण करना चाहती थी. इतना ही नहीं इस योजना को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने कागजों में भी उतारा था, लेकिन यह योजना सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई थी. अब मोदी सरकार के आने के बाद जमरानी बांध निर्माण का रास्ता साफ हुआ.

जमरानी बांध की लंबाई करीब 9 किलोमीटर और चौड़ाई करीब 130 मीटर होगा. जबकि, 485 मीटर ऊंचा होगा. जमरानी परियोजना को तकनीकी स्वीकृति केंद्रीय जल आयोग ने फरवरी 2019 में दी थी. बांध निर्माण के लिए वन विभाग ने 351.49 हेक्टेयर जमीन भी दी है. शुरूआती तौर पर सरकार ने 89 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी. अब बजट में 710 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.

जमरानी बांध परियोजना की खासियत-

  • जमरानी बांध 9 किलोमीटर लंबी, 130 किलोमीटर चौड़ी और 485 मीटर ऊंचा होगा
  • इस बांध में करीब 142.3 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी जमा होगा
  • जमरानी बांध से 42.7 मिलियन क्यूबिक मीटर शुद्ध पानी पेयजल के लिए उपलब्ध हो सकेगा
  • जमरानी बांध परियोजना में 14 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा
  • जमरानी बांध परियोजना निर्माण को साल 1975 में मिली थी सैद्धांतिक मंजूरी

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देहरादून: उत्तराखंड की बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के निर्माण में अब तेजी आएगी. विधानसभा बजट सत्र में जमरानी बांध परियोजना के लिए करीब 710 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. जिससे बांध निर्माण का काम गति पकड़ेगा. साथ ही विस्थापन और पुनर्वास के काम में भी तेजी आएगी. इस बांध का निर्माण प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है.

बता दें कि साल 1975 से तराई भाबर के लोग जमरानी बांध के बनने का इंतजार कर रहे हैं. ताकि, हल्द्वानी में पेयजल की समस्या दूर हो और तराई में सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सके. जमरानी बांध के निर्माण के लिए कई धरना प्रदर्शन हुए. इतना ही नहीं जमरानी बांध लंबे समय तक चुनावी मुद्दा भी रहा है. जमरानी बांध को चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने भुनाने का काम किया. ऐसे में बीते साल 2023 अक्टूबर महीने में केंद्रीय कैबिनेट ने जमरानी बांध निर्माण को लेकर हरी झंडी दी. जिसके बाद इस बांध के निर्माण का रास्ता साफ हो गया.

जमरानी बांध का निर्माण करीब 2,584.10 करोड़ रुपए की लागत से किया जाना है. जिसमें 1,557.18 करोड़ रुपए की सहायता केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी. जिसे मार्च 2028 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. इस जमरानी बांध परियोजना से 63.4 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करने की बात कही गई थी. हालांकि, अभी बिजली उत्पादन पर रोक लगाई गई है. इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने दी. वहीं, इस बांध से 42.70 मिलियन क्यूबिक मीटर पीने का पानी मिलेगा. इसके अलावा करीब 57 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी की सुविधा मिलेगी.

गौर हो कि जमरानी बांध का मामला उस वक्त से चल रहा है, जब करीब 48 साल पहले इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं. तब उत्तर प्रदेश में पानी की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार बांध का निर्माण करना चाहती थी. इतना ही नहीं इस योजना को तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार ने कागजों में भी उतारा था, लेकिन यह योजना सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गई थी. अब मोदी सरकार के आने के बाद जमरानी बांध निर्माण का रास्ता साफ हुआ.

जमरानी बांध की लंबाई करीब 9 किलोमीटर और चौड़ाई करीब 130 मीटर होगा. जबकि, 485 मीटर ऊंचा होगा. जमरानी परियोजना को तकनीकी स्वीकृति केंद्रीय जल आयोग ने फरवरी 2019 में दी थी. बांध निर्माण के लिए वन विभाग ने 351.49 हेक्टेयर जमीन भी दी है. शुरूआती तौर पर सरकार ने 89 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी. अब बजट में 710 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं.

जमरानी बांध परियोजना की खासियत-

  • जमरानी बांध 9 किलोमीटर लंबी, 130 किलोमीटर चौड़ी और 485 मीटर ऊंचा होगा
  • इस बांध में करीब 142.3 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी जमा होगा
  • जमरानी बांध से 42.7 मिलियन क्यूबिक मीटर शुद्ध पानी पेयजल के लिए उपलब्ध हो सकेगा
  • जमरानी बांध परियोजना में 14 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा
  • जमरानी बांध परियोजना निर्माण को साल 1975 में मिली थी सैद्धांतिक मंजूरी

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Last Updated : Feb 28, 2024, 10:31 PM IST
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